THE JC SHOW: भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है. इस बार The JC Show प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ हुई बातचीत के ऊपर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के बाद से सत्ता संभाली है. उसके बाद से भारत की छवि में काफी बदलाव देखने को मिला है. भारत की छवि ग्लोबली काफी मजबूत हुई है. हाल ही में रिकॉर्ड हुए पोडकास्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रियल लाइफ का जिक्र किया गया है. इस पॉडकास्ट के जरिए पीएम ने भी कई मुद्दों को छुआ. कई चीजों पर बातचीत हुई. THE JC SHOW में इसी पॉडकास्ट को लेकर चर्चा होने वाली है.
सवालः आज 9 महीने 14 दिन के बाद भारत की बेटी सुनीता विलियम्स की वापसी से देश रोमांचित है इसके बारे में आप क्या कहेंगे?
जवाबः भारत 24 के एडिटर इन चीफ और सीईओ डॉ. जगदीश चंद्र ने इस सवाल का जवाब देते कहा कि भारत की बेटी के वापस लौटने पर हार्दिक स्वागत है. यह पूरे देश के लिए गौरव और रोमांच का विषय है. पीएम मोदी ने भी खुद सुनीता को पत्र लिखकर कहा है कि आप चाहें हमसे हजारों मील दूर थीं लेकिन देशवासी आपके उत्तम स्वास्थ्य की कामना कर रहे थे. 140 करोड़ लोगों की ओर से मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूं. आप भारत आएं ये खुशी की बात होंगी.
उन्होंने कहा कि गुजरात के महसाणा में दीवाली जैसा माहौल है. सुबह से ही चारों ओर मिठाइयां बाटी जा रही हैं. सुनीता का भारत के प्रति खूब प्यार है. उन्होंने कहा कि मैंने ये सुना है कि सुनीता चाहती हैं कि प्रयागराज का गंगाजल और भगवत गीता मुझे मिले. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री उनकी इस इच्छा को जरूर पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि मस्क ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि हमने अपना वादा निभाया. यह घटनाक्रम ये दर्शाता है कि ट्रंप और मोदी के जो संबंध है इस घटना के बाद से और भी मजबूत हो जाएंगे.
सवालः आज के JC शो की हेडलाइन NAMO: THE Global Statesman आखिर इसके मायने क्या हैं?
जवाबः डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि इसके मायने हैं कि नरेंद्र मोदी ने प्रूव किया है वो ही रियल ग्लोबल स्टेट्समैन हैं, और ग्लोबल लीडर हैं. He is redefining indian Foreign policy. आज पूरा संसार मोदी को ग्लोबल लीडर मान चुका है. जैसा की बताया कि इस शो को 195 देशों में देखा जा रहा था. आपने देखा होगा कि इस शो में नरेंद्र मोदी रियली स्पोक मच्योरड एंड विजनरी लीडर who has clear roadmap in his mind. About india 2047. अगर ग्लोबल लीडर की बात की जाए तो पीएम मोदी की गिनती आज इन तीन बड़े नेताओं में होती है.
सवालः फेमस पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ हुए नरेंद्र मोदी के पॉडकास्ट का ओवरऑल मैसेज क्या है?
जवाबः इसका मैसेज ये है कि it’s a new shift from traditional media to new modern media दूसरा ये कि नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के प्रधानमंत्री हैं. जो अपने आप को नई टेक्नोलॉजी के साथ खुद को बदल लेते हैं. He has shared candid reflection of his childhood, education he also paid high tributes to his late mother and father this interview also offers a glimpse of hit political agenda.
सवालः आखिर लेक्स फ्रिडमैन हैं कौन? इन्होंने क्यों US मीडिया से छोड़ पीएम मोदी को ही क्यों चुना इस सारे प्रोसेस को आखिर आप कैसे देखतें हैं मोदी के सरप्राइज एलिमेंट को?
जवाबः दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यंग टैलंट को प्रमोट करना चाहते हैं. इससे पहले कामथ को भी इंटरव्यू दिया था. 38 वर्षीय कामथ भी एक पॉडकास्टर हैं. अब इन्हें दिया है यह भी 42 साल के हैं. रशियन मूल के हैं, वहां से शिकागो चले गए. लेक्स ने वहां पर इंजीनियरिंग और कंप्यूटर और एआई डॉक्टरेट किया. पीएचडी किया. एक विद्वान बने, एक संपादक बने. इससे पहले भी बहुत बड़े लोगों का पॉडकास्ट उन्होंने किया है. इनमें मस्क, ट्रंप, इजराइली पीएम का नाम शामिल हैं. यह पॉडकास्टर अपने आप में ही इस्टैब्लिश्ड एडिटर है. Element of surprise की बात ये है कि नरेंद्र मोदी की कार्यशैली अद्भुत है. बहुत सारे राष्ट्र के मीडिया सर्किल में इस बात की उत्सुकता है कि आखिर अब अगला पॉडकास्ट पीएम मोदी का कौन करता है.
सवालः क्या यह पॉडकास्ट इंटरव्यू नरेंद्र मोदी की इंटरनेशनल ब्रांडिंग में बनेगा मील का पत्थर?
जवाबः आप देखिए ना 195-197 देशों में इसे सुना जा रहा है. वो तो ग्लोबल पहले से ही हैं. उनकी इंटरनेशनल ब्रांडिंग भी पहले से ही है. इसमें कोई संदेह नहीं है. it has further strenghthen his international branding.
सवालः ट्रंप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर मोदी के इंटरव्यू से क्या बढ़ेगा ट्रंप और मस्क के बीच कॉम्पीटिशन?
जवाब: इस सावल के जवाब में भारत 24 के एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि नरेंद्र मोदी जिसके पक्ष में खड़े हो जाते हैं और पलड़ा उधर भारी हो जाता है. अब उन्होंने ट्रंप के इस प्लेटफॉर्म को ज्वाइन कर लिया है तो नरेंद्र मोदी के करोड़ो लोग हैं. जो उनसे वहां जुड़ेंगे. इससे ऐसा हो सकता है कि मस्क के लोग थोड़े कम पड़ जाएं.
सवालः एक ही सिटिंग में बिना किसी ब्रेक के बेहद संवेदनशील विषयों पर लगातार 3 घंटे 14 मिनट इंटरव्यू देने वाले पीएम मोदी शायद पहले ऐसे ग्लोबल लीडर होंगे क्या थकते नहीं है पीएम मोदी?
जवाबः डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि यह सचमुच ये एक चमत्कार है कि नरेंद्र मोदी थकते नहीं है, वो रुकते नहीं है. मैडिकल साइंस भी ये कहती है कि आपको पूरी प्रोडक्टिवीटी के साथ इंटरव्यू अगर देना है तो अच्छी नींद का होना आवश्यक है. इसे पीएम मोदी ने झुटला दिया है. इस प्रश्न का उत्तर ढूंढना सच में मुश्किल है कि आखिर क्यों नरेंद्र मोदी थकते नहीं है. यह सच है कि वो थकते नहीं और रुकते नहीं है.
