भारतीय हथियारों से बजेगा युद्ध का बिगुल, रूस-यूक्रेन के बाद भिड़ेंगे अब ये दो देश; ईरान का भी एंगल है!

    आर्मेनिया और अजरबैजान — दो पड़ोसी देश जो जन्म से ही एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे हैं — एक बार फिर संघर्ष के मुहाने पर खड़े हैं.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    एशिया और यूरोप के बीच बसा क्षेत्र एक बार फिर सैन्य टकराव की आहट से कांप रहा है. आर्मेनिया और अजरबैजान — दो पड़ोसी देश जो जन्म से ही एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे हैं — एक बार फिर संघर्ष के मुहाने पर खड़े हैं. कुछ सप्ताह पहले ही दोनों देशों ने एक शांति समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने की घोषणा की थी, लेकिन समझौते पर हस्ताक्षर अब तक नहीं हो पाए. इस बीच सीमा पर सैन्य गतिविधियों और संघर्ष विराम उल्लंघनों ने क्षेत्रीय अस्थिरता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है.

    सीमा पर सैन्य तैनाती और नए गठबंधन

    अभी हाल ही में आर्मेनिया और ईरान ने ‘शांति’ नामक एक संयुक्त सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया. यह अभ्यास नखचिवन के अजरबैजानी एन्क्लेव के निकट ईरान-आर्मेनिया सीमा पर आयोजित हुआ, जिसमें ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) और आर्मेनियाई स्पेशल फोर्सेज शामिल थीं. ईरानी कमांडर ने इस अभ्यास को "सहयोग और संप्रभुता की रक्षा का प्रतीक" बताया.

    यह अभ्यास अजरबैजान को एक अप्रत्यक्ष चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है. ईरान पहले ही साफ कर चुका है कि अगर अजरबैजान, आर्मेनिया के उस भूभाग पर कब्ज़ा करता है जो उसे रूस से जोड़ता है, तो ईरान इसका सख्त विरोध करेगा. रणनीतिक रूप से यह इलाका ईरान और रूस के बीच जमीनी संपर्क का एकमात्र जरिया है.

    भू-राजनीतिक समीकरणों में बदलाव

    इस तनावपूर्ण माहौल में आर्मेनिया अपने पारंपरिक सहयोगी रूस से दूरी बनाकर ईरान और भारत जैसे देशों के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत कर रहा है. 2020 के युद्ध में रूस की निष्क्रियता से निराश होकर आर्मेनिया ने अमेरिका के साथ भी सैन्य अभ्यास किए और पश्चिमी दुनिया से रिश्ते सुधारने की कोशिश की. हालांकि, न तो रूस और न ही अमेरिका ने आर्मेनिया को वह भरोसा दिया जिसकी उसे अपेक्षा थी. परिणामस्वरूप, आर्मेनिया ने ईरान के साथ अपने संबंधों को और गहरा किया है.

    भारत बन रहा है आर्मेनिया का प्रमुख रक्षा साझेदार

    भारत के लिए यह स्थिति एक रणनीतिक अवसर में बदल गई है. बीते चार वर्षों में आर्मेनिया भारत से हथियारों का सबसे बड़ा आयातक बनकर उभरा है.

    • 2022 में, आर्मेनिया ने भारत से 720 मिलियन डॉलर में आकाश मिसाइल सिस्टम का ऑर्डर दिया.
    • 2024-25 तक, भारत से कुल हथियार आयात 600 मिलियन डॉलर को पार कर चुका है.
    • इसमें शामिल हैं — पिनाका रॉकेट सिस्टम, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, एंटी-ड्रोन तकनीक और आर्टिलरी होवित्ज़र्स.

    इन सौदों के ज़रिए भारत ने न केवल अपनी रक्षा निर्यात क्षमता का प्रदर्शन किया है, बल्कि दक्षिण कॉकस क्षेत्र में एक निर्णायक कूटनीतिक भूमिका भी सुनिश्चित की है.

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