छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि, अमित शाह बोले- 'न भाग्य उनके साथ था, न सेना, लेकिन...'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

Chhatrapati Shivaji Maharaj 345th death anniversary Amit Shah
अमित शाह | Photo: ANI

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज स्वधर्म (अपने धर्म), स्वराज (अपना शासन) और स्वभाषा (अपनी भाषा) के प्रतीक हैं. उन्होंने पूरे देश को स्वराज यानी स्वतंत्र शासन का सपना दिखाया. शाह ने ये भी कहा कि शिवाजी को ऐसे महान संस्कार उनकी मां राजमाता जीजाबाई ने दिए, जो खुद देशभक्ति और संस्कृति की जीवंत मिसाल थीं.

'शिवाजी महाराज जैसा साहस और शौर्य किसी और में नहीं था'

अमित शाह ने कहा कि शिवाजी महाराज जैसा साहस और शौर्य किसी और में नहीं था. उन्होंने बिना किसी बड़े संसाधन—ना धन, ना सेना—के, मुगलों से टक्कर ली और उन्हें हरा दिया. महाराष्ट्र को हिंदवी स्वराज में बदलने का काम शिवाजी महाराज ने किया. शाह ने कहा कि उन्होंने बहुत से महापुरुषों की जीवनियां पढ़ी हैं, लेकिन शिवाजी जैसा वीर कोई नहीं है.

औरंगजेब पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि खुद को 'आलमगीर' कहने वाला औरंगजेब, जो पूरे देश पर राज करने का सपना देखता था, उसकी हार महाराष्ट्र में मराठों के हाथों हुई. आज उसकी कब्र भी महाराष्ट्र में है, जो उसकी हार की निशानी है.

जीजाबाई की प्रतिमा पर फूल चढ़ाया

यह कार्यक्रम रायगढ़ किले में हुआ, जहां अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले व शिवेंद्रसिंह भोसले भी मौजूद थे. इससे पहले शाह ने पाचाड में जाकर जीजाबाई की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि जीजाबाई देशभक्ति और आदर्शों की जीती-जागती मूर्ति थीं.

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