सवालः क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि इस पॉडकास्ट इंटरव्यू पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए एक प्रकार की ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी के बीच कोई होड़ चल रही है?
जवाबः to some extent कहा जा सकता है आप देखिए कि ट्रंप ने तो तुरंत शेयर किया अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसी के तुरंत बाद 24 घंटे के ही अंदर चीन ने भी अपना रिएक्शन दिया.
सवालः नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को साहासिक व्यक्ति बताया था जो अपने फैसले खुद लेते हैं नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी के क्या मायने हैं?
जवाबः इस सवाल पर डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि मायने ये हैं कि मायने ये हैं कि नरेंद्र मोदी को इंटरव्यू देते हुए 2019 की वो घटना याद आ गई. जब वो टैक्सास में गए थे. वहां जो कार्यक्रम था उसमें एक लाख लोग इकट्ठा हुए थे. किसी दूसरे देश में एक लाख लोगों का जुटना ही अपने आप में बड़ी बात है. उस दौरान ट्रंप भी थे. दोनों ने अपने-अपने भाषण दिए लेकिन जब नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे थे तो ट्रंप भी उसे सुन रहे थे. इसका पीएम मोदी भी कितना आभार मानते हैं कि यह ट्रंप का बढ़प्पन है मैं बोल रहा हूं औरॉ वो नीचे बैठकर मुझे सुन रहे हैं. जब नरेंद्र मोदी अपना भाषण खत्म कर नीचे आए तो जनता के बीच जाने की इच्छा रहती है. उन्होंने ट्रंप से कहा कि आइए एक चक्कर लगाते हैं साथ में अब आप सोचिए कि अमेरिकन राष्ट्रपति एक सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को तोड़कर हाथ पकड़कर नरेंद्र मोदी के साथ चला जाए ये तो असंभव था. पर मोदी की बात का मान रखा और तुरंत उनके साथ चले. यह देख सिक्योरिटी भी हैरान थी. ट्रंप के इस बढ़प्पन ने नरेंद्र मोदी के दिल को टच किया है.
सवालः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पॉडकास्ट में कहा कि Trump and I put Nation First and this is how we connect इसके क्या मायने हैं?
जवाबः इस पर डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि ये सच है दोनों के बीच तारताम्यता के तार हो सकते हैं. एक बड़ा तार यही है एक खास प्रकार का राष्ट्रवाद उनके मन में हिलोरे लेता है, नरेंद्र मोदी के मन में भी औप ट्रंप के मन में भी उनको ये बात आपस में अच्छे से मालूम है. इसलिए कई बाद देखा गया है कि संवेदनशील विषयों में भी ट्रंप कुछ कहते कहते रुक जाते हैं. नरेंद्र मोदी और भारत के साथ, एक खास तरह का रिश्ता और मानसिक लगाव और आत्मीयता दोनों के बीच है.
सवालः नरेंद्र मोदी की निगाहों में आखिर क्या फर्क है ट्रंप के पहले और इस दूसरे कार्यकाल में? नरेंद्र मोदी की निगाहों में आखिर क्या फर्क है ट्रंप के पहले और दूसरे कार्यकाल में?
जवाबः बेसिक फर्क ये है कि शायद नरेंद्र मोदी ये महसूस करते हैं कि यह दूसरा कार्यकाल जो है इसमें ज्यादा प्रिपेयर्ड है वह ज्यादा फोकस्ड रहते हैं. वह और उनका रोड मैप पहले से ज्यादा क्लियर है इसके अंदर ऐसा वह महसूस करते हैं. बेसिक डिफरेंस यह है इस कार्यकाल में कि वह फोकस्ड है बिल्कुल पहले की तुलना में समय कम है उनके पास काम करने के लिए. ज्यादा है और एक दूसरी बात उनको य लगा खासकर प्रधानमंत्री को लगता है कि जो टीम है ट्रंप ने बहुत अच्छी बनाई है अपना पन है टीम के अंदर एक टीम वर्क है कोई गु बाजया को उस तरह का नहीं है जैसे कई देशों में रहता है इस तरह का जो है मोदी से प्रभावित है मोदी जी कहते हैं कि भाई मैं मिला वहां पे मस से मिला फिर तुलसी से मिला फिर विवेक जी उनसे मिला एक ऐसा लगा परिवार के लोगों से मिल रहा हूं और मस से मोदी जी का पुराना रिश्ता है तो सब लोग जब मोदी जी से मिलने आए सब लोग तो परिवार के साथ मिलने आए तो नरेंद्र मोदी इस बात से बहुत प्रभावित हैं लेकिन उसका रेप का उसका रिफ्लेक्शन यहां आपको पीएमओ में दिखाई देता है पीएमओ में इस तरह का परिवार का सा माहौल है नरेंद्र मोदी की टीम बहुत ही अलर्ट और बहुत रिजल्ट ओरिएंटेड है तो यह भी एक फैक्टर है वहां का प्रेसिडेंशियल हाउस और यहां का पीएमओ इनकी वर्किंग में कुछ एक एक रूपता जैसी है परिवार जैसी एक रूपता रिजल्ट ओरिएंटेशन की एक रूपता तो यह बेसिक फर्क है जो नरेंद्र मोदी को दिखाई दिए ट्रंप के पहले शासन में और ट्रंप के दूसरे शासनकाल में सर आखिर कुछ तो है जो नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप को एक दूसरे के साथ जोड़े रखता है विपरीत
सवाल: सर आखिर कुछ तो है जो नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप को एक दूसरे के साथ जोड़े रखता है विपरीत परिस्थितियों में भी तो आपको इसका बेसिक फैक्टर क्या दिखता है बेसिक फैक्टर ऐसा है कि एक दूसरे प्रति य आपने से कहा कुछ तो है मिस्ट्री है इसे कैसे देखते हैं आप?
