Putin visit Delhi: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत के दौरे पर आए. उनका विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परंपरागत प्रोटोकॉल को छोड़ते हुए खुद एयरपोर्ट पर जाकर पुतिन का स्वागत किया. यह घटना न केवल अनोखी थी, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते सौहार्द और दोस्ताना रिश्तों का प्रतीक भी बन गई. पुतिन जैसे ही अपने ब्लैक सूट और बूट में विमान से बाहर निकले, प्रधानमंत्री मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
दोनों नेताओं के बीच हाथ मिलाने और गले मिलने की झलक ने वहां मौजूद सभी अधिकारियों और मीडिया कर्मियों को हैरान कर दिया. यह कदम प्रोटोकॉल के सामान्य नियमों से अलग था, लेकिन इससे भारत और रूस के बीच संबंधों में दोस्ताना और पारदर्शी संवाद का संदेश गया.रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने भी इस अप्रत्याशित स्वागत पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि प्रधानमंत्री एयरपोर्ट पर मौजूद होंगे.
एक ही गाड़ी में सफर, विश्वास और दोस्ती की झलक
एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद, मोदी और पुतिन एक ही टोयोटा SUV में बैठकर पीएम आवास की ओर रवाना हुए. इस दौरान मीडिया कैमरों ने दोनों नेताओं की बातचीत और सौहार्दपूर्ण माहौल को कैद किया. यह तस्वीर दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों और आपसी विश्वास को दर्शाती है.

पुतिन का विमान और विवरण
पुतिन के विमान का नाम इल्यूशिन-96 (IL96) है. विमान पर रूसी भाषा में “россия” लिखा हुआ था, जिसका अर्थ है “रूस”. यह शब्द सिरिलिक लिपि में लिखा गया है. इस विमान से ही पुतिन भारत आए और 23वें भारत-रूस समिट में हिस्सा लेने वाले हैं.
23वां भारत-रूस समिट, रणनीतिक और आर्थिक सहयोग
पुतिन भारत में 23वें भारत-रूस समिट में भाग लेने आए हैं. यह सालाना बैठक दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए आयोजित की जाती है.
विशेष रूप से इस बैठक में तेल, ऊर्जा, और रक्षा प्रणाली से जुड़े महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं. इसके अलावा, दोनों नेता फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी चर्चा कर सकते हैं, जो भारत और रूस के व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देगा.
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की संभावित खरीद
जानकारी के अनुसार, भारत रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की और यूनिट खरीदने पर विचार कर सकता है. इसके पहले पांच स्क्वाड्रन की डील की गई थी, जिनमें से तीन पहले ही भारत को मिल चुके हैं. चौथे स्क्वाड्रन की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रुकी हुई थी.
इसके अलावा, पहले से मौजूद S-400 सिस्टम के लिए अतिरिक्त मिसाइलों की खरीद भी इस दौरे के दौरान चर्चा का हिस्सा बनेगी. यह कदम भारत की सुरक्षा और सामरिक क्षमता को और मजबूत करेगा.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहला दौरा
यह पुतिन का रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत का पहला दौरा है. इससे पहले उनका आखिरी दौरा 6 दिसंबर 2021 को हुआ था. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की थी.
वैश्विक संदर्भ में भारत-रूस संबंध
इस दौरे को सिर्फ द्विपक्षीय बैठक नहीं माना जा रहा है. वैश्विक स्तर पर यह यात्रा भारत और रूस के सामरिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है. पुतिन का यह दौरा दोनों देशों के बीच भरोसे और मित्रता को और मजबूत करेगा. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि S-400 जैसी उच्च तकनीकी प्रणालियों की खरीद भारत की रक्षा क्षमताओं को और सुदृढ़ करेगी और क्षेत्रीय संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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