विपक्षी सांसदों ने वक्फ बिल पैनल की बैठक से किया वॉकआउट, लगाया पक्षपात करने का आरोप

    विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम के आयुक्त और दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ अश्विनी कुमार ने वक्फ बोर्ड की शुरुआती रिपोर्ट को पूरी तरह से बदल दी और इस मामले में मुख्यमंत्री की मंजूरी नहीं ली गई.

    विपक्षी सांसदों ने वक्फ बिल पैनल की बैठक से किया वॉकआउट, लगाया पक्षपात करने का आरोप
    22 अक्टूबर को मामले में बैठक के दौरान नोक-झोंक में घायल टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी | Photo- ANI

    नई दिल्ली : विपक्षी सांसदों ने सोमवार को संसद एनेक्सी में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की बैठक से वॉकआउट किया और पक्षपातपूर्ण कार्यवाही का आरोप लगाया.

    विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम (MCD) के आयुक्त और दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ अश्विनी कुमार ने वक्फ बोर्ड की शुरुआती रिपोर्ट को पूरी तरह से बदल दिया और आगे आरोप लगाया कि इस मामले में मुख्यमंत्री की मंजूरी नहीं ली गई.

    विपक्षी सांसद बाद में वापस लौटे और जेपीसी की बैठक में शामिल हुए.

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    आज की बैठक में समिति ने 3 राज्यों के प्रतिनिधियों को बुलाया था

    आज की बैठक में समिति ने दिल्ली वक्फ बोर्ड, हरियाणा वक्फ बोर्ड, पंजाब वक्फ बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर अपने मौखिक सबूत दर्ज करने के लिए बुलाया था. समिति ने कॉल फॉर जस्टिस (चंदर वाधवा, ट्रस्टी के नेतृत्व में समूह), वक्फ टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन, दिल्ली और हरबंस डंकल, अध्यक्ष, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (सभी ब्लॉक), बीके दत्त कॉलोनी, नई दिल्ली को भी अपने विचार और सुझाव दर्ज करने के लिए बुलाया है.

    समिति 29 अक्टूबर को भी बैठक करेगी. इस बैठक में समिति 'वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024' पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधियों के मौखिक सबूत दर्ज करेगी.

    22 अक्टूबर की बैठक में कांच की बोतल तोड़कर अध्यक्ष पर फेंकने का आरोप

    22 अक्टूबर को हुई समिति की पिछली बैठक में भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के बीच तीखी नोक-झोंक हुई थी. बैठक में अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ बहस के दौरान बनर्जी ने कथित तौर पर एक कांच की बोतल तोड़ दी और कथित तौर पर पैनल के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर फेंक दी. ये आरोप उपस्थित सदस्यों द्वारा लगाए गए थे.

    संयुक्त संसदीय समिति के प्रयास वक्फ अधिनियम में सुधार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी राष्ट्रीय पहल का हिस्सा हैं कि वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल समुदाय के व्यापक हित में किया जाए. वक्फ अधिनियम, 1995, जिसे वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाया गया था, पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं.

    वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, जिसे इस अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, अवैध रूप से कब्ज़े वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और कानूनी तंत्र पेश करते हुए व्यापक सुधार लाने का प्रयास करता है. जेपीसी सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों से इनपुट एकत्र करने के लिए बैठकों की एक सीरीज आयोजित कर रही है, जिसका लक्ष्य सबसे व्यापक सुधार संभव बनाना है.

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