जवाब: एक तो मैंने आपसे कहा कि राष्ट्रवाद एक कारण है दूसरा क्या कि दोनों अपने अपने देशों के बहुत बड़े राष्ट्र नायक हैं तीसरा कारण यह कि दोनों के पोलराइज जिसे कहना चाहिए वो कांस्टेंसी है यहां मान लो 20 करोड़ है वहां 5 करोड़ होंगे तो और चौथी बात ट्रंप को भी लगता है कि जो लीडर होता है इसको लीडर कहते हैं लीडर केवल इसलिए नहीं कि प्रधानमंत्री चुन के आ गए आप लीडर इसलिए जो जनता के दिलों पर राज करता है तो उनको लगता है कि नरेंद्र मोदी जनता के दिलों पर राज करते हैं तो कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जिसके कारण से व बंधे हुए हैं और विपत परिस्थितियों के बावजूद भी कटता नहीं आती है अब देखिए टैरिफ का मामला है माहौल कटता का रहता है नरेंद्र मोदी ने कोई ऐसी बात की ना उन्होंने बात की और साहस देखी नैतिक साहस करज एंड कन्न नरेंद्र मोदी सरकार का कि कल संसदीय समिति में कॉमन सेक्रेटरी ने कहा यह कहना गलत होगा कि ट्रंप के दबाव में हमने अमेरिका आयात के सामान प हमने टैरिफ हटा दिया हमने कोई नहीं घटाया टैरिफ ने हटाया अभी जो है टैरिफ के फैसले जो है उदार नीति हमारी और जो हमारा उद्योग है लोकल जो इंडस्ट्री है उसके जो इंटरेस्ट हैं उनको बैलेंस करके हम डिसाइड करते हैं दैट वे जो है तो यह कुछ बातें ऐसी हैं जो उनको जोड़ती हैं तो विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी दोनों के जो बेसिक लव एंड अफेक्शन है अंडरस्टैंडिंग है.
सवालः एक कहना चाहिए जैसे बॉन्डिंग है वो इंटैक्ट है सर इस इंटरव्यू में संयुक्त राष्ट्र संघ के घटते रोल के बारे में आखिर क्या कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और क्या इस विषय पर ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र
जवाब: मोदी के विचार एक जैसे हैं एब्सलूट दे आर ऑन द सेम प्लेटफॉर्म इन लोगों का मानना है कि जितनी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं खड़ी की थी ज्यादातर अमेरिका के सहयोग से य मानिए तो वो क्या है कि अपना रोल नहीं निभा पाई उनमें चार्म नहीं रहा उनमें कहना चाहिए चार्म नहीं रहा एक तरह से वो जो एक फायर होती है वो उसमें क्रिएटिविटी वो नहीं रही और ये संस्थाएं थी जो रोल इनको दिया गया था उसको अदा नहीं कर पाई इसलिए आपने देखा है कि ट्रंप का मन भी उठ गया है यूएनओ से यूएनओ के संस्थानों से डब्ल्यूएचओ कम हुआ है यूएसए डीसी कम हुआ है तो कुल मिलाकर एक आम सहमति है दोनों राष्ट्रों के बीच में कि ये संस्थाएं अपना रोल ठीक से नहीं निभा पा रही हैं रोल ठीक से होता है अगर कोई राष्ट्र गलत कर रहा है तो उसे ठीक करना उस उस राष्ट्र को गलती वाले राष्ट्र को रेगुलेट करने के काम में संस्थाएं फेल हैं तो फिर इनका क्या फायदा है तो क्षन शने विचारधारा पनप रही है मोदी और ट्रंप के मन में कि इन संस्थाओं को रिवैंप किया जाने की आवश्यकता है या इनको खत्म किया जाने की आवश्यकता है.
सवाल: प्रधानमंत्री का जब भारत दौरा था तो उस समय एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडो पैसिफिक कंट्रीज में एक लीडरशिप स्थापित की और यह इंडो पैसिफिक इलाका बहुत महत्त्वपूर्ण है चाहे सिक्योरिटी हो बिजनेस हो रिलेशनशिप हो एक बार फिर अपनी लीडरशिप स्थापित करना आप कैसे देखते हैं
जवाब: इस सवाल के जवाब में डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि बिल्कुल फैक्ट है आई थिंक स्लोली इमर्जिंग एज ए पावरफुल लीडर ऑफ इंडो पैसिफिक और न्यूजीलैंड एक बड़ा राष्ट्र है उसके प्रधानमंत्री ने आ कर के क्या कहा आप देखिए उसने कहा कि हम अपने हितों के लिए न्यूजीलैंड अपने हितों के लिए भारत की ओर देखता है नरेंद्र मोदी की ओर देखता है इंडियन ओसन में हमारे जो इंटरेस्ट है और नरेंद्र मोदी उसे प्रोटेक्ट करेंगे तो डिफेंस पैक्ट साइन किया उन्होंने सिक्योरिटी कोऑपरेशन साइन किया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बात अलग से चल रही है और नरेंद्र मोदी की एक ही सोच है सबकी सोच है राष्ट्र क्या चाहते हैं यह रा चाहते हैं कि चाइना की दादागिरी नहीं रहे और आपका जो ग्लोबल साउथ साउथ चाइना सी है इनमें फ्री मूवमेंट है सब लोगों का हर राष्ट्र की संप्रभुता रहे राष्ट्र के स्टी का सम्मान हो बस यही चाहते हैं सब लोग जो है तो उसमें नरेंद्र मोदी इ इमर्जिंग एज ए वोकल वॉइस एस ए लीडर ऑफ ऑल दिस कंट्रीज सो न्यूजीलैंड इज द लेटेस्ट एडिशन हम ऐसा कह सकते हैं.
सवालः सर रूस और यूक्रेन के बीच जो युद्ध चल रहा है उसको लेकर के एक सामूहिक प्रयास किया जा रहा है प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुतिन द्वारा और ट्रंप द्वारा लेकिन इन प्रयासों को सफलता कब मिलेगी?
जवाबः अब तो ऐसा लगता है कि युद्ध विराम शायद एक कदम दूर है दो घंटे से ज्यादा ट्रंप और पुतिन के बीच बात होने की खबर है मोटे तौर पर त हुआ कि 30 दिन का युद्ध विराम किया जाए अभी पहले चरण में फिर पुतिन ने आश्वासन दिया दोनों ने आश्वासन दिया कि आगे चलकर हम इसको परमानेंट सीज फायर में जो है इसको हम कन्वर्ट कर लेंगे तो भह रेलय तय हुआ है.
पहले चरण में कि एनर्जी और जो इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स हैं इनको बमबारी से युद्ध से मुक्त रखा जाए और यहां पूर्ण युद्ध विराम रहे बाकी क्षेत्रों में बमबारी हो सकती है फिर कैदियों की अदला बदली पर सहमति बनी 175 175 करके कैदी जो है आपस में आएंगे इधर उधर जो जाएंगे जो है तो इस प्रकार से क्या है कि एक सहमति इस तरह की बनी है लेकिन दूसरी तरफ जो है जो जेलेंस्की है जो वहां के राष्ट्रपति यूक्रेन के वो बहुत दुखी है वो इस बात से दुखी है कि शांति प्रोसेस में वार्ता में उन्हें शामिल नहीं किया गया है तो उन्हें कहना है कि यूरोपीय देशों को कम से कम वार्ता की मेज पर होना चाहिए था.
