DU में पढ़ाई, गाने की शौकीन... कौन हैं भारत की बेटी पेटल गहलोत, जिन्होंने UNGA में पाकिस्तान को लताड़ा?

    संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) 2025 में भारत की ओर से एक युवा महिला राजनयिक की आवाज़ ने पाकिस्तान के झूठ और पाखंड को पूरे आत्मविश्वास और तार्किकता के साथ बेनकाब कर दिया.

    Who is Patel Gehlot who slammed Pakistan at the UNGA
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    संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) 2025 में भारत की ओर से एक युवा महिला राजनयिक की आवाज़ ने पाकिस्तान के झूठ और पाखंड को पूरे आत्मविश्वास और तार्किकता के साथ बेनकाब कर दिया. यह आवाज़ थी पेटल गहलोत की, जो आज भारतीय कूटनीति का एक नया, सशक्त और निर्भीक चेहरा बनकर उभरी हैं.

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में भारत पर आक्रामक रवैये, कश्मीर में मानवाधिकार हनन, और हालिया सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कई आरोप लगाए. लेकिन भारत की ओर से जवाब देने के अधिकार (Right to Reply) के तहत जब पेटल गहलोत ने मंच संभाला, तो उन्होंने पाकिस्तान की दोहरी नीति को तथ्यों और ऐतिहासिक घटनाओं के माध्यम से ज़ोरदार तरीके से उजागर किया.

    कौन हैं पेटल गहलोत?

    पेटल गहलोत एक तेज़-तर्रार और प्रतिभाशाली भारतीय राजनयिक हैं, जो भारतीय विदेश सेवा (IFS) 2015 बैच की अधिकारी हैं. मूल रूप से नई दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी पेटल का शैक्षणिक और पेशेवर सफर अत्यंत प्रेरणादायक रहा है.

    शिक्षा और अकादमिक पृष्ठभूमि

    उन्होंने अपनी स्नातक शिक्षा मुंबई के प्रतिष्ठित सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में पूरी की.

    इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन (LSR) से राजनीति विज्ञान में परास्नातक (M.A.) की डिग्री प्राप्त की.

    शिक्षा के क्षेत्र में उनकी विश्लेषणात्मक सोच और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों की गहरी समझ ने उन्हें भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश की दिशा में प्रेरित किया.

    पेटल का राजनयिक करियर

    • पेटल ने वर्ष 2015 में UPSC परीक्षा पास कर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में प्रवेश किया.
    • भारतीय विदेश मंत्रालय में उन्होंने सहायक सचिव के तौर पर कार्य किया, जहां उन्हें नीति निर्धारण और द्विपक्षीय मामलों में अनुभव प्राप्त हुआ.
    • उन्होंने पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में तृतीय सचिव और बाद में द्वितीय सचिव के रूप में कार्य किया.

    इसके अतिरिक्त, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में उन्होंने काउंसल के तौर पर भारत के वाणिज्यिक और कांसुलर मामलों को संभाला.

    जब संगीत बनता है आत्मा की आवाज़

    पेटल गहलोत सिर्फ एक कुशल राजनयिक ही नहीं हैं, बल्कि एक संगीतप्रेमी और कलाकार भी हैं. उन्हें गिटार बजाना और गाना गाना बेहद पसंद है. व्यस्त कूटनीतिक जीवन के बीच जब भी उन्हें समय मिलता है, वे खुद को संगीत के माध्यम से व्यक्त करती हैं.

    उनकी यह बहुआयामी प्रतिभा बताती है कि कैसे एक इंसान कला और प्रशासन दोनों क्षेत्रों में संतुलन बना सकता है.

    UNGA में पेटल गहलोत का भाषण

    जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर कश्मीर, मानवाधिकार और सैन्य कार्रवाई को लेकर आरोपों की झड़ी लगा दी, तो भारत की ओर से जवाब देने के लिए पेटल गहलोत को मंच सौंपा गया. उन्होंने बेहद सधे हुए लेकिन प्रभावशाली शब्दों में पाकिस्तान की वास्तविकता को विश्व समुदाय के सामने रखा.

    कुछ प्रमुख बिंदु जो उन्होंने उठाए:

    आतंकवाद का समर्थन:

    पेटल ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का दावा करता है, लेकिन दशकों से उसने ओसामा बिन लादेन जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को पनाह दी है. यहां तक कि उसके मंत्री भी अब यह स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाए जाते हैं.

    ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की ‘गुहार’:

    उन्होंने कहा, "9 मई तक पाकिस्तान भारत को खुलेआम धमकियां दे रहा था, लेकिन 10 मई को उसकी सेना खुद संघर्षविराम के लिए भारत से गुहार लगाने लगी."
    यह बयान पाकिस्तान की रणनीतिक कमजोरी और दोहरेपन को उजागर करता है.

    आत्मरक्षा का अधिकार:

    उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार मानता है और उसे अपने आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है.

    आतंकियों को सौंपे पाकिस्तान:

    पेटल ने कहा कि अगर पाकिस्तान शांति का इच्छुक है, तो उसे अपने देश में सक्रिय सभी आतंकी संगठनों को बंद करना चाहिए और वांछित आतंकियों को भारत को सौंपना चाहिए.

    न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं चलेगा:

    उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत किसी भी प्रकार के परमाणु हथियारों की धमकी या ब्लैकमेलिंग से डरने वाला नहीं है.

    तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं:

    गहलोत ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है.

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