नई दिल्ली: वैश्विक राजनीति और व्यापार में अचानक गर्माहट आ गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले ने न केवल द्विपक्षीय व्यापार को झटका दिया है, बल्कि अब इसका असर सैन्य और रणनीतिक रिश्तों पर भी दिखने लगा है. भारत सरकार ने ट्रंप के इस कदम को हल्के में न लेते हुए अब सीधे रक्षा क्षेत्र में जवाबी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
एक तरफ जहां ट्रंप प्रशासन ने भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर नाराज़गी जताई, वहीं भारत ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल अमेरिका की शर्तों पर अपनी विदेश नीति नहीं चलाएगा. अब इस टकराव का असर अमेरिकी हथियारों और रक्षा उपकरणों की खरीद पर साफ़ दिखाई दे रहा है.
राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा टला
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आगामी अमेरिका दौरा, जिसे सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के लिहाज़ से काफी अहम माना जा रहा था, अचानक रद्द कर दिया गया है. यह फैसला ट्रंप के टैरिफ के ठीक बाद आया, जिससे यह साफ़ संकेत मिला कि भारत अब राजनयिक विरोध के साथ-साथ रणनीतिक रूप से भी दबाव बना रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, इस दौरे के दौरान कुछ नई रक्षा डील्स की घोषणा होनी थी. लेकिन अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक अमेरिका टैरिफ जैसे "अनुचित कदमों" को लेकर अपने रुख में बदलाव नहीं करता, भारत भी रक्षा सौदों को स्थगित रखेगा.
हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इस निर्णय को अभी तक लिखित आदेश के रूप में जारी नहीं किया है, जिससे यह संभावना बनी हुई है कि अगर अमेरिका और भारत के बीच फिर से सकारात्मक बातचीत होती है, तो कुछ फैसले बदले भी जा सकते हैं.
जैवलिन मिसाइल और स्ट्राइकर वाहन की खरीद टली
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच चल रही कुछ महत्वपूर्ण सैन्य सौदों की बातचीत फिलहाल स्थगित कर दी गई है. इनमें प्रमुख हैं:
इन सौदों को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी और उम्मीद की जा रही थी कि राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान इनमें से कुछ समझौते औपचारिक रूप ले सकते हैं. लेकिन अब इन पर ब्रेक लग चुका है.
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