यूरोप की सुरक्षा आप डिस्कस कर रहे तो यूरोप के लोगों को व होना चाहिए जो है उनका यह भी कहना है कि भाई पुतिन के दबाव में जो है मनमाने फैसले हो रहे हैं और ट्रंप जो है उनके हर बात जो है मानते जा रहे हैं अब ये सुना है कि शायद नाटो कंट्रीज को भी अमेरिका अब मदद नहीं करेगा आगे जैसे पहले करता है विचार अलग से चल रहा है लेकिन अब जो समझौता हो रहा है यूक्रेन रूस के बीच में तो इसमें बहुत बड़ा बंदरगाह है एक मात्र बंदरगाह है यूक्रेन का जो है तो अब उस बंदरगाह का कब्जा जो है रशिया ने ले लिया यूक्रेन से तो ट्रंप की इच्छा यह है उसमें कि वोह जो बंदरगाह का कब्जा है जो यूक्रेन का था वह रूस के पास ही रह जाए तो इस तरह कुछ सिचुएशन वहां पे चल रही है कुल मिला के तो कुछ राष्ट्रों में ऐसी नाराजगी है इन राष्ट्रों में जो है लेकिन इन सबके बावजूद ऐसा लगता है कि अब यह युद्ध विराम जो है हो सकता है होने के कगार पे है ऐसा लगता है
सवालः सर पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बातचीत की गई और उनकी तरफ से कहा गया कि जब जब हमने दोस्ती का हाथ बढ़ाया बदले में हमें मिला क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म एंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की पीड़ा को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाब: अब्सोल्युटली कंट्री शेयर ज मन की पीड़ा ल शेर इज मन की पीड़ा नरेंद्र मोदी बेसिकली मीनिंगफुल आदमी है शांति चाहते हैं क्योंकि उनके पहले से मानना यह कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं है. वह तो सब जगह कह रहे हैं लेकिन यह सच है कि जब जब वार्ता आग बढी तो पाकिस्तान ने ट्रे किया और आप देखिए कि प्रॉक्सी वॉर को जो है लच किया जिसे कहना चाहिए क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म है और एक्चुअल पीड़ा की बात यह है कि जो भी आतंकवाद है दुनिया में उसकी जड़ कहीं कहीं पाकिस्तान में आपको दिखाई देती है. अब बिन लदन है कहां मारा गया उसको पाकिस्तान में शरण किसने दी थी पाकिस्तान ने तो यह मन की पीड़ा है कि पाकिस्तान कब सुधरेगा और दूसरा एक बात और है पाकिस्तान की सब बातों से परेशान होकर अब शायद नरेंद्र मोदी अमित शाह का मन बन रहा है कि अब इस पाकिस्तान ऑक्यूपाइड जो कश्मीर है इसको ले लो पिछले कुछ समय से विदेश मंत्री के जो बयान आ रहे हैं उनसे ऐसा लगता है कि शायद मन बन चुका है.
अब यह कब करेंगे उस ऑपरेशन को यह वक्त बताएगा तो पाकिस्तान को कीमत चुकानी पड़ेगी इन सब बातों की क्रोस टेररिज्म और इन सब बातों की अब मतलब काफी निर्णय लेने के कगार पर भारत सरकार मुझे लगता है कि आ गई है कि यह इलाका हमारा खोया हुआ इलाका बहुत लंबे इसमें से अब इसको वापस हम ले लेते हैं तो कुल मिलाकर पाकिस्तान के बारे में नरेंद्र मोदी का जो मन है जो हर्ट फील करते हैं दैट इज एब्सलूट करेक्ट वी ल शेयर दिस सेंटीमेंट.
सवाल: सर इस पॉडकास्ट के दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने चीन को लेकर जो पॉजिटिव टिप्पणियां की जो बातें कही उसके जवाब में चीन ने क्या कहा और क्या आप इसे भारत और चीन की दोस्ती में एक और बढ़ते हुए कदम के तौर पर देखते हैं?
जवाब: इसमें तीन बातें महत्त्वपूर्ण है देखिए पहला यह नरेंद्र मोदी ने कहा व आर ट्रांग टू रिस्टोर प्रीट पोजीशन विदन बैकेट ऑन बॉर्डर एंड ल आप देख रहे हैं दूसरा उन्होंने कहा कि चाइना के साथ स्पर्धा हो संघर्ष नहीं कंपटीशन श नट टू कन्वर्ट इनटू कन्फेशन एट एनी कोस्ट और तीसरा फिर देखिए चाइना ने कहा है कि चाइना वेलकम्स पॉजिटिव कमेंट्स ऑफ नरेंद्र मोदी ऑन चाइना कितनी बड़ी बात है चौथा चाइनीज जो एंबेसडर है यहां वो ये कह रहे हैं कि 75 वर्ष ठ आ रही है नेक्स्ट डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन चाइना एंड इंडिया नेक्स्ट मंथ जो है तो उनका कहना है कि हाथी और ड्रैगन की दोस्ती है वह आगे बढ़ेगी जो है ये जो टैंगो है यह सक्सेस होगा और इसी में संसार का भला है दोनों विकासशील राष्ट्र हैं. सबका भला इसी में है कि दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ के आगे बढ़े जब ये दोनों देश आगे बढ़ेंगे तभी संसार आगे बढ़ेगा दोनों देशों को ही एक दूसरे के डेवलपमेंट में कंट्रीब्यूट करना चाहिए तो नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि चाइना के रिश्ते को आज के थोड़ी हैं.
सदियों पुराने हैं सदियों से चाइना और भारत एक दूसरे से सीखते रहे हैं आपस में एक जमाना था वर्ल्ड की 50 पर जीडीपी थी केवल दो देशों के पास थी चाइना और इंडिया के पास तो पलट के जो चाइनीज स्पोक्स पर्सन है उसने बड़ा अच्छा कहा कि हम इस पोजिटिव का स्वागत करते हैं और हम ये आशा करते हैं कि संवाद और सहयोग हमारे बीच में बढ़ेगा और आगे बढ़ के इस संभाग में इस इस पूरे जो है ऑर्बिट है जो इसमें दोनों राष्ट्र मिलकर चलेंगे मिलकर प्रगति करेंगे इसी आशा और विश्वास के साथ चाइना ने आगे बढ़ने की बात कही है
सवाल: सर क्या चाइना और भारत के जो संवेदनशील संबंध है उसमें इस पॉडकास्ट का भी कोई रोल देखता है?
जवाब: हां है रोल इसका एक्चुअली इट हैज प्रोवाइडेड एन अपॉर्चुनिटी टू बोथ द टू शेयर देयर व्यू पॉइंट और देयर व्यूज ऑन सर्टेन सेंसिटिव इश्यूज तो यू कैन कंक्लूजन बिगिनिंग और ए न्यू चैप्टर इन इंडो चाइना रिलेशनशिप एंड क्रेडिट ऑफ कोर्स गोज टू द ओपनिंग बैट्समैन दैट इज नरेंद्र मोदी.
