मुंबई: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि BCCI ने गेंद पर लार लगाने की पाबंदी हटा दी है. कोविड-19 महामारी के दौरान लागू किए गए इस प्रतिबंध को अब हटाने का फैसला किया गया है. हालांकि, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने अभी तक इस नियम में कोई बदलाव नहीं किया है.
कैप्टन मीटिंग में हुई सहमति
मुंबई में आयोजित BCCI की IPL कमेटी और टीम कप्तानों की बैठक में इस फैसले पर सहमति बनी. हालांकि, इस पर बोर्ड की तरफ से आधिकारिक घोषणा आना बाकी है.
इसके अलावा, कमर से ऊपर की नो-बॉल और वाइड गेंदों पर DRS लेने की अनुमति देने का भी फैसला किया गया है. यह बदलाव बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए मैच को और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
गेंद पर लार क्यों लगाई जाती है?
गेंदबाज गेंद पर लार इसलिए लगाते हैं ताकि एक तरफ की चमक बनी रहे, जिससे गेंद को स्विंग कराने में मदद मिलती है.
गेंदबाजों को कैसे फायदा होता है?
लार से गेंद कैसे स्विंग करती है?
गेंद को स्विंग कराने के लिए गेंदबाज उसके एक हिस्से को चमकाता है और दूसरे को खुरदुरा छोड़ता है.
लैमिनार एयरफ्लो: चमकदार हिस्से से हवा आसानी से गुजर जाती है.
टरब्यूलेंट एयरफ्लो: खुरदुरे हिस्से से हवा धीमी गति से गुजरती है.
दबाव में अंतर: चिकने हिस्से पर ज्यादा दबाव और खुरदुरे हिस्से पर कम दबाव की वजह से गेंद स्विंग होती है.
रिवर्स स्विंग: जब गेंद पुरानी हो जाती है, तो वही प्रक्रिया उल्टी दिशा में काम करती है, जिससे बल्लेबाज चकमा खा सकता है.
मोहम्मद शमी सहित कई तेज गेंदबाजों ने लार लगाने के नियम में बदलाव की मांग की थी, क्योंकि इससे स्विंग कराने की क्षमता सीमित हो जाती है.
IPL के नए नियम बनाम ICC के नियम
BCCI ने भले ही IPL 2025 के लिए लार पर पाबंदी हटा दी हो, लेकिन ICC अब भी इस पर सख्त रुख अपनाए हुए है.
पिछले नियम और जुर्माने का प्रावधान
अब जब यह पाबंदी हट गई है, तो गेंदबाजों को एक बार फिर से अपने स्विंग कौशल को निखारने का मौका मिलेगा.
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