दलाई लामा के बर्थडे पर अमेरिका ने ऐसा क्या कहा, जिससे आग-बबूला हो सकता है चीन! इशारों-इशारों में ड्रैगन पर हमला

    तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के अवसर पर दुनियाभर से उन्हें बधाई संदेश मिल रहे हैं. इनमें सबसे ध्यान आकर्षित करने वाला संदेश अमेरिका की ओर से आया है.

    America statement on Dalai Lama may infuriate China
    दलाई लामा | Photo: ANI

    तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के अवसर पर दुनियाभर से उन्हें बधाई संदेश मिल रहे हैं. इनमें सबसे ध्यान आकर्षित करने वाला संदेश अमेरिका की ओर से आया है, जो चीन के लिए एक स्पष्ट और रणनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने दलाई लामा को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और तिब्बतियों के धार्मिक, सांस्कृतिक और मानवाधिकारों पर अमेरिका की स्थिर नीति को दोहराया.

    दलाई लामा के प्रति अमेरिकी सम्मान और चीन पर परोक्ष प्रहार

    मार्को रूबियो ने दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देते हुए उन्हें एकता, शांति और करुणा का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि दलाई लामा की शिक्षाएं न केवल तिब्बतियों के लिए, बल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए प्रेरणादायक हैं. इसके साथ ही, अमेरिकी विदेश मंत्री ने अमेरिका की तिब्बतियों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को भी मजबूत तरीके से दोहराया.

    रूबियो ने अपने बयान में कहा, "हम तिब्बती समुदाय के मानवाधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने के लिए समर्पित हैं. विशेष रूप से यह अधिकार कि वे बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपने धार्मिक नेता को चुन सकें."

    यह बयान चीन के लिए एक स्पष्ट संदेश था, जो तिब्बत में धार्मिक मामलों पर अपनी कठोर नीतियों को लेकर काफी समय से विवादों में है. चीन का यह कहना है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा, यह निर्णय केवल बीजिंग ही करेगा. चीन इसे तिब्बत की एक "ऐतिहासिक परंपरा" के तौर पर प्रस्तुत करता है, जबकि अमेरिका ने इस पर अपने विरोध का स्पष्ट इज़हार किया है.

    भारत में दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर बढ़ी बहस

    इस समय भारत में भी दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर बहस तेज हो गई है. भारत के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने धर्मशाला में आयोजित दलाई लामा के जन्मदिन समारोह में भाग लिया. इस अवसर पर किरण रिजिजू ने कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन केवल उनके द्वारा या उनके संस्थान द्वारा किया जाएगा, और इसमें किसी और का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा. चीन ने इस पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत को "सतर्क रहने" की चेतावनी दी और दलाई लामा को "एंटी-चाइना सेपरेटिस्ट" तक करार दिया.

    भारत का संतुलित रुख और चीन की प्रतिक्रिया

    भारत ने इस विवाद में संतुलित रुख अपनाया और विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि भारत किसी धर्म या आस्था के मामलों में किसी पक्ष का समर्थन नहीं करता. भारत धार्मिक स्वतंत्रता में विश्वास करता है और इसके लिए कोई बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा.

    अमेरिका का कूटनीतिक संकेत

    मार्को रूबियो का यह बयान अमेरिका की स्पष्ट नीति को उजागर करता है, जिसमें चीन के धार्मिक दखलंदाजी को नकारा गया है. यह संदेश तिब्बती समुदाय के आत्मनिर्णय के अधिकार को भी बल देता है, साथ ही यह दलाई लामा को एक वैश्विक नैतिक नेतृत्व के रूप में मान्यता प्रदान करता है. अमेरिका ने दलाई लामा के जन्मदिन पर बधाई देकर न केवल चीन को एक संदेश दिया, बल्कि यह दिखाया कि तिब्बत के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर किसी भी तरह की नकेल डालना न तो स्वीकार्य है और न ही वैध.

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