नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अधूरे चुनाव के आंकड़े जारी को लेकर फिर से भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को पत्र लिखने की बात कही है. खरगे ने कहा, "मैं एक बार फिर पत्र लिखकर जवाब न देने का कारण पूछूंगा लेकिन मैं इसे वहां (ईसीआई) तक पहुंचने से पहले प्रेस को जारी नहीं करूंगा..."
#WATCH | Congress president Mallikarjun Kharge says "I am going to write a letter again asking the reasons for the rejection but I will not release it to the press before it reaches there (ECI)..." https://t.co/sqzXXoVa6G pic.twitter.com/5jap1ihtuK
— ANI (@ANI) May 11, 2024
खरगे की यह प्रतिक्रिया तब सामने आई है, जब एक दिन पहले चुनाव आयोग ने मतदान के आंकड़ों को अधूरा बताने को लेकर खरगे के पत्र में उठाए गए सवालों को गलत बताया है और उनकी आलोचना की है.
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 7 मई को चुनाव आयोग को एक खुला खत लिखते हुए वोटिंग प्रतिशत देर जारी करने और मतदान के सारे आंकड़े न जारी करने को लेकर आयोग से जवाब मांगा था. उन्होंने चुनाव आयोग के खिलाफ INDIA गठबंधन के सभी दलों को एकजुट होने को कहा था. उन्होंने पूरे पत्र में क्या कहा था, उसे आप यहां पढ़ सकते हैं.
आज जब पत्रकारों ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से पूछा कि चुनाव आयोग ने आपके पत्र में उठाए सवालों को खारिज कर दिया है तो उन्होंने कहा, "अरे आज एक (पत्र) फिर लिख रहा हूं. क्यों रिजेक्ट किया, क्या कारण है, इसका जिक्र करते हुए आज पत्र रिलीज करूंगा, लेकिन प्रेस को रिलीज नहीं करूंगा जब तक कि उनको (चुनाव आयोग) पहुंचता नहीं."
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EC ने कहा था- वोटिंग डेटा कलेक्शन और इसकी जानकारी में कोई गड़बड़ी नहीं
भारत चुनाव आयोग ने अभी जारी #LokSabhaElections2024 में बाधा डालने की बात कहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आलोचना की थी. ईसीआई ने उनके बयानों को "लाइव चुनाव संचालन के अहम पहलुओं पर आक्रामकता" कहा था. आयोग ने कहा था कि उन्होंने जारी चुनावों के बीच में मतदाता मतदान डेटा जारी करने के संबंध में निराधार आरोप लगाया है. उन्होंने यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन को लेकर भ्रम, गलत दिशा में ले जाने और बाधाएं पैदा करने के लिए किया है. उनके ये बयान मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और राज्यों में बड़ी चुनाव मशीनरी को हतोत्साहित कर सकते हैं.
ईसीआई ने जोर देकर कहा था कि मतदाता का वोटिंग डेटा जुटाने और इसकी जानकारी देने में कोई गड़बड़ी नहीं है. सभी पहले की और मौजूदा प्रक्रियाओं व प्रथाओं का संचालन और खरगे की दलीलों को खारिज करने के लिए बिंदुवार काउंटर जानकारी दे रहे हैं.
आयोग ने मतदान का डेटा देर जारी करने के आरोप को भी किया खारिज
आयोग ने मतदान डेटा देने में किसी भी देरी से इनकार किया और बताया कि अपडेटेड टर्नआउट का आंकडड़ा हमेशा मतदान के दिन से अधिक रहा है. आयोग ने 2019 के आम चुनाव के बाद से एक फैक्चुलअ मैट्रिक्स (गुणा-गणित) दिया. आयोग ने कहा कि वह कांग्रेस के पहले और वर्तमान में गैर-जिम्मेदाराना बयानों में एक 'पैटर्न' पाता है और इसे 'चिंताजनक' कहता है. आयोग ने कहा, सभी तथ्यों के साथ, कांग्रेस अध्यक्ष एक पक्षपातपूर्ण नैरेटिव को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
ईसीआई ने खरगे के खासतौर से इस बयान कि "क्या यह अंतिम परिणामों से छेड़छाड़ का प्रयास हो सकता है", की निंदा की है, और कहा, यह संदेह और असामंजस्य के अलावा एक अराजक स्थिति पैदा कर सकता है.
खरगे का आरोप- चुनाव आयोग ने पैदा की दाल में कुछ काला होने की गुंजाइश
7 मई को मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में कथित गड़बड़ियों पर INDIA गठबंधन के नेताओं को पत्र लिखा था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स के अपने हैंडल पर दो पेज का पत्र साझा करते हुए लिखा था, "भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में गड़बड़ और रजिस्टर्ड मतदाताओं के आंकड़े प्रकाशित न करने से जुड़ी भारतीय दलों के नेताओं को मेरा पत्र."
उन्होंने लिखा था, "2024 का लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और भारत के संविधान को बचाने की लड़ाई है. जैसा कि आप हालिया घटनाक्रम से वाकिफ हैं, कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की विश्वसनीयता अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. यह पब्लिक डोमेन में है कि कैसे ईसीआई ने, शायद इतिहास में पहली बार, लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में देरी की है."
खरगे ने लिखा था, "इसके अलावा, विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह जानना बेहद निराशाजनक है कि तीसरे चरण के बाद से रजिस्टर्ड मतदाता की अंतिम सूची भी जारी नहीं की गई है. इन सभी घटनाक्रमों ने भारत के चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में काला होने या शंक की गुंजाइश पैदा कर दी है - यह संस्था भारत सरकार और उसके लोगों के सामूहिक प्रयासों से बनी है."
कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्षी दलों को एकजुट होकर ECI से सवाल पूछने की अपील की है
उन्होंने कहा था, