गृहमंत्री अमित शाह आज लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पेश करेंगे, क्या होगा इसमें नया?

    यह विधेयक आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करने का प्रयास करता है, जिसे आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए अधिनियमित किया गया था.

    गृहमंत्री अमित शाह आज लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पेश करेंगे, क्या होगा इसमें नया?
    शीतकालीन शत्र के तीसरे दिन संसद पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को विचार करने और पारित कराने के लिए लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करेंगे.
    कार्यसूची में कहा गया है, "अमित शाह प्रस्ताव पेश करेंगे कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करने वाले विधेयक पर विचार किया जाए. साथ ही प्रस्ताव पेश करेंगे कि विधेयक पारित कराया जाए."

    इस बीच, राज्यसभा में 44 निजी विधेयक पेश किए जाने हैं और 5 विधेयक विचार और पारित कराने के लिए पेश किए जाने हैं.

    केंद्र सरकार ने 1 अगस्त, 2024 को लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया.

    2005 में पेश विधेयक को करेगा संशोधित, प्रभावी प्रबंधन करेगा

    यह विधेयक आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करने का प्रयास करता है, जिसे आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए अधिनियमित किया गया था.

    आपदा प्रबंधन अधिनियम का मुख्य उद्देश्य आपदा प्रबंधन योजनाओं के क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार करने और उनकी निगरानी करने, आपदाओं की रोकथाम और उनके प्रभावों को कम करने के लिए सरकार के विभिन्न अंगों द्वारा उपाय सुनिश्चित करने व किसी भी आपदा या संभावित आपदा की स्थिति में समग्र, समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया करने के लिए आवश्यक संस्थागत तंत्र स्थापित करना था.

    आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत प्राधिकरणों और समितियों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता और कन्वर्जेंस लाने, राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति और उच्च स्तरीय समिति जैसे कुछ पूर्व-अधिनियम संगठनों को वैधानिक दर्जा प्रदान करने और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति और राज्य कार्यकारी समिति के बजाय राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर आपदा योजना तैयार करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को सशक्त बनाने का प्रयास करता है.

    विधेयक राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा डेटाबेस बनाने का भी प्रावधान करता है.

    शीतकालीन संसद का पहला सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ, जिसमें व्यवधानों के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही काफी पहले स्थगित हो गई. शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा.

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