बांग्लादेश इन दिनों राजनीतिक अनिश्चितता और गहराते संकट के दौर से गुजर रहा है. देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने पहली बार हालात पर खुलकर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध के बाद देश "युद्ध जैसी स्थिति" में पहुंच गया है और पूरे तंत्र पर इसका गहरा असर पड़ा है.
स्टेट गेस्ट हाउस ‘जमुना’ में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में यूनुस ने 20 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और मौजूदा स्थिति को "गंभीर और अस्थिर" बताया. इस बातचीत की जानकारी उनके प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने देर रात साझा की.
"हमारी संस्थाएं ढह रही हैं"
मुख्य सलाहकार यूनुस ने कहा, “देश के अंदर और बाहर, दोनों स्तरों पर हालात युद्ध जैसे बन गए हैं. हम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. सब कुछ जैसे टूटता जा रहा है.” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि मौजूदा स्थिति में यदि सभी पक्ष संयम नहीं बरतते, तो देश एक बार फिर ‘गुलामी’ की ओर लौट सकता है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब अफवाहें हैं कि यूनुस हालिया घटनाक्रम से परेशान होकर पद छोड़ने पर विचार कर रहे हैं.
भारत पर अप्रत्यक्ष आरोप
बैठक में मौजूद नागरिक ओइका पार्टी के नेता महमूदुर रहमान मन्ना ने मीडिया को बताया कि यूनुस ने संकट की जड़ में भारत की भूमिका पर सवाल खड़े किए. मन्ना के मुताबिक, यूनुस ने कहा, “भारत इस नए बदलाव को स्वीकार नहीं कर पा रहा है. वे बांग्लादेश में अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं और इसके लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. अगर उन्हें मौका मिला, तो वे एक ही दिन में हमें खत्म कर सकते हैं.”
राजनीतिक दबाव और जनता की नाराजगी
देश में यूनुस के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. कई राजनीतिक दल चुनाव की तारीखों को लेकर पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं. यूनुस ने बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि वे कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे देश की स्थिरता और संप्रभुता को खतरा हो. उन्होंने कहा कि अवामी लीग पर प्रतिबंध के बाद कुछ तत्व जानबूझकर अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और इससे देश को बचाना बेहद जरूरी है.
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