'दुनिया में एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में भारत का उदय...', जब बजट भाषण में मनमोहन सिंह ने दिखाई थी भविष्य की झलक

    भारत ने गुरुवार को अपने एक अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री को खो दिया. मनमोहन सिंह का निधन पूरे देश के लिए एक गहरा दुख लेकर आया है.

    When Manmohan Singh gave a glimpse of the future in his budget speech
    मनमोहन सिंह | Photo: ANI

    नई दिल्लीः भारत ने गुरुवार को अपने एक अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री को खो दिया. मनमोहन सिंह का निधन पूरे देश के लिए एक गहरा दुख लेकर आया है. आपको बता दें कि वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के कार्यकाल की चर्चा हमारी सामूहिक स्मृति में कौंधती है. उन्होंने देश को गंभीर आर्थिक संकट से निकालने में अहम भूमिका निभाई थी.

    जब मनमोहन सिंह ने बजट भाषण में दिखाई थी भविष्य की झलक

    1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने अपने बजट भाषण को समाप्त करने से पहले कहा था- 'धरती पर कोई भी शक्ति उस विचार को नहीं रोक सकती जिसका समय आ गया है. मैं इस प्रतिष्ठित सदन को सुझाव देता हूं कि दुनिया में एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में भारत का उदय एक ऐसा ही विचार है.'

    आपको बता दें कि जब मनमोहन सिंह ने 1991 में वित्त मंत्री का पद संभाला, तो भारत गंभीर भुगतान संतुलन संकट से जूझ रहा था. विदेशी मुद्रा भंडार खतरनाक रूप से कम था, जो मुश्किल से दो सप्ताह के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त था. देश को साहसिक सुधारों की जरूरत थी, जिसके कारण नरसिंह राव और मनमोहन सिंह को उन्हें लाने का काम सौंपा गया था.

    इसके बाद मनमोहन सिंह ने एक वित्त मंत्री के तौर पर कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की अगुआई की. सिंह ने उद्योगों को कुचलने वाले कुख्यात लाइसेंस राज को खत्म किया और अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए खोल दिया.

    इनसे अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और भारत की आर्थिक क्षमता को उजागर करने में मदद मिली. जीडीपी विकास दर, जो सालाना लगभग 3-4% पर सुस्त थी, मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान औसतन 7.7% रही.

    पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के निधन पर जताया शोक

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर एक पोस्ट के जरिए मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया है. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- 'भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है. साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने. उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे. हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए.'

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