Vladimir Putin India visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत के दौरे पर आए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी खुशी और उत्साह व्यक्त किया. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि “मेरे दोस्त राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत कर खुश हूं. आज शाम और कल हमारी बातचीत को लेकर आशान्वित हूं. भारत और रूस की दोस्ती हमेशा उम्मीदों पर खरी उतरी है, जिससे दोनों देशों के लोगों को फायदा पहुंचा है.”
पुतिन जैसे ही अपने विमान से बाहर निकले, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें हाथ मिलाकर और गले लगाकर स्वागत किया. यह दृश्य न केवल मीडिया के कैमरों में कैद हुआ, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते भरोसे और पारस्परिक सम्मान का प्रतीक भी बना. विशेषज्ञ मानते हैं कि एयरपोर्ट पर मोदी का यह कदम एक स्पष्ट संदेश था कि भारत और रूस के रिश्ते केवल औपचारिक नहीं, बल्कि दोस्ताना और भरोसेमंद हैं.
Я рад приветствовать в Дели своего друга - Президента Путина. С нетерпением жду наших встреч сегодня вечером и завтра. Дружба между Индией и Россией проверена временем; она принесла огромную пользу нашим народам.@KremlinRussia_E pic.twitter.com/yqmhCbZBde
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2025
मोदी-पुतिन की बैठक, उम्मीदों भरी बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में कहा कि वह पुतिन के साथ होने वाली बातचीत को लेकर आशान्वित हैं. इस दौरे के दौरान दोनों नेता ऊर्जा, व्यापार, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के मुद्दों पर गहन चर्चा कर सकते हैं. विशेष रूप से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) और तेल व गैस परियोजनाओं पर चर्चा की संभावना है.
भारत-रूस की दोस्ती, वर्षों का भरोसा
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत और रूस की दोस्ती हमेशा उम्मीदों पर खरी उतरी है. वास्तव में, दोनों देशों के बीच यह साझेदारी कई दशकों से स्थिर और गहरी रही है. चाहे रक्षा सहयोग हो, व्यापारिक समझौते हों या सांस्कृतिक आदान-प्रदान, दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे के साथ भरोसे और सम्मान के आधार पर काम किया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब पुतिन भारत आए हैं. इसलिए इस दौरे की रणनीतिक और वैश्विक अहमियत भी बढ़ गई है.
S-400 और रक्षा सहयोग
भारत रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की और यूनिट खरीदने की योजना पर विचार कर रहा है. इससे पहले पांच स्क्वाड्रन की डील की गई थी, जिनमें से तीन भारत को मिल चुके हैं. चौथे स्क्वाड्रन की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रुकी हुई थी. इसके अलावा, पहले से मौजूद S-400 सिस्टम के लिए अतिरिक्त मिसाइलों की खरीद भी इस दौरे के दौरान चर्चा का हिस्सा होगी.
वैश्विक परिदृश्य में दौरे की अहमियत
इस दौरे को केवल द्विपक्षीय बैठक के रूप में नहीं देखा जा रहा. वैश्विक स्तर पर यह यात्रा भारत और रूस के रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नई दिशा देने वाली है. पुतिन का भारत आना और मोदी का स्वागत, दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास और दोस्ताना रिश्तों का प्रतीक है.
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