खामेनेई के आगे नहीं चली ट्रंप की सीजफायर एक्स्प्रेस, ईरान ने सिरे से खारिज किया बातचीत का ऑफर

    Iran and Israel War: पश्चिम एशिया की फिज़ाओं में इन दिनों सिर्फ बारूद की गंध है और तनाव का माहौल दिनों-दिन खतरनाक होता जा रहा है. ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य टकराव में फिलहाल कोई ठहराव नजर नहीं आ रहा.

    Iran denies trump ceasefire offer will talk when proper response
    नहीं चली ट्रंप की सीजफायर एक्स्प्रेस

    Iran and Israel War: पश्चिम एशिया की फिज़ाओं में इन दिनों सिर्फ बारूद की गंध है और तनाव का माहौल दिनों-दिन खतरनाक होता जा रहा है. ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य टकराव में फिलहाल कोई ठहराव नजर नहीं आ रहा. जहां एक ओर दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं, वहीं शांति प्रयासों को भी बड़ा झटका लगा है.

    ईरान का सीजफायर से इनकार

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने साफ तौर पर किसी भी तरह के युद्धविराम (सीजफायर) की बातचीत से इनकार कर दिया है. कतर और ओमान जैसे मध्यस्थ देशों के जरिए कोशिशें की जा रही थीं कि संघर्ष को कूटनीतिक रास्ते पर लाया जाए, लेकिन ईरान ने संकेत दिया है कि जब तक वह इजरायल के हमलों का पूरी तरह से जवाब नहीं दे देता, तब तक किसी भी समझौते पर चर्चा संभव नहीं है. रॉयटर्स को एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, "ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह संघर्ष के बीच कोई सौदा नहीं करेगा. पहले हमलों का जवाब दिया जाएगा, फिर बात होगी."

    शुक्रवार को हुए हमले ने बढ़ाया तनाव

    गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को इजराइल ने ईरान पर बड़ी सैन्य कार्रवाई की थी, जिसमें ईरान के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी की मौत हो गई थी और कथित तौर पर कुछ परमाणु ठिकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा. इसके बाद ईरान ने भी पलटवार की धमकी दी और कहा कि वह इजरायल को इसका “कड़ा जवाब” देगा.

    ट्रंप की निर्णायक भूमिका

    इस बीच एक और बड़ी जानकारी सामने आई है, जिसने इस संघर्ष के राजनीतिक पहलू को और भी जटिल बना दिया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस योजना पर रोक लगा दी जिसमें इजरायल, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाना चाहता था. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इजरायल ने ट्रंप प्रशासन को सूचित किया था कि वह खामेनेई की टारगेटेड किलिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है. हालांकि, व्हाइट हाउस की तरफ से तुरंत संदेश भेजा गया कि ट्रंप इस योजना के पक्ष में नहीं हैं.

    संघर्ष को और भड़काने से रोकना चाहता था अमेरिका

    सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन को डर था कि खामेनेई जैसे शीर्ष नेता को निशाना बनाना पूरे क्षेत्र को एक भयंकर युद्ध की ओर धकेल सकता है. अमेरिका नहीं चाहता था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम खत्म करने की कोशिश, एक व्यापक और नियंत्रण से बाहर संघर्ष का रूप ले ले. ट्रंप ने इस योजना को वीटो करके यह संकेत दिया कि अमेरिका फिलहाल तनाव को बढ़ाने से बचना चाहता है, खासकर तब जब ईरान-इजरायल युद्ध का प्रभाव वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है.

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