मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की पूछताछ लगातार जारी है. शुक्रवार को एनआईए की टीम ने उससे करीब तीन घंटे तक सवाल-जवाब किए. अब एजेंसी की कोशिश है कि राणा से उस रहस्यमयी शख्स के बारे में जानकारी मिले जिससे उसकी मुलाकात हमले से पहले दुबई में हुई थी. बताया जा रहा है कि यही वो व्यक्ति था जो 26/11 की साजिश से पहले से वाकिफ था.
वह शख्स आखिर कौन था?
NIA यह जानना चाहती है कि वह शख्स आखिर कौन था. क्या वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा कोई अधिकारी था या फिर किसी आतंकी संगठन का सरगना? एजेंसी यह भी जानना चाहती है कि उस शख्स की मुलाकात तहव्वुर राणा से दुबई में किसके कहने पर हुई और क्या इसके पीछे भी डेविड हेडली का ही हाथ था.
दरअसल, अमेरिका में गिरफ्तार होने के बाद तहव्वुर राणा ने अमेरिकी एजेंसियों को उस शख्स के बारे में जानकारी दी थी. इस आधार पर अमेरिका की जांच एजेंसियों ने एक रिपोर्ट तैयार की, जिसे भारत की NIA के साथ भी साझा किया गया. रिपोर्ट में इंटरसेप्ट की गई बातचीत और चैट के अंश शामिल हैं. इन्हीं में से एक बातचीत में डेविड हेडली ने तहव्वुर राणा को भारत न आने की चेतावनी दी थी और संभावित आतंकी हमलों की बात कही थी.
"हमला तय हो गया है"
हेडली ने राणा की दुबई में उस गुमनाम साजिशकर्ता से मुलाकात भी करवाई थी. एक और बातचीत में हेडली ने राणा को बताया था कि "हमला तय हो गया है." सबसे खास बात यह है कि राणा और हेडली ने मुंबई में अपने ऑफिस की लीज नवंबर 2008 में खत्म होने के बाद दोबारा नहीं बढ़ाई.
अमेरिकी एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2005 में डेविड हेडली ने राणा को लश्कर-ए-तैयबा की एक बड़ी साजिश के बारे में बताया था, जिसमें हेडली को भारत भेजकर सार्वजनिक जगहों और सरकारी इमारतों की रेकी कराई जानी थी. इसके लिए राणा की इमिग्रेशन कंपनी को कवर के तौर पर इस्तेमाल किया गया. हेडली मुंबई में राणा के लिए एक इमिग्रेशन कंसल्टेंट की भूमिका निभाने का नाटक करता रहा.
गुरुवार शाम तहव्वुर राणा को भारत लाया गया, और अब उससे गहराई से पूछताछ की जा रही है ताकि 26/11 के इस भीषण आतंकी हमले के पीछे की साजिश के हर पहलू से पर्दा हटाया जा सके.
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