नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में चीन ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया है. चीन ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक PL-15 लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलें (VLRAAM) सौंप दी हैं, जिनकी रेंज 200 किलोमीटर से अधिक बताई जा रही है. यह कदम क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता के बीच सामरिक समीकरणों में बड़े बदलाव का संकेत देता है.
JF-17 थंडर ब्लॉक-3 से लैस होगी नई मिसाइल
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान वायुसेना ने इन PL-15 मिसाइलों को अपने JF-17 थंडर ब्लॉक-3 फाइटर जेट्स के साथ एकीकृत करना शुरू कर दिया है. साथ ही विंग टिप्स पर PL-10E WVRM मिसाइलें भी तैनात की गई हैं, जो हाई-ऑफ-बोरसाइट क्षमता (HOBS) से लैस हैं. इससे पाकिस्तान की वायु युद्धक क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, खासतौर पर जब PL-12 मिसाइलों की तुलना में PL-15 मिसाइलें दुगुनी रेंज पेश करती हैं.
चीन-पाकिस्तान कूटनीतिक मेलजोल तेज
इन developments के समानांतर पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने चीन के राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी साझा करते हुए बताया कि दोनों देशों ने 'हर मौसम में रणनीतिक साझेदारी' को दोहराया और क्षेत्रीय हालात पर नजदीकी समन्वय बनाए रखने पर सहमति जताई है.
Ambassador of China, Jiang Zaidong called on Deputy Prime Minister/Foreign Minister, Senator Mohammad Ishaq Dar @MIshaqDar50 today.
— Ministry of Foreign Affairs - Pakistan (@ForeignOfficePk) April 26, 2025
Reaffirming the all-weather strategic partnership between Pakistan and China, the two sides exchanged views on the evolving regional situation and… pic.twitter.com/BVZZpWHRpp
रणनीतिक मोर्चे पर भारत के लिए चुनौती
चीन की यह पहल केवल सैन्य आपूर्ति तक सीमित नहीं है. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी चीन, पाकिस्तान का समर्थक बन सकता है — विशेषकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने वीटो अधिकार का उपयोग करते हुए. ऐसे में भारत को अपनी कूटनीतिक और रक्षा नीतियों को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि इस बदलते क्षेत्रीय परिदृश्य में संतुलन बनाए रखा जा सके.
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