जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए एक जेसीओ (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) शहीद हो गए. भारतीय सेना ने आतंकियों को करारा जवाब दिया और उनकी साजिश को नाकाम कर दिया. शहीद जेसीओ ने आखिरी दम तक बहादुरी से आतंकियों का सामना किया. सेना को जैसे ही घुसपैठ की खबर मिली, बॉर्डर के कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया.
जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर ढेर
इससे पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भारतीय सेना ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की थी. सेना ने मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह समेत तीन आतंकियों को मार गिराया था. यह मुठभेड़ काफी देर तक चली, जिसमें सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश एक बार फिर नाकाम कर दी.
75 मिनट लंबी बैठक
इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच 10 अप्रैल को एलओसी पर ब्रिगेड कमांडर लेवल की फ्लैग मीटिंग भी हुई. यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में चकन-दा-बाग क्रॉसिंग पॉइंट पर हुई थी. दोनों देशों के अधिकारियों ने बॉर्डर पर शांति बनाए रखने को लेकर बातचीत की. इसी महीने 2 अप्रैल को भी इसी जगह एक 75 मिनट लंबी बैठक हुई थी, जिसमें सीमा पर शांति बनाए रखने पर चर्चा हुई थी.
इससे पहले 13 फरवरी को पाकिस्तान ने पुंछ जिले में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था और भारतीय पोस्ट पर बिना वजह फायरिंग की थी. भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था.
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