वॉशिंगटन डीसी: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है. भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयानों को "नाटकीय, भ्रामक और तथ्यविहीन" बताते हुए पलटवार किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति का मूल आधार आतंकवाद को बढ़ावा देना और सच को झूठ से ढंकना है.
गहलोत ने पाकिस्तान पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें आतंकवादियों को संरक्षण देने, सैन्य हमलों को छुपाने, और संयुक्त राष्ट्र में झूठे प्रचार करने जैसी बातें शामिल थीं. भारत ने इस मंच से दो टूक कह दिया कि वह सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा.
शहबाज शरीफ के दावों पर भारत का जवाब
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को UN में भाषण देते हुए भारत के खिलाफ कठोर टिप्पणियां की थीं. उन्होंने दावा किया कि मई 2025 में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने भारत के 7 लड़ाकू विमान गिरा दिए और संघर्ष में विजय प्राप्त की.
इसके जवाब में भारत की प्रतिनिधि पेटल गहलोत ने इन बयानों को "बेतुका नाटक" करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि मई संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने खुद भारत पर हमले की धमकियां दी थीं, लेकिन 10 मई को भारतीय सेना ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिए थे.
#WATCH | New York | Exercising the right of reply of India on Pakistan PM Shehbaz Sharif's speech, Indian diplomat Petal Gahlot says, "Mr President, this assembly witnessed absurd theatrics in the morning from the Prime Minister of Pakistan, who once again glorified terrorism… pic.twitter.com/ALR2AnDoA9
— ANI (@ANI) September 27, 2025
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान 9 मई तक भारत को धमका रहा था. 10 मई को हमने बहावलपुर, सियालकोट और मुल्तान जैसे प्रमुख एयरबेस पर हमले किए. इसके बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की गुहार लगाई. अगर जले हुए एयरपोर्ट उनके लिए जीत का प्रतीक हैं, तो उन्हें बधाई. वे चाहें तो इसका जश्न मना सकते हैं."
भारत ने कश्मीर और जनमत संग्रह के दावों को नकारा
शरीफ ने अपने भाषण में हमेशा की तरह कश्मीर मुद्दे को उठाया और कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के "संघर्ष" के साथ है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से जनमत संग्रह कराने की भी मांग की और आरोप लगाया कि भारत "मानवाधिकारों का उल्लंघन" कर रहा है.
गहलोत ने इसे "हर साल दोहराया जाने वाला घिसा-पिटा स्क्रिप्टेड ड्रामा" कहा और दो टूक कहा कि, "जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. वहां जो कुछ भी हो रहा है, वो भारत का आंतरिक मामला है. पाकिस्तान को अपने घर की सफाई करनी चाहिए, दूसरों की चिंता छोड़कर."
भारत-पाकिस्तान मुद्दों में तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं
भारत ने इस मंच से फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद का समाधान द्विपक्षीय बातचीत से ही होगा, किसी बाहरी या तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए.
गहलोत ने कहा, "भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम आतंकवाद और झूठे प्रचार के सामने झुक जाएं. पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर है. एक ओर वे शांति की बात करते हैं, और दूसरी ओर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देते हैं."
आतंकवादियों को सम्मान देने का आरोप
गहलोत ने पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति नीति पर गहरी आपत्ति जताई और ऑपरेशन 'सिंदूर' का उल्लेख किया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया था.
गहलोत ने कहा, "हमने उन आतंकियों की तस्वीरें देखीं जिन्हें पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी खुलेआम श्रद्धांजलि दे रहे थे. क्या यह साफ नहीं करता कि आतंकवाद पाकिस्तान की सत्ता का हिस्सा बन चुका है?"
'पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है'- भारत
भारत ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने 25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक कुख्यात आतंकी संगठन "द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)" को ब्लैकलिस्ट होने से बचा लिया. यह वही संगठन है, जिसने जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की हत्या की थी.
इसके अलावा, भारत ने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को दस साल तक छिपाकर रखा, और अब भी उसके नेता सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार करते हैं कि पाकिस्तान में आतंकी शिविर वर्षों से संचालित हो रहे हैं.
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