इजरायल के ऐलान से चीन की उड़ी नींद! जानें गाजा को लेकर नेतन्याहू के प्लान से क्यों परेशान ड्रैगन

    China Israel News: 8 अगस्त को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने एक आधिकारिक बयान में गाजा सिटी पर इजरायली नियंत्रण की योजना को लेकर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि गाजा फिलिस्तीनी जनता की भूमि है और इस पर किसी भी प्रकार का सैन्य कब्जा न केवल अवैध है, बल्कि क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता पैदा कर सकता है.

    China Israel announcement Know why the Dragon is worried about Netanyahu plan for Gaza
    Image Source: ANI/ File

    China Israel News: 8 अगस्त को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने एक आधिकारिक बयान में गाजा सिटी पर इजरायली नियंत्रण की योजना को लेकर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि गाजा फिलिस्तीनी जनता की भूमि है और इस पर किसी भी प्रकार का सैन्य कब्जा न केवल अवैध है, बल्कि क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता पैदा कर सकता है.

    प्रवक्ता ने इजरायल से आग्रह किया कि वह तुरंत ऐसी "खतरनाक कार्रवाइयों" को रोके, जो मानवीय संकट को और बढ़ा सकती हैं.

    "युद्ध विराम ही समाधान है"

    चीन का मानना है कि गाजा में जारी संघर्ष का एकमात्र व्यावहारिक समाधान तत्काल युद्धविराम है. चीन ने बंधकों की सुरक्षित रिहाई, मानवीय राहत और दो-राष्ट्र सिद्धांत के समर्थन की बात दोहराई. चीन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर स्थाई और न्यायपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने को तैयार है, जिससे इस लंबे संघर्ष का अंत हो सके.

    गाजा पर सैन्य नियंत्रण का फैसला

    दूसरी ओर, इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा प्रस्तुत गाजा सिटी पर सैन्य नियंत्रण की योजना को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय उस पांच-सूत्रीय रणनीति का हिस्सा है, जिसमें मुख्य लक्ष्य है:

    हमास को निरस्त्र करना

    सभी बंधकों की वापसी

    गाजा का विसैन्यीकरण

    गाजा में इजरायली सुरक्षा नियंत्रण

    गैर-हमास और गैर-फिलिस्तीनी प्राधिकरण के असैन्य प्रशासन की स्थापना

    घरेलू विरोध और सवाल उठाती जनता

    यह योजना ऐसे समय में लाई गई है जब पूरे इजरायल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की लहर चल रही है. आम जनता युद्ध को खत्म करने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रही है.

    नेतन्याहू के कार्यालय का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में यह योजना ही सबसे प्रभावी है, क्योंकि अन्य विकल्प न तो हमास को कमजोर कर पा रहे थे और न ही बंधकों की वापसी सुनिश्चित कर पा रहे थे.

    क्या शांति संभव है?

    इस समय दुनिया की निगाहें इस क्षेत्र पर टिकी हैं. एक तरफ इजरायल की सैन्य कार्रवाई तेज हो रही है, तो दूसरी तरफ चीन जैसे वैश्विक शक्ति राजनीतिक समाधान और युद्धविराम की ओर इशारा कर रहे हैं. सवाल यह है कि क्या यह रणनीति समाधान की ओर ले जाएगी, या यह संघर्ष और अधिक जटिल हो जाएगा?

    यह भी पढ़ें- प्रेशर बनाने की अमेरिका की पुरानी आदत! परमाणु से लेकर टैरिफ तक में अपनाया यही प्लान