बीजिंगः जब दुनिया हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी की जटिलताओं से जूझ रही है, तब चीन ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसने अमेरिका और रूस दोनों को चौंका दिया है. चीन के वैज्ञानिकों ने Feitian-2 नामक एक अत्याधुनिक हाइपरसोनिक वाहन का सफल परीक्षण किया है, जो न केवल एक क्रांतिकारी तकनीकी छलांग है, बल्कि आने वाले वर्षों में वैश्विक सामरिक शक्ति समीकरणों को बदलने वाला कदम भी साबित हो सकता है.
इंजन में बेजोड़ दम
Feitian-2 की सबसे बड़ी खासियत है इसका इंजन—Rocket-Based Combined Cycle (RBCC). यह इंजन पारंपरिक रॉकेट और एयर-ब्रीदिंग रैमजेट दोनों का एक उन्नत रूप है, जो इसे उड़ान के दौरान अलग-अलग स्पीड और वातावरण के हिसाब से ऑपरेट करने की क्षमता देता है. यही कारण है कि Feitian-2 केवल एक मिसाइल प्रोटोटाइप नहीं, बल्कि भविष्य के हाइपरसोनिक विमानों की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है.
इस परीक्षण को उत्तरपश्चिमी चीन के एक गोपनीय स्थल पर नॉर्थवेस्टर्न पॉलिटेक्निकल यूनिवर्सिटी (NPU) ने अंजाम दिया. खास बात यह है कि इस बार इंजन में पारंपरिक क्रायोजेनिक लिक्विड ऑक्सीजन की जगह केरोसिन और हाइड्रोजन पेरॉक्साइड का प्रयोग किया गया, जिससे सिस्टम हल्का और ज्यादा व्यावहारिक हो गया. इसका मतलब ये है कि चीन अब हाइपरसोनिक इंजन के क्षेत्र में न सिर्फ प्रयोग कर रहा है, बल्कि उनसे व्यवहारिक डेटा भी इकट्ठा कर पाने की स्थिति में पहुंच चुका है.
चीन की यह कोशिश अचानक नहीं है. इससे पहले Feitian-1 नामक प्रणाली का परीक्षण 2022 में किया गया था, लेकिन Feitian-2 में कई अहम बदलाव देखने को मिले हैं—जैसे बेहतर स्टेबिलिटी के लिए पंख, लंबे टेल फिन्स और फ्लाइट के दौरान विभिन्न मोड्स में स्मूद ट्रांजिशन की क्षमता. ये सब किसी भी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी की सबसे मुश्किल चुनौतियों में से एक होती है.
अमेरिका के एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम को मात देने में सक्षम
Feitian-2 के परीक्षण से चीन ने यह दिखा दिया है कि वह सिर्फ एक सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में भी फ्रंट-रनर बनने की तैयारी कर चुका है. पहले ही उसके पास DF-ZF हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन, DF-17, DF-100 और YJ-21 जैसे हथियार हैं, जो अमेरिका के एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम को मात देने में सक्षम माने जाते हैं.
2021 में चीन ने Fractional Orbital Bombardment System (FOBS) का भी परीक्षण किया था, जो एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को पृथ्वी की कक्षा में डालकर दुश्मन के इलाके में अप्रत्याशित एंगल से वार करने की क्षमता रखता है. इसे अमेरिका के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा माना गया था.
इस क्षेत्र में चीन की तेजी से हो रही प्रगति अमेरिका के लिए एक बड़ा सिरदर्द बनती जा रही है. जबकि अमेरिका और रूस सालों से RBCC इंजन विकसित करने की कोशिशों में लगे हैं, चीन ने न सिर्फ तकनीक में बढ़त ली है, बल्कि वह अब रियल-टाइम डेटा के साथ हाइपरसोनिक सिस्टम्स को परफेक्शन की ओर ले जा रहा है.
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