अमेरिका ने 5 साल में कितने भारतीय नागरिकों को किया डिपोर्ट? सरकार ने लोकसभा में दी जानकारी

    DMK सांसद कनिमोझी ने संसद में एक सवाल पूछा था कि क्या सरकार के पास अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों की संख्या का रिकॉर्ड है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री सिंह ने केवल ताजा आंकड़े ही नहीं, बल्कि पिछले कुछ वर्षों का विस्तृत ब्योरा भी साझा किया.

    How many Indian citizens did America deport in 5 years
    Image Source: ANI

    नई दिल्ली: अमेरिका ने वर्ष 2025 की शुरुआत से लेकर जुलाई के अंत तक कुल 1703 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट कर भारत वापस भेजा है. इनमें 1562 पुरुष और 141 महिलाएं शामिल हैं. इस बात की जानकारी विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी.

    यह जानकारी उस समय सामने आई जब DMK सांसद कनिमोझी ने संसद में एक सवाल पूछा था कि क्या सरकार के पास अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों की संख्या का रिकॉर्ड है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री सिंह ने केवल ताजा आंकड़े ही नहीं, बल्कि पिछले कुछ वर्षों का विस्तृत ब्योरा भी साझा किया.

    2020 से अब तक 5500 से अधिक भारतीयों की वापसी

    कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि पिछले पांच वर्षों (2020 से 2024) के दौरान 5541 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया. इस दौरान ब्रिटेन से भी 311 भारतीयों को भारत वापस भेजा गया. वर्ष 2025 में अब तक ब्रिटेन से 131 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है.

    उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डिपोर्ट किए गए नागरिकों की संख्या में कुछ अंतर हो सकता है क्योंकि कई मामलों में लोग वैध दस्तावेज होने के बावजूद डिपोर्ट कर दिए जाते हैं. इसके अलावा कई बार आपातकालीन यात्रा दस्तावेज (ETD) तो जारी किए जाते हैं, लेकिन प्रवासी कोर्ट में अपील करके डिपोर्ट को टाल देते हैं, जिससे अंतिम आंकड़ों में परिवर्तन आ सकता है.

    अमानवीय व्यवहार पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया

    विदेश राज्य मंत्री ने संसद में यह भी कहा कि सरकार अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ संपर्क में है ताकि डिपोर्ट किए जा रहे भारतीय नागरिकों के साथ मानवीय और गरिमापूर्ण व्यवहार सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने बताया कि 5 फरवरी 2025 के बाद से ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है जिसमें यात्रियों के साथ अमानवीय व्यवहार की पुष्टि हो.

    हालांकि, 5 फरवरी की ही एक बड़ी घटना का जिक्र उन्होंने किया, जिसमें अमेरिकी सैन्य विमान C-17 से 104 भारतीय नागरिकों को भारत लाया गया था. इस घटना में यात्रियों के हाथों और पैरों में बेड़ियां और चेन बांधी गई थीं, जिसे लेकर काफी आलोचना हुई. घटना का वीडियो अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल प्रमुख माइकल बैंक ने अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया था, जिससे मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछल गया.

    40 घंटे की तकलीफदेह यात्रा: यात्रियों की आपबीती

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन यात्रियों को टेक्सास के सेंट एंटोनियो एयरपोर्ट से अमेरिका की मिलिट्री फ्लाइट में चढ़ाया गया था. लगभग 40 घंटे की लंबी यात्रा के दौरान उन्हें न केवल बेड़ियों में रखा गया, बल्कि बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित किया गया. यात्रियों का दावा है कि उन्हें फ्लाइट के दौरान बार-बार वॉशरूम जाने से रोका गया, खाना भी बहुत सीमित मात्रा में दिया गया और वो भी हाथ बंधे होने के कारण मुश्किल से खाया जा सका.

    इस विमान ने भारत पहुंचने से पहले चार बार ईंधन भरवाने के लिए स्टॉप लिया, लेकिन यात्रियों को विमान से बाहर नहीं निकलने दिया गया. फ्लाइट में महिलाओं और बच्चों की भी मौजूदगी बताई गई, जिन्हें भी इन तकलीफों का सामना करना पड़ा.

    भारत ने उठाए सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों के मुद्दे

    विदेश राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने न केवल यात्रियों के साथ किए गए व्यवहार पर चिंता जताई, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को भी अमेरिकी प्रशासन के समक्ष उठाया है. इसमें सिखों की पगड़ी पहनने के अधिकार, खानपान की प्राथमिकताओं और धार्मिक रीति-रिवाजों का सम्मान शामिल है.

    भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को तो समझता है, लेकिन इसे संवेदनशील और सम्मानजनक तरीके से किया जाना चाहिए. भारत ने अमेरिका से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों.

    ये भी पढ़ें- "आतंकियों को घर में घुसकर मारा जाएगा", काशी में PM Modi ने ऑपरेशन सिंदूर का किया जिक्र