बढ़ते वैश्विक तनाव और भू-राजनीतिक उठापटक के बीच चीन ने अपने बहुप्रतीक्षित परमाणु हथियार कार्यक्रम की एक बड़ी परत हटाई है. आमतौर पर गोपनीयता के घेरे में रहने वाला चीन पहली बार अपनी रणनीतिक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल DF-5 को लेकर सार्वजनिक हुआ है. यह कदम न केवल अप्रत्याशित है बल्कि इससे वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच हलचल भी तेज हो गई है. खासकर इसलिए क्योंकि यह खुलासा उस वक्त हुआ जब सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में अमेरिका ने चीन को खुली चेतावनी दी थी.
सरकारी ब्रॉडकास्टर CCTV द्वारा प्रसारित रिपोर्ट में चीन की इस मिसाइल के तकनीकी और रणनीतिक पक्षों का विस्तार से उल्लेख किया गया है. यह वही DF-5 है, जिसे चीन की पहली पीढ़ी की परमाणु हमला करने वाली ICBM (Intercontinental Ballistic Missile) कहा जाता है. यह मिसाइल चीन की सैन्य ताकत और परमाणु रणनीति का अहम स्तंभ मानी जाती है.
अमेरिका-चीन तनाव की पृष्ठभूमि में आया यह खुलासा
हाल ही में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने एशिया में चीन की आक्रामकता को लेकर कड़े शब्दों में चिंता जताई थी. ताइवान को लेकर चीन की नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसकी सैन्य गतिविधियों पर अमेरिका ने सीधे-सीधे सवाल खड़े किए. हेगसेथ के भाषण के दौरान चीन का 20 बार ज़िक्र और उनकी 'लड़ने और जीतने' की टिप्पणी से माहौल और अधिक संवेदनशील हो गया.
विश्लेषकों का मानना है कि DF-5 के खुलासे को चीन ने अमेरिका को रणनीतिक जवाब देने के लिए चुना है—यह दिखाने के लिए कि वह किसी भी हमले या दबाव का जवाब देने को तैयार है.
DF-5 की ताकत और विनाशक क्षमता
प्रसारण में DF-5 की जो जानकारी सामने आई, वह चौंकाने वाली है. मिसाइल की रेंज लगभग 12,000 किलोमीटर बताई गई है, जो अमेरिका की मुख्य भूमि और पश्चिमी यूरोप तक पहुंचने में सक्षम बनाती है. यह मिसाइल 3 से 4 मेगाटन TNT विस्फोटक क्षमता वाला एकल परमाणु वारहेड ले जाती है—जो कि हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से करीब 200 गुना अधिक विनाशकारी है.
यह मिसाइल दो चरणों में कार्य करती है, 32.6 मीटर लंबी है, 3.35 मीटर व्यास की है और इसका वजन 183 टन है. इसकी सटीकता भी उल्लेखनीय है, जो 500 मीटर के भीतर के लक्ष्य को भेद सकती है.
क्यों अहम है DF-5 चीन के लिए?
चीन के पूर्व सैन्य प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग के अनुसार, DF-5 के बिना चीन को एक विश्वसनीय अंतरमहाद्वीपीय परमाणु शक्ति के रूप में नहीं देखा जाता. इस मिसाइल की मौजूदगी ने चीन को रणनीतिक तौर पर एक गंभीर परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया है.
DF-5 ने कई अन्य रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों की नींव रखी है. इनमें DF-6, लॉन्ग मार्च-2C लॉन्च व्हीकल और DF-5B जैसे एडवांस्ड वेरिएंट शामिल हैं. DF-5B की खास बात यह है कि यह MIRV तकनीक से लैस है, यानी एक ही मिसाइल में कई वारहेड्स हो सकते हैं, जो अलग-अलग लक्ष्यों पर एक साथ हमला कर सकते हैं. इसके DF-5C संस्करण में तो 10 अलग-अलग वारहेड्स लगाने की क्षमता है.
चीन की रणनीतिक चाल या चेतावनी?
DF-5 का यह सार्वजनिक प्रदर्शन चीन की एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है. बीजिंग यह जताना चाहता है कि उसकी परमाणु ताकत न केवल मौजूद है, बल्कि इतनी विकसित हो चुकी है कि वह किसी भी वैश्विक शक्ति को संतुलित कर सकती है. इससे यह संकेत भी जाता है कि चीन अब अपनी सैन्य क्षमताओं को लेकर और अधिक पारदर्शिता दिखाने की नीति अपना सकता है—या कम से कम उसका भ्रम बना सकता है.
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