सवाल: इंडिया में सर अभी दो दिन पहले तुलसी गबा जो कि यूएस इंटेलिजेंस हेड है उनके साथ-साथ 20 देशों के जो इंटेलिजेंस हेड है वो भी आए हैं तो एक तो तुलसी की इस यात्रा को आप कैसे देखते हैं और क्या एक तरीके से आप कह सकते हैं कि डिप्लोमेसी सक्सेस प्रधानमंत्री मोदी की है
जवाब: बिल्कुल है कहां जुड़ते हैं इतने लोग इन देशों के लोग कहां आते हैं भारत में न्यू दिल्ली आफ्टर न्यूयॉर्क संसार के सारे लोग आने लग गए हैं अब देखिए 20 कंट्रीज के स्पाई चीफ यहां पे थे वो तुलसी खुद वहां पे थी आप देखिए और कितने महत्त्वपूर्ण सब्जेक्ट डिस्कस हुए काउंटर टेररिज्म और इंटरनेशनल जो इंफॉर्मेशन इंटेलिजेंस है न टेरर एंड ऑल उसको शेयर करने की बात है तो इंडिया इज प्लेइंग ए सेंट्रल लॉल तो यहां के राजनाथ सिंह से मिली आकर के प्रधानमंत्री से मिली प्रधानमंत्री ने गिफ्ट डिप्लोमेसी है प्रधानमंत्री की तो उन्होंने जो है उनको वो भेंट किया गंगाजल वहां पे जो है भेंट किया तो सारा ही है उनकी यात्रा इंपॉर्टेंट थी और यह जो कोन क्ले हुई है यह अपने आप में इंपोर्टेंट है और इंपोर्टेंट इसलिए है कि रायसीना जो था. कन क्लेव उससे एक दिन पहले हुई है और रायसीना में क्या 125 देशों के 3500 प्रतिनिधि आए हुए हैं एक बड़ा अवसर है यहां पर जो है इसी पर जो है वो शशि थरूर भी बोले हैं कि भाई मैं अपनी गलती मानता हूं और नरेंद्र मोदी की जो पॉलिसी है डिप्लोमेसी है यूक्रेन और इस पे मैं उनके साथ हूं और उनका मतलब सम्मान करता हूं या उनकी तारीफ करता हूं दैट वे जो है तो यह उसका आना इंटेलिजेंस चीफ का यहां पे आना एक बड़ी घटना है. इससे भारत की सारी इंटेलिजेंस चीफ एजेंसी जुड़ती हैं. आपस में कोऑर्डिनेशन बनता है और आगे जाके सारे संसार की जो टेरर की जो इंफॉर्मेशन है इंटेलिजेंस है वह वहीं रहती है. अमेरिका में 18 खुफिया एजेंसियों की चीफ हैं ये तो भारतीय खुफिया एजेंसीज को इससे सपोर्ट मिलेगा तो एक बड़ी घटना और कह सकते हैं इसको नरेंद्र मोदी की एक बड़ी एडमिनिस्ट्रेटिव और डिप्लोमेटिक सक्सेस है ये
सवाल: सर इस्लामिक टेररिज्म पाकिस्तान और बांग्लादेश के संदर्भ में क्या कहा तुलसी ने?
जवाब: तुलसी ने यही कहा कि इस्लामिक टेररिज्म को खत्म करना है ग्लोबली खत्म करना है. पाकिस्तान में खत्म करना है और बांग्लादेश के बारे में तो उन्होंने कहा कि वहां जो माइनॉरिटी प जो हो रहा है मतलब इनडायरेक्टली हिंदुओं पे जो अत्याचार मंदिरों के सब हो रहे हैं. तो शी इज क्वाइट कंसर्न उन्होंने कहा हमारा देश कंसर्न है और पिछली बार भी ट्रंप ने कहा था कि वहां का मुद्दा मैं नरेंद्र मोदी पर छोड़ता हूं एक तरह से तो उसके बाद यह दूसरी घटना हुई है तो इंडिया के स्टैंड को जो है इसने एंडोर्स किया है. बांग्लादेश पर और यह एंडोर्स किया है कि जो इस्लामिक टेररिज्म है उसको खत्म करना है.
सवालः सर आखिरकार तुलसी को भारत और नरेंद्र मोदी इतने क्यों पसंद है इसके पीछे क्या रीजन है?
जवाब: नरेंद्र मोदी का जादू नरेंद्र मोदी की पर्सनालिटी उनका हैंडलिंग उनके पब्लिक रिलेशंस आप देखिए 10 साल से इनको जानते हैं व जो है माबाप हिंदू धर्म को मानने लगे वह भी मानने लगी अमेरिका में कांग्रेस की मेंबर बनी शपथ ली तो गीता पर हाथ रख के शपथ ली व गीता की पुस्तक नरेंद्र मोदी ने भिजवाई थी फिर शादी हुई तो नरेंद्र मोदी ने उपहार भेजे मैरिज गिफ्ट भेजी राम माधव खुद गए गिफ्ट देने के लिए तो ये सब बातें व्यक्ति को व्यक्ति से जोड़ती हैं. और फिर नंद मोदी अमेरिका गए थे तो वो भी देखती उनके बॉस के साथ कितने अच्छे संबंध है ट्रंप के साथ होता है. ना बॉस के साथ साथ संबंध होते हैं. तो आसपास के लोग भी संबंध अच्छे रखते हैं. और वो देखती हैं कि मीनिंगफुल व्यक्ति हैं रिजल्ट ओरिएंटेड हैं एंड इज नेचुरल अला टू ट्रंप तो ये सब बातें ऐसी है जिनके कारण से एक रिश्ता एक अंडरस्टैंडिंग एक इक्वेशन एक बंडिंग है उन दोनों के बीच में
सवाल: सर नरेंद्र मोदी के कई इंटरव्यूज हुए पॉडकास्ट भी हुए और उन्होंने कई मुद्दों पर बात की लेकिन इस पॉडकास्ट में ऐसा क्या था जो आज तक दुनिया को नहीं पता था सुपर एक्सक्लूसिव इस पॉडकास्ट में क्या निकल कर आया?
