भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन और पाकिस्तान के बीच J-35 स्टील्थ फाइटर जेट को लेकर तेज़ हलचल देखी गई है, लेकिन अब इस गेम में एक नया खिलाड़ी उतरने को तैयार है — मिस्र. जहां पाकिस्तान ने पहले ही चीन से 40 J-35 फाइटर जेट का ऑर्डर दिया है और जल्द ही उसकी पहली यूनिट मिलने की खबर है, वहीं अब रिपोर्ट्स के मुताबिक मिस्र की वायुसेना भी इस एडवांस स्टील्थ एयरक्राफ्ट में गहरी रुचि ले रही है.
डिफेंस अरेबिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में मिस्र और चीन के बीच हुए संयुक्त एयरफोर्स अभ्यास "ईगल्स ऑफ सिविलाइजेशन 2025" के दौरान मिस्र की एयरफोर्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल महमूद फुआद अब्देल गवाद ने J-35 फाइटर जेट को लेकर चीन के अधिकारियों से लंबी बातचीत की.
हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अगर मिस्र ने वाकई इस दिशा में कदम बढ़ाया, तो ये उसकी रक्षा नीति में बड़ा बदलाव माना जाएगा — खासतौर पर तब, जब मिस्र अब तक रूस और फ्रांस से मिग और राफेल जैसे फाइटर जेट इस्तेमाल करता आया है.
क्या है J-35 की खासियत?
J-35 जिसे FC-31 या Gyrfalcon के नाम से भी जाना जाता है, चीन का पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है. इसकी खासियत है:
J-35 को अमेरिका के F-35 और F-22 जैसे जेट्स को टक्कर देने के लिए बनाया गया है, और अब चीन इसका एक्सपोर्ट वर्जन मिडिल ईस्ट के देशों को बेचने में जुट गया है.
क्या होगा राफेल का?
अब सवाल ये उठता है — अगर मिस्र J-35 की तरफ जाता है, तो क्या फ्रांस के साथ चल रही राफेल डील पर असर पड़ेगा? मिस्र, राफेल को लेने के साथ-साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी बात कर रहा था. ऐसे में J-35 और राफेल के बीच एक दिलचस्प मुकाबला सामने आ सकता है.
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