1971 में पाकिस्तान से अलग होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बने बांग्लादेश के सामने अब एक नई चुनौती खड़ी होती दिख रही है. आज़ादी के 50 से अधिक वर्षों बाद, एक बड़ी साजिश के ज़रिए देश को फिर से अस्थिर करने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं. पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, अमेरिकी डीप स्टेट और स्थानीय कट्टरपंथी तत्व, बांग्लादेश को एक बार फिर 'पूर्वी पाकिस्तान' जैसी स्थिति में धकेलने की कोशिश में लगे हैं.
यह सनसनीखेज़ दावा किया है बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने, जिन्होंने अपने लेख में चेताया है कि अगर समय रहते इन गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है.
पाकिस्तान की रणनीति: कट्टरपंथ, आतंक और तस्करी के ज़रिए नियंत्रण
चौधरी के अनुसार, बांग्लादेश में 2023 में मोहम्मद यूनुस सरकार के गठन के बाद, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने सक्रियता बढ़ा दी है. लक्ष्य है — देश में आंतरिक अस्थिरता फैलाकर, उसे भारत-विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनाना.इस साजिश में आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, और रोहिंग्या शरणार्थियों व बिहारियों को गुरिल्ला बल के रूप में इस्तेमाल करने की योजना शामिल है, जिससे भारत के पूर्वोत्तर और म्यांमार के संवेदनशील क्षेत्रों को अस्थिर किया जा सके.
ट्रंप के सामने पाकिस्तान का प्रस्ताव
रिपोर्ट के अनुसार, जनरल असीम मुनीर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक गोपनीय बैठक में बांग्लादेश को लेकर एक "डील" की पेशकश की थी. इसके तहत मुनीर ने अमेरिका को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में तेल और गैस अन्वेषण में भागीदारी के बदले, बांग्लादेश को एक 'वफादार साझेदार' के रूप में पाकिस्तान के अधीन करने की बात कही.यह सौदा न केवल भूराजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश है, बल्कि भारत पर दबाव बनाए रखने की भी एक रणनीति है.
डीप स्टेट और नशीले पदार्थों का गठजोड़
चौधरी का दावा है कि मुनीर ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और डीप स्टेट के अधिकारियों से भी बैठकें कीं, और बांग्लादेश को अफगानी नशीले पदार्थों के लिए ट्रांजिट हब बनाने की पेशकश की. इससे अरबों डॉलर की ब्लैक मनी पैदा होगी, जिससे छिपे हुए खुफिया अभियान चलाए जा सकेंगे और पाकिस्तान की आईएसआई को अतिरिक्त फंडिंग मिल सकेगी.
बांग्लादेश की राजनीतिक और सैन्य स्थिरता पर खतरा
जनरल मुनीर कथित तौर पर बांग्लादेश के वर्तमान सेनाध्यक्ष वकार उज जमां को हटाकर एक पाकिस्तान समर्थक अधिकारी को सेना प्रमुख बनाने की पैरवी कर रहे हैं. उनका उद्देश्य बांग्लादेश की सैन्य ताकत को अपने प्रभाव में लेना है.
भारत के लिए गंभीर संकेत
अगर यह साजिश कामयाब होती है, तो बांग्लादेश आतंकवाद, तस्करी और भारत-विरोधी अभियानों का अड्डा बन जाएगा. इससे पाकिस्तान को पूर्वी मोर्चे पर भारत को घेरने का मौका मिल जाएगा. यह चीन के साथ पश्चिमी देशों के टकराव के माहौल में अमेरिका को इस क्षेत्र में रणनीतिक बढ़त दिलाने की भी एक चाल हो सकती है.
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