जवाब: कुछ बातें बहुत पर्सनल थी एक्सक्लूसिव थी जैसे उन्होंने कहा कि बचपन में मेरे पास जूते नहीं थे मैं स्कूल नंगे पांव जाता था. लेकिन मन में कभी भाव नहीं आता था. कि मेरे पास यह नहीं है वह नहीं है एक दिन स्कूल जा रहा था रास्ते में मामा जी मिले उन्होंने कहा तुम्हारे पास जूते नहीं है तो उन्होंने कन्वे के जूते लेके उनको दिए 10 12 रप में जूते आते होंगे. कैन्वा के उस जमाने में जूते लिए उन्होंने अब क्या कन्वे जूतो में जो है ना दाग लग जाता है. तो नरेंद्र मोदी क्या करते थे क्लास में जो क्लास खत्म होती थी रुक कर के जो चाक से अपन बोर्ड पर लिखते हैं चाक टूटे टुकड़े पड़े रहते हैं उठा लेते थे घर ले जाकर पानी में डुबो के उसको साफ करते जूते को चमकाते थे तो बात उन्होंने कही दूसरा उन्होंने कहा कि मेरे कपड़ों पर जो है वो इस्त्री करना प्रेस करने का सिस्टम वहां पर नहीं था तो मैं एक तांबे के बर्तन में खूब तेज गर्म पानी करके उसको उसको इस्त्री करता था क्योंकि मुझे कपड़ों को ठीक से पहनने का शौक शुरू से जो जो भी कपड़ा है.
उसको हम ठीक से पहने ये दो बातें कही फिर उन्होने उसमें यह भी कहा कि मैंने कभी अकेलापन महसूस नहीं किया जीवन में जो है मेरा वन प्लस वन है पहला वन तो मैं हूं दूसरा वन भगवान है तो भगवान हमेशा मेरे साथ रहते हैं. इस तरह की बातें आध्यात्मिक और पर्सनल इमोशन उन्होंने पहली बार की महात्मा गांधी के लिए कहा कि महात्मा गांधी 20वीं सदी के नहीं संसार के हर सदी के नेता है वह तो और महात्मा गांधी है खुद गो संरक्षा के समर्थक थे और फिर उन्होंने गायत्री की बात की और कुछ इस तरह की बातें की जिससे लगा कि यह इंटरव्यू औरों से हट के थोड़ा सा एक्सक्लूसिव है.
और मोस्ट एक्सक्लूसिव है इट मीन समथिंग एक्स्ट्रा देन द अर्लिफ्ट उसको मिनी ब्राजील बताया आखिर क्या है ऐसा इस गांव में उन्होंने कहा कि भाई उत्साह की बात है बच्चों में ग्रास रूट टैलेंट है उसको हम प्रमोट करना चाहिए उन्होंने उदाहरण दिया कि मध्य प्रदेश के गांव में गया आदिवासी इलाका था देखा 60 70 बच्चे फुटबॉल खेल रहे हैं वहां पर तो पूछा बच्चे से क्या उन्होंने कहा कि यह भारत का मिनी ब्राजील है कैसे कि 70 80 नेशनल जो अवार्ड है चैंपियनशिप्स है फुटबॉल की यहीं से आती हैं तो नंद मोदी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि देखो कोई सुविधाए नहीं गांव में वह नहीं है ग्रास रूट टैलेंट इसे प्रमोट करना चाहिए इन सब बातों के कारण से नरेंद्र मोदी स्पोर्ट्स को प्रमोट करें कंट्री में आप देख रहे हैं.
सवाल: सर इस इंटरव्यू के दौरान जीवन मृत्यु के दर्शन पर प्रधानमंत्री ने इसका जिक्र किया क्या कहा उन्होंने?
जवाब: उन्होंने सिंपल बात कही कि मृत्यु निश्चित है जो निश्चित है उससे क्या डरना इसलिए जीवन को गले लगाओ इसे कहना चाहिए मस्त रहो खुश रहो संतुष्ट रहो सर भारतीय विचार दर्शन में जो महत्व और स्थान उपवास का है उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह से देखते हैं देखिए नरेंद्र मोदी का उपवास तो देखो अब एक तरह से ग्लोबल सब्जेक्ट होता जा रहा है.
जिन्होंने इंटरव्यू लिया अभी आकर के पोडकास्ट इंटरव्यू लिया उन्होंने कहा कि मैंने उपवास रखा नरेंद्र मोदी की मनोदशा को समझने उस मेंटल वेवलेंथ में आने के लिए जो है तो नरेंद्र मोदी बिल्कुल ठीक कहते हैं वो कहते हैं भाई चतुर्मास जो होता है शुरू में जो है आप जून से मान लीजिए सितंबर अक्टूबर तक जो है उसमें क्या है कि भाई केवल एक वक्त व्यक्ति जो है ना खाना खाता है फिर नवरात्रि आते हैं उसमें उन्हें कहा न दिन तक मैं केवल गर्म पानी लेता हूं जो है फिर उसके बाद में एक मार्च अप्रैल में आता है ऐसा मौका न 10 दिनों का जो है उसने कहना कि मैं फलाहार पर रहता हूं जैसे मान लो पपीता पसंद है तो फल पपीता खाता हूं तो हेल्थ को फिट करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए फिजिकल स्वास्थ्य के लिए नरेंद्र मोदी उपवास करते हैं. और जैसे योगा को उन्होने प्रमोट कर दिया है मुझे लगता है थोड़ी दिनों बाद उपवास को भी नरेंद्र मोदी इंटरनेशनली प्रमोट कर देंगे.
सवाल: सर इस इंटरव्यू में पत्रकारिता की शैली और श्रेणियों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
जवाब:वे शायद उन्होने वंग में कहा लंदन गए थे एक बार गुजराती समाचार पत्र का उद्घाटन कोई कार्यक्रम था तैसे अपने से पूछा कि पत्रकार भाइयों मुझे य बताओ कि पत्रकारिता कैसी होनी चाहिए तो लोगों ने कहा बताइए तो उन्होंने कहा दो प्रकार की होती है एक मक्खी एक मधुमक्खी मक्खी बोले गंदगी पर बैठती है तो फिर गंदगी का ही आगे प्रसारण करती उसको कैरी करती है मक्खी जो मधु मक्खी जो है दूसरी वो क्या फूल पर बैठती है उस पर तो मधु पैदा करती है वहां पर जो है लेकिन मधुमक्खी को अगर आप परेशान करेंगे तो फिर वो डस लेती है कभी-कभी फिर तीन दिन तक आप चेहरा दिखाने के लायक नहीं रहते आपका चेहरा सूझा रहता है.
इस तरह से तो कैसी पत्रकारिता आप करना चाहते हैं आप लोग खुद डिसाइड करिए तो एक संकेत इस तरह का उन्होंने दिया था. उस घटना का इंसीडेंटली उन्होंने इस बार जिक्र किया ट्स ऑल तो मतलब ये था कहने का कि स्वस्थ पत्रकारिता करिए वैल्यू बेस पत्रकारिता करिए और शहद की मक्खी जैसी पत्रकारिता कर अच्छी पत्रकारिता करिए समाज में देश में जिससे कि सद्भावना का माहौल फैले इस तरह की पत्रकारिता कीजिए.
