Imran Haider: बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों में अचानक भारी हलचल मची है. वजह है पाकिस्तान आधारित उग्रवादी संगठन तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि उसने अब अपना भर्ती तंत्र बांग्लादेश तक विस्तारित कर लिया है. यह खुलासा बांग्लादेश के एक प्रमुख समाचार पत्र नया दिगांता में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद हुआ, जिसने देश की खुफिया एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक गुप्त रिक्रूटमेंट चैनल कराची से संचालित हो रहा है, और इसी कड़ी के केंद्र में खड़ा है, इमरान हैदर, जिसकी कहानी सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए सबसे बड़ा सवाल बन गई है.
कराची से शुरू हुआ रिक्रूटमेंट मॉडल, बांग्लादेश तक पहुंचा नेटवर्क
खुफिया सूत्रों के अनुसार टीटीपी ने कराची में एक विशेष यूनिट बनाई है, जिसका काम है दक्षिण एशिया के अलग-अलग देशों से युवाओं को संगठन की ओर आकर्षित करना. इसी नेटवर्क का विस्तार अब बांग्लादेश तक हो गया है. जानकारी के अनुसार पिछले कुछ महीनों में 30 से अधिक बांग्लादेशी युवा इमरान हैदर के माध्यम से पाकिस्तान पहुँचे, जहाँ उन्हें टीटीपी की विभिन्न शाखाओं में शामिल किया गया.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भर्ती किए गए इन युवाओं में से कम से कम 10 लोग पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं. इस जानकारी ने बांग्लादेशी अधिकारियों की चिंता को कई गुना बढ़ा दिया है, क्योंकि यह पहली बार है जब बांग्लादेश के युवाओं का टीटीपी में इस स्तर पर शामिल होना सामने आया है.
कौन है इमरान हैदर और कैसे बदल गई उसकी राह?
इमरान हैदर का नाम सुरक्षा एजेंसियों के लिए इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि उसका अतीत उग्रवाद से बिल्कुल विपरीत दिशा में दिखाई देता है. वह बांग्लादेश के सावर क्षेत्र का निवासी है और उसका परिवार सत्ताधारी आवामी लीग की राजनीति से जुड़ा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि इमरान कभी छात्र राजनीति में सक्रिय था और छात्र लीग का हिस्सा भी रह चुका है. इसके अलावा उसके सामाजिक दायरे में कई सांस्कृतिक संस्थान शामिल थे, जिनमें उदिची और भारत का इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र भी शामिल हैं.
इमरान की यह पृष्ठभूमि बांग्लादेशी एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा रहस्य बन गई है कि आखिर कैसे एक सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय व्यक्ति टीटीपी जैसे घातक संगठन के रडार पर आया और फिर उसकी भर्ती मशीनरी का हिस्सा बन गया.
बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियों में चिंता और जांच का विस्तार
इमरान हैदर की गतिविधियों का खुलासा होते ही बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. खुफिया इकाइयाँ उसकी विदेश यात्राओं, फोन रिकॉर्ड, डिजिटल गतिविधियों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच कर रही हैं. सुरक्षा अधिकारियों को आशंका है कि यह सिर्फ कुछ युवाओं की भर्ती का मामला नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में टीटीपी की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा हो सकता है.
यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह नेटवर्क अभी नया बना है या कई वर्षों से चुपचाप संचालन में था. देश की एजेंसियों का मानना है कि यदि टीटीपी ने बांग्लादेश में अपनी विचारधारा फैलाना शुरू कर दी है, तो यह न सिर्फ घरेलू सुरक्षा बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
दक्षिण एशिया में सुरक्षा समीकरण बदलने का संकेत
टीटीपी का प्रभाव पहले से ही पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा क्षेत्रों में गहरा है. यदि यह संगठन बांग्लादेश जैसे घनी आबादी वाले, राजनीतिक रूप से संवेदनशील देश में अपनी जड़ें जमा पाता है, तो दक्षिण एशिया की सुरक्षा संरचना पूरी तरह बदल सकती है.
बांग्लादेश की एजेंसियाँ अब इस बात पर भी विचार कर रही हैं कि क्या इस मामले में कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क काम कर रहा है, या कराची से चल रहा यह मॉड्यूल कहीं और भी फैल सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले को ‘‘उच्च खतरे’’ के रूप में दर्ज किया गया है और आने वाले हफ्तों में कई नए खुलासे सामने आ सकते हैं.
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