PL-15E की चर्चा हुई तो घबरा गया चीन, पाकिस्तान की फिर हुई फजीहत; जानें भारत को लेकर क्या कहा?

    भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य तनातनी के दौरान एक और दिलचस्प पहलू सामने आया  पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी हथियार. खासकर PL-15E मिसाइल को लेकर चर्चा तेज हो गई है.

    Chinese Millitary remark on perfomance of weapons
    Image Source: Social Media

    भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य तनातनी के दौरान एक और दिलचस्प पहलू सामने आया  पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी हथियार. खासकर PL-15E मिसाइल को लेकर चर्चा तेज हो गई है, जो चीन की आधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इस मुद्दे पर जहां सभी की नजरें चीन की प्रतिक्रिया पर टिकी थीं, वहीं बीजिंग ने बयान तो दिया, लेकिन बेहद संतुलित और रणनीतिक.

    समर्थन नहीं, स्पष्ट बचाव भी नहीं

    चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान सवालों का जवाब देते हुए कहा, कि जिस मिसाइल का आपने जिक्र किया है, वह एक निर्यात के लिए तैयार किया गया उपकरण है, जिसे कई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में दिखाया गया है. इसका मतलब साफ है. चीन ने इस मिसाइल को सिर्फ बिक्री के लिए बनाया था, उसका युद्ध में प्रयोग किस तरह हुआ, इसकी जिम्मेदारी वह नहीं लेता. चीन का यह बयान कहीं न कहीं पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से अकेला छोड़ता नजर आया.

    भारत-पाक रिश्तों पर चीन की अपील: संयम और शांति

    चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा, कि भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता. हमारी उम्मीद है कि दोनों देश संयम बरतेंगे और तनाव को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों से बचेंगे. चीन ने यह भी कहा कि वह क्षेत्र में स्थायी शांति और युद्धविराम स्थापित करने के लिए "रचनात्मक भूमिका" निभाने को तैयार है. साफ है कि बीजिंग खुलकर तो कुछ नहीं कह रहा, लेकिन खुद को शांति-दूत की छवि में पेश कर रहा है.

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया था पाकिस्तान का जवाब

    भारत द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच जवाबी सैन्य कार्रवाई की कोशिश की. भारत का यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में था, जिसमें 26 आम नागरिकों की जान गई थी. इन जवाबी हमलों के दौरान पाकिस्तानी सेना के कुछ चीनी हथियार ठीक से काम नहीं कर पाए, और इनके अवशेष मिलने के बाद उनकी क्षमता पर सवाल उठने लगे. इससे पाकिस्तान की सैन्य विश्वसनीयता और चीनी हथियारों की गुणवत्ता दोनों पर बहस शुरू हो गई.

    चीनी मीडिया की चुप्पी, लेकिन दिलचस्पी बनी रही

    भले ही चीनी सरकार ने इस पूरे प्रकरण पर सीधे कोई बयान नहीं दिया, लेकिन सरकारी मीडिया ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष की खबरों को प्रमुखता से कवर किया. इससे स्पष्ट होता है कि चीन की निगाहें पूरे घटनाक्रम पर बनी हुई थीं.

    चीन-पाकिस्तान के सैन्य रिश्ते

    SIPRI (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच पाकिस्तान द्वारा आयात किए गए कुल हथियारों में 81% चीन से आए. इसमें मिसाइल सिस्टम से लेकर पनडुब्बियां, नौसैनिक जहाज और लड़ाकू विमान तक शामिल हैं. सबसे अहम बात ये है कि JF-17 थंडर फाइटर जेट, जो पाकिस्तान की वायुसेना की रीढ़ माना जाता है, उसे भी चीन और पाकिस्तान ने मिलकर विकसित किया है.

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