सवाल: सर अपनी जीवन यात्रा में गुजरात के छोटे से शहर वडनगर से काशी कैसे पहुंचे?
जवाब: नरेंद्र मोदी यह भाग्य है व तो खुद कहते हैं छोटे से गांव में था पढ़ता था सोचा नहीं था गंगा मैया मुझे बुलाएगी एक दिन मैं वहां से चुनाव जीतूंगा प्रधानमंत्री बनूंगा तो व्यक्ति की भाग्य रेखा है उनके प्रयास हैं. उनकी सोच है और आध्यात्मिक तो शुरू से ही थे वो तो वडनगर से वहां पहुंचे तो आदमी पीछे मुड़ के देखता है डाउन द मेमोरी लेन तो एक समझ तो आता नहीं कि मैं कहां से कहां पहुंचा इसी भाव से उन्होंने कहा है यह कि वडनगर से देखो मैं कैसे पहुंचा गंगा मेया की शरण में सर इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 140 करोड़ लोग मेरी ताकत है.
दूसरा जब मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री ने अपना भाषण दिया महाकुंभ को लेकर वो बहुत भावुक नजर आए तो उसको आप कैसे देखते हैं 140 करोड़ का तो ठीक है. यह सभी जानते हैं 40 करोड़ लोगों की आवाज है नरेंद्र मोदी यह फैक्ट है. इसका खुलासा और किया आगे उन्होंने कहा कि मैं मोदी नहीं हूं 140 करोड़ हूं मैं कहीं जाता हूं तो मुझे लगता है 140 करोड़ लोग मेरे साथ चल रहे हैं. मैं किसी संधि एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करता हूं तो लगता है कि 140 करोड़ लोगों की ताकत इस पर हस्ताक्षर कर रही है. कमिटमेंट और रही बात महाकुंभ की तो बहुत अच्छा उन्होंने बोला उन्होंने कहा कि महाकुंभ से जो है. एकता का अमृत निकला है सांस्कृतिक एकता जो है और सामूहिक चेतना जो है.
एक राष्ट्र सर्वोत्तम राष्ट्र विविधता में एकता यह सारी बातें थी और सबसे बड़ी बात ये थी कि उन्होंने कहा कि वी विटनेस ए नेशनल अवे अवेयरनेस नेशनल मोमेंटम जो होता है वो हमने इसमें महसूस किया है इसके अंदर और यहां तक कहा कि जिस प्रकार की ऐतिहासिक घटनाएं हम मानते हैं महात्मा गांधी की डांडी मार्च को या मानते हैं सुभाष चंद्र बोस के दली चलो आंदोलन को कुछ इसी तरह का एक बड़ा आंदोलन बड़ी घटना जो है ना यह महाकुंभ था इनफैक्ट उनका कहना यह है कि महाकुंभ वाज टर्निंग पॉइंट इन इंडियन हिस्ट्री सो दिस इज ल गुड स्पीच इन पार्लियामेंट.
सवाल: सर प्रधानमंत्री मोदी ने इस इंटरव्यू में आईडिया ऑफ इंडिया को किस तरीके से परिभाषित किया है?
जवाब: उनकी सोच को अगर हम सम अप करें एक सिंगल सेंटेंस में तो उनका आईडिया एक ही है विकसित भारत 207 इज द आइडिया ऑफ न्यू इंडिया ऑफ नरेंद्र मोदी जिसे कहते हैं विजन ऑफ न्यू इंडिया विकसित भारत 207 विकसित रा जिसे कहते हैं अब बहुत जल्द संसार की तीसरी अर्थव्यवस्था बनना वो फिर उसके ऑफशूट्स है. सारे बेसिक प्रिंसिपल बेसिक एजेंडा बेसिक मैंडेट है. विकसित भारत 2047 और यही नरेंद्र मोदी का आईडिया ऑफ इंडिया है.
सवाल: सर नरेंद्र मोदी ने इस पॉडकास्ट में कहा कि संघ को समझना आसान नहीं है संघ की कार्यशैली को उसके काम को प्रणाली को समझना जरूरी है बारीकी से इस पॉडकास्ट में उन्होंने संघ पर बहुत फोकस किया सर आपको मायने क्या लगते हैं इसके?
जवाब: देखिए संघ और नरेंद्र मोदी के रिश्तों में यह इंटरव्यू एक मील का पत्थर है नरेंद्र मोदी ने जिस ढंग से जिस आत्मीयता से अपने पेरेंट इंस्टिट्यूशन अपनी मात्र संस्था आरएसएस को प्रणाम किया. अपना पूरा कमिटमेंट श्रद्धा सुमन जिसे कहते हैं. अपना समर्पण भाव प्रदर्शित किया उससे निश्चित तौर पर संघ परिवार आज गदगद हुआ होगा इसे माने नरेंद्र मोदी ने कहा पूरी तरह भाव विभोर होकर भावुकता के साथ सं के प्रति अपने एसोसिएशन को याद करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं संघ का स्वयं सेवक हूं संघ का कार्यकर्ता हूं. उनका करोड़ों लोग संघ से जुड़े हैं संसार में संघ से बड़ा कोई भी सांसारिक संगठन सामाजिक संगठन इस संसार में नहीं है और मेरे मन में जो राष्ट्र भक्ति की प्रेरणा है जो संस्कार हैं. वह मैंने संघ से ही लिए हैं संघ से ही सीखे हैं वेदों में जो लिखा है. संघ वही करता है संघ बिना सरकारी मदद के जो है जनता की सेवा करता है समाज सेवा करता है. संघ ने आदिवासी क्षेत्रों में 70 हज से ज्यादा स्कूल खोल रखे हैं. और ये सब बातें नरेंद्र मोदी ने कही तो ऐसा लगा कि नरेंद्र मोदी के मन में संघ के प्रति जो समर्पण भाव था सम्मान का भाव था श्रद्धा का भाव था सारे राष्ट्र ने उसको देखा और संघ और भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं ने उसे जिसे कहना चाहिए वह देखा और सबको एक बहुत अच्छा लगा एक अच्छा सेंटीमेंट लोगों को लगा और जब संघ और मोदी के रिश्तों की बात करते हैं तो देखो सच तो यह है कि नरेंद्र मोदी ने ही संघ परिवार के जो अधूरे सपने थे नरेंद्र मोदी अमित शाह ने उनको पूरा किया.
अब देखिए राम मंदिर आपके सामने हैं 370 आपके सामने हैं और समान नागरिक संहिता वह आपके सामने हैं तीन तलाक आपके सामने हैं खास तौर पर 370 राम मंदिर पहले भी भाजपा सरकार थी केंद्र में नहीं हुआ और नरेंद्र मोदी अमित शाह की स्ट्रेटेजी कमिटमेंट संघ के साथ उनकी वैचारिक एकता उनका सहयोग इन सबके साथ मिलकर लक्ष्य पाए और आज देखिए 21 राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार है आज 21 राज्य में जो भगवा फहरा रहा है. उसमें निश्चित तौर पर संघ गदगद है और इस लक्ष्य के पीछे इस उपलब्धि के पीछे कौन लोग हैं.
वही नरेंद्र मोदी अमित शाह जेपी नड्डा यही लोग हैं भाजपा है दैट जो है तो इन दोनों का जो संगम है वो तो अद्भुत है और संगम जितना अच्छा हो राष्ट्र के हित में वही है और संस्था उससे जो है वो मजबूत होती है ट वे जो हम कहते हैं तो कुल मिलाकर यह सारे संघ की जो है यह स्थिति है और उन्होंने जो फोकस किया वो एक क्वालिटेटिव विचारों की अभिव्यक्ति थी जिसको लोगों ने पसंद किया.
सवाल: सर मैंने सुनाहै कि 30 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय जा रहे हैं आखिर क्या है इसके संकेत?
जवाब: हां मैंने भी सुना है कि प्रधानमंत्री के रूप में उनकी य पहली नागपुर यात्रा होगी अब 30 मार्च का दिन जो है हिंदू नव वर्ष का दिन होता है और एक गुजराती त्यौहार होता है बड़ी पड़वा जो है वो त्यौहार होता है उसका भी शुभ मुहूर्त माना जाता है तो जा रहे हैं वहां वहां के नागपुर के कार्यकर्ताओं में देश के कार्यकर्ताओं में महाराष्ट्र के कार्यकर्ताओं में बहुत उत्साह है नरेंद्र मोदी की नागपुर यात्रा को लेकर के कुछ बड़े काम करेंगे एक माधव वहां पर नेत्रालय है वर्ल्ड क्लास बनाया है. आरएसएस ने उसे जो है उसका उद्घाटन करेंगे शायद मोहन भागवत भी मंच को साझा करेंगे नरेंद्र मोदी के साथ जो है फिर हेड गवार जो वहां के संस्थापक थे. आरएसएस के उनके मंदिर जाएंगे वहां सममिति मंदिर वहां जाकर श्रद्धांजलि देंगे य पहला मौका होगा जब अखिल भारतीय स्तर का कोई अधिकारी वहां मौजूद होगा सुरेश सोनी जो अदर वाइज भी उसके चेयरमैन है. इस समिति के वहां होंगे नॉर्मली क्या होता है जब कोई प्रधानमंत्री या वहां जाते हैं. तो नॉर्मली कोई अखिल भारतीय स्तर का अधिकारी नहीं जाता था. इस बार वहां पर होंगे तो अच्छी बात है. वहां पर जो है इसके बाद में वहां पर जो है एक बौद्ध एक वहां पर तीसरे जो कार्यक्रम है. उनका व अंबेडकर दीक्षा पीठ करके है. जगह वहां प वहां पर जाएंगे वहां संविधान और सामाजिक सस्था के भाष हो सकता उनके तो कुल मिलाकर क्या है कि नागपुर कीन की बहुत बहु प्रतीक्षित यात्रा है. जो होने जा रही है इसी लोगों में उत्सुकता और उत्साह है इस यात्रा को लेकर के सर 23 साल बाद भी गोदरा कांड की पीड़ा आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में है ऐसा क्यों स्वाभाविक है. उनके मन में कभी-कभी ख्याल उठता है. पीछे मुड़कर देखते हैं कि फास्ट नेटिव वास क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर सभी न्यायालयों में मुकदमे लड़े गए सभी न्यायालयों ने उन्हें निर्दोष घोषित किया और जो दोषी लोग थे न्यायालय उने दंडित किया तो ईश्वर ने न्याय किया लेकिन मन में कभी-कभी तो पीछे मुड़कर देखते हैं तो पीड़ा आती ना कि यह सब क्यों हुआ किन लोगों ने किया हम तो निर्दोष थे उसमें तो कुल मिलाकर उनको आज भी ऐसा लगता है कि That वाज ए फ्रेम नैरेटिव टू डिफेम नरेंद्र मोदी इमेज तो दैट चैप्टर इज ओवर नाउ अब आगे बढ़ना है.
सवाल: सर सुना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओवरऑल लीडरशिप में प्रसार भारतीय दूरदर्शन का कायाकल्प करने जा रहा है नवनीत सहगल का प्लान क्या है?
जवाब: देखिए एक अच्छा प्रयास है. कुछ महीने पहले अभी प्रधानमंत्री ने विशेष रुचि लेकर के और अपने मीडिया के साथ कोऑर्डिनेट करके जो है. नवनीत सैगल को प्रसार भारती का चेयरमैन बनाया है तब से जो नरेंद्र मोदी का एजेंडा है प्रसार भारती का वोह लागू होने लगा है पीएमओ का एक्टिव पार्टी पेशन है उसमें जो है तो उनका जो बेसिक एक जो रोल दिखता है वो एक तो यह है कि जो 5 करोड़ डीटीएच की जो सुविधा है. 5 करोड़ परिवारों में डीटीएच जो है जा रहा है. इसको बढ़ा के 10 करोड़ परिवारों तक करना है. रीच बढ़ानी है जो है दूसरा फिर उनका य कि ओटीटी वेस करके नया प्लेटफार्म लच किया है. उसको आगे बढ़ाना है. 50 लाख लोग शायद उसमें जुड़ गए हैं तीसरा है कि डीडी न्यूज जो एक लोग कहते थे मृत प्राय संस्था है. कोई इसको देखता नहीं खबर को न्यूज बुलेटिन जो है उसको पुनर्जीवित कर रहे हैं और पहला कदम उन्होंने उठाया है कि वन ऑफ द टॉप एंकर्स जो है सुधीर चौधरी अभी आज तक में जो है उनसे कांटेक्ट किया उन्होंने तो उनकी पूरी टीम जो है अप्रैल में जवाइन करने जा रही है प्रसार भारती को तो ऐसा लगता है कि सुधीर चौधरी का आना पहला बड़ा कदम है. अब इसके बाद जो ओवरऑल रोड मैप नरेंद्र मोदी ने दिया होगा इनको सबको उसे वो लोग जो है. सूचना प्रसारण मंत्रालय मंत्री नवनीत सहगल पीएमओ की मीडिया टीम ये सब लोग मिलकर कलेक्टिव लीडरशिप से उसको लागू करेंगे पर एक एक बात तय है कि आने वाले दिनों में इसका जिसे कहना चाहिए प्रसार भारतीय को या दूरदर्शन का जो है कायाकल्प होना तय है.