देश के वीर सपूतों के बलिदान को भारत कभी नहीं भूलता और जब बात बदले की हो, तो भारतीय सेना पीछे नहीं हटती. मंगलवार की रात भारत ने वो कर दिखाया जो हर भारतीय के सीने को गर्व से चौड़ा कर देता है. पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया.
भारतीय सेना ने इस सैन्य कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया. एक ऐसा नाम जो हर भारतीय के त्याग, साहस और स्वाभिमान का प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन यदि दुश्मन कोई दुस्साहस करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
एयरस्ट्राइक पर गृह मंत्री का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने इस अभियान को लेकर कहा, "एयर स्ट्राइक आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का जीता-जागता उदाहरण है. ऑपरेशन सिंदूर उन लोगों को करारा जवाब है जो भारत की सीमाओं, सेना या नागरिकों को चुनौती देने की हिम्मत करते हैं."
ऑपरेशन के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर कदम उठाए गए हैं. अमित शाह ने भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. इसमें पाकिस्तान और नेपाल से सटे राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. सभी ने भारत की सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की.
यह कार्रवाई न सिर्फ आतंक के खिलाफ सख्त संदेश है, बल्कि यह भरोसा भी जगाती है कि जब देश की बात आती है — तो भारत एकजुट होता है, जवाब देता है, और झुकता नहीं.
ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले राजनाथ सिंह?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्रवाई को "हनुमान जी के आदर्श" से जोड़ा और कहा, "जिन्होंने हमें मारा, हमने सिर्फ उन्हें मारा." उन्होंने इस पूरे ऑपरेशन की सफलता के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व और सेना की रणनीतिक चपलता की सराहना की. उन्होंने कहा कि, "हमने हनुमान जी की उस आदर्श का पालन किया है. जो उन्होंने अशोक वाटिका के उजाड़ते के समय किया था. जिन्ह मोहे मारा, तिन्हे मोई मारे. हमने केवल उन्हें ही मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों का मारा." कल रात हमारी सेनाओं ने नया इतिहास रचा है. हमारे जवानों ने न केवल दुश्मन के कैंप तबाह किए, बल्कि ये भी सुनिश्चित किया कि कोई आम नागरिक प्रभावित न हो.
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