कुछ बड़ा करने वाला है भारत! हथियार कारखानों के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द, पाकिस्तान में हड़कंप

    देशभर की 12 आयुध (हथियार) फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों की छुट्टियां फिलहाल रद्द कर दी गई हैं.

    India Holidays of arms factory workers cancelled chaos in Pakistan
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले, जिसमें हिन्दू श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया, ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को अपने चरम पर पहुंचा दिया है. हालात ऐसे हैं कि दोनों देश अब युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस हमले का जवाब चुप रहकर नहीं देगा. इसी कड़ी में कई अहम कदम उठाए जा चुके हैं जो देश की सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक तैयारियों की झलक देते हैं.

    हथियार कारखानों में अलर्ट मोड, कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

    देशभर की 12 आयुध (हथियार) फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों की छुट्टियां फिलहाल रद्द कर दी गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, अगले दो महीनों तक किसी भी कर्मचारी को लगातार दो दिन से ज्यादा की छुट्टी नहीं मिलेगी. यह कदम इस संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि भारत किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है.

    सीजफायर उल्लंघन: पाकिस्तान की उकसावे की कार्रवाई जारी

    पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से उकसावे वाली हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार 10वीं रात पाकिस्तानी सेना ने सीजफायर तोड़ा है. भारतीय सेना ने हर बार इसका सटीक और तीखा जवाब दिया है. हालात बेहद नाज़ुक हैं.

    भारत की ट्रिपल इकॉनमिक स्ट्राइक से पाकिस्तान में हड़कंप

    भारत की ओर से पाकिस्तान पर लगाए गए तीन बड़े आर्थिक प्रतिबंध—सिंधु जल समझौते का निलंबन, अटारी बॉर्डर का बंद होना और आयात-निर्यात पर पूरी तरह से रोक—ने पाकिस्तान को गहरा झटका दिया है. जवाब में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जो 5 मई को शाम 5 बजे होगा. यह 16वां विशेष सत्र होगा और इसे लेकर पाकिस्तान में भीषण चिंता का माहौल है.

    सेना और नौसेना पूरी तरह सतर्क, अरब सागर में लाइव फायर ड्रिल

    भारतीय नौसेना भी पूरी तैयारी में जुटी है. 3 से 7 मई तक अरब सागर में लाइव फायर अभ्यास जारी रहेगा. पोरबंदर के पास के इलाके को ‘डेंजर जोन’ घोषित कर दिया गया है, और सभी जहाजों को उस क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी गई है. यह साफ संकेत है कि भारत अपनी सेनाओं को हर मोर्चे पर तैयार रख रहा है.

    राजनयिक संकेत: रक्षा मंत्री का रूस दौरा टला

    भारत की आक्रामक रणनीति का असर विदेश नीति पर भी दिखने लगा है. पीएम मोदी के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी रूस में होने वाली विजय दिवस परेड में शामिल न होने का फैसला किया है. भारत की ओर से अब रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ इस समारोह में हिस्सा ले सकते हैं.

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