Iran Israel War: ट्रंप न रोकते तो ईरान के सुप्रीम लीडर की हत्या कर देता इजरायल! मिसाइल गिराने की थी तैयारी

    Iran Israel War: पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध की आग में जल रहा है, लेकिन इस संघर्ष के बीच पर्दे के पीछे की एक सनसनीखेज कहानी ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. सूत्रों के अनुसार, इजराइल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की योजना बना ली थी.

    iran-israel-war-israel-planning-to-kill-khamenei-iran-supreme-leader
    ट्रंप न रोकते तो ईरान के सुप्रीम लीडर की हत्या कर देता इजरायल!

    Iran Israel War: पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध की आग में जल रहा है, लेकिन इस संघर्ष के बीच पर्दे के पीछे की एक सनसनीखेज कहानी ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. सूत्रों के अनुसार, इजराइल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की योजना बना ली थी. लेकिन, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस योजना को आखिरी समय में रोक दिया  और इसी ने एक संभावित परमाणु युद्ध को टाल दिया.

    गुप्त योजना और अमेरिकी दखल

    रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वॉशिंगटन के शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट किया था कि जब तक ईरान सीधे किसी अमेरिकी नागरिक को निशाना नहीं बनाता, तब तक अमेरिका ईरानी नेतृत्व पर हमले की अनुमति नहीं देगा. हालांकि, इजराइल के प्रमुख चैनल-12 ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनके लिए कोई भी नेता ‘अछूत’ नहीं है. ट्रंप द्वारा हमले को रोकने की पुष्टि अब भी विवादित बनी हुई है.

    नेतन्याहू की चुप्पी और इशारा

    जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस मुद्दे पर सवाल किया गया, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया. लेकिन फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने संकेत दिया कि ईरान की सत्ता को कमजोर करने का रास्ता इजराइली हमलों से खुल सकता है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि हमलों से पहले अमेरिका को इसकी जानकारी दी गई थी. यह इस बात का प्रमाण है कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद चल रहा था.

    टारगेटेड किलिंग की पुष्टि

    इसी इंटरव्यू में नेतन्याहू ने यह भी बताया कि इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजमी और उनके डिप्टी हसन मोहक्केक को मार गिराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान ने नौ परमाणु बम के बराबर यूरेनियम इकट्ठा किया था, जिसके चलते यह कार्रवाई ज़रूरी हो गई.

    खामेनेई पर निशाना या कूटनीति?

    अब सबसे बड़ा सवाल यह है: क्या खामेनेई की हत्या का आदेश सच में दिया गया था और ट्रंप ने उसे रोका? या यह केवल राजनीतिक दबाव और कूटनीति का हिस्सा था? जहां रॉयटर्स अमेरिकी पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं चैनल-12 इजराइली दृष्टिकोण सामने रखता है. जो भी हो, एक बात तो साफ है— अगर ईरान के सर्वोच्च नेता पर हमला होता, तो मध्य पूर्व एक विनाशकारी युद्ध की ओर बढ़ जाता.

    बैकचैनल कूटनीति और ट्रंप की रणनीति

    जंग के माहौल के बीच पर्दे के पीछे बातचीत और मध्यस्थता के प्रयास भी जारी हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने दोहरी रणनीति अपनाई— एक ओर उन्होंने ईरान को सख्त चेतावनी दी, वहीं दूसरी ओर ‘शांति समझौते’ की बात भी की. ट्रुथ सोशल पर उन्होंने लिखा कि ईरान और इजराइल के बीच समझौता संभव है और वे इस संघर्ष को खत्म करना चाहते हैं. तुर्किए के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन ने भी ट्रंप से फोन पर बात कर मध्यस्थता की पेशकश की है, विशेष रूप से परमाणु मुद्दे को सुलझाने को लेकर.

    ईरानी शहरों पर ताबड़तोड़ हमले

    वर्तमान में युद्ध थमता नजर नहीं आ रहा है. इजराइली सेना ने लगातार तीसरे दिन तेहरान, इस्फहान और मशहद पर मिसाइलें दागीं. दावा किया गया कि ईरान के रक्षा मंत्रालय, तेल-गैस भंडारण और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. शनिवार को तेहरान के एक रिहायशी टॉवर पर मिसाइल गिरने से 60 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 29 बच्चे शामिल थे. ईरान ने जवाबी कार्रवाई में दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल पर छोड़ीं, हालांकि इजराइली रक्षा बल (IDF) ने दावा किया कि अधिकतर मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया गया.

    यह भी पढ़ें: 5 साल में जन्म लेंगे सुपरह्यूमन! AI से लैस होंगे इंसान, अरबपति का दावा, इस तकनीक से बदल जाएगी इंसानी नस्ल