दमिश्क: सीरिया में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के तख्तापलट के चार महीने बाद अंतरिम सरकार का गठन कर दिया गया है. अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-जुलानी ने शनिवार देर रात 23 मंत्रियों की नियुक्ति की घोषणा की. इस मंत्रिमंडल में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधित्व के तहत एक ईसाई महिला को भी शामिल किया गया है.
खुफिया विभाग के प्रमुख अनस खत्ताब को देश का नया गृहमंत्री नियुक्त किया गया है, जबकि अन्य प्रमुख पदों पर नए चेहरे लाए गए हैं. विशेष रूप से, इस सरकार में प्रधानमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया है, और इसके स्थान पर राष्ट्रपति जुलानी द्वारा एक महासचिव की नियुक्ति की जाएगी.
पांच वर्षों तक सत्ता में रहेगी कार्यवाहक सरकार
यह अंतरिम सरकार अगले पांच वर्षों तक कार्य करेगी, जिसके दौरान स्थायी संविधान लागू किया जाएगा और लोकतांत्रिक चुनाव कराए जाएंगे.
बशर अल-असद का तख्तापलट: ऐतिहासिक मोड़
दिसंबर 2024 में, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका गया था. जुलानी के नेतृत्व में इस विद्रोही संगठन ने राजधानी दमिश्क पर तेजी से कब्जा कर लिया, जिससे असद सरकार का 54 वर्षों का शासन समाप्त हो गया. इस राजनीतिक परिवर्तन के बाद, बशर अल-असद ने मॉस्को में शरण ली.
जुलानी: विद्रोह से नेतृत्व तक का सफर
अहमद अल-जुलानी, जिन्हें पहले अहमद अल-शरा के नाम से जाना जाता था, ने मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर सशस्त्र संघर्ष का रास्ता अपनाया. 2003 में, अमेरिका द्वारा इराक पर हमले की संभावना से चिंतित होकर, उन्होंने अल-कायदा से संपर्क स्थापित किया. बाद में, 2012 में उन्होंने अल-कायदा की सीरिया शाखा 'जबात अल-नुस्रा' की स्थापना की.
2017 में, जुलानी ने हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का गठन किया और सीरिया को असद शासन से मुक्त करने की दिशा में अपने प्रयास तेज कर दिए.
तख्तापलट की रणनीति और क्रियान्वयन
2016 में गृहयुद्ध की तीव्रता कम होने के बाद, जुलानी ने अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करना शुरू किया. उन्होंने चीन के उइगर मुसलमानों, अरब देशों और मध्य एशिया के अन्य लड़ाकों से समर्थन प्राप्त किया. वैश्विक परिदृश्य में बदलाव ने इस रणनीति को बल दिया—2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध और 2023 में इजराइल-हमास संघर्ष के कारण रूस और ईरान की प्राथमिकताएं बदल गईं.
इन हालातों का फायदा उठाकर, जुलानी ने एक संगठित हमले के माध्यम से सीरियाई सरकार को अपदस्थ कर दिया और सत्ता की बागडोर संभाल ली.
अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और भविष्य की राह
अमेरिका ने पहले HTS को आतंकी संगठन घोषित किया था और जुलानी पर $10 मिलियन का इनाम रखा था. हालांकि, तख्तापलट के बाद यह इनाम हटा लिया गया. वर्तमान में, अंतरिम सरकार की नीतियों और आगामी चुनावों पर वैश्विक समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं.
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