भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को सैन्य मोर्चे पर करारा जवाब देने के बाद अब चीन पाकिस्तान की वायु शक्ति को आधुनिक बनाने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है. इसी क्रम में चीन जल्द ही पाकिस्तान को अपनी पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान J-35A (जिसे घरेलू रूप से FC-31 कहा जाता है) सौंपने वाला है. यह कदम केवल एक सैन्य सौदा नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में वायु शक्ति के समीकरण को प्रभावित करने वाली एक रणनीतिक चाल है.
J-35A: चीन की अगली पीढ़ी का गेमचेंजर फाइटर जेट
J-35A को चीन की सरकारी एयरोस्पेस कंपनी AVIC द्वारा विकसित किया गया है. इस फाइटर जेट में अत्याधुनिक AESA रडार, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम (IRST), नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध क्षमताएं और सुपरक्रूज जैसे फीचर्स शामिल हैं. सबसे अहम बात यह है कि यह जेट इंटरनल वेपन बे में हथियार ले जाता है, जिससे इसकी स्टेल्थ विशेषताएं बरकरार रहती हैं.
इस जेट को PL-15 और PL-17 जैसी लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलों से लैस किया गया है, जिनकी मारक क्षमता 250 से 400 किलोमीटर तक है. ये मिसाइलें भारत के AEW&C, AWACS और रिफ्यूलिंग टैंकर जैसे फोर्स मल्टिप्लायर प्लेटफॉर्म को दूर से ही निशाना बना सकती हैं. इसका मतलब है कि पाकिस्तान को पहली बार एक ऐसे एयर प्लेटफॉर्म की पहुंच मिल सकती है, जो भारत को फर्स्ट-स्ट्राइक मोड में चुनौती दे सके.
भारत की वर्तमान वायु शक्ति
भारतीय वायुसेना फिलहाल 31 स्क्वाड्रन के साथ काम कर रही है, जबकि वायु रक्षा संतुलन के लिए 42 स्क्वाड्रन की आवश्यकता मानी जाती है. राफेल, Su-30MKI, Mirage-2000, MiG-29UPG और Tejas Mk1 जैसे चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट्स भारतीय बेड़े की रीढ़ हैं. हालांकि इनमें तकनीकी क्षमताएं उच्च स्तर की हैं, लेकिन स्टेल्थ विशेषताओं की कमी उन्हें J-35A जैसे प्लेटफॉर्म के सामने कमजोर बनाती है—खासतौर पर BVR (Beyond Visual Range) युद्ध की स्थितियों में.
राफेल, Meteor मिसाइल और Spectra वॉरफेयर सिस्टम के साथ एक प्रभावी प्लेटफॉर्म है, लेकिन इसकी स्टेल्थ क्षमताएं सीमित हैं. वहीं Su-30MKI अपनी भारी मैन्युवरिंग के बावजूद रडार पर बड़ी सिग्नेचर देता है, जो स्टेल्थ जेट्स के विरुद्ध बड़ी कमजोरी बन जाती है.
पाकिस्तान की रणनीति में बदलाव के संकेत
J-35A की संभावित तैनाती पाकिस्तान की वायु शक्ति को रक्षात्मक से आक्रामक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. खासकर अगर चीन के सैटेलाइट नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट को भी इससे जोड़ दिया जाए तो पाकिस्तान भारत के खिलाफ एक जटिल रणनीतिक खतरा बन सकता है. यह भारत की एयर डिफेंस रणनीति को पुनः परिभाषित करने के लिए पर्याप्त कारण है.
भारत को क्या कदम उठाने चाहिए?
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत को J-35A जैसी स्टेल्थ क्षमताओं का जवाब देने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित करना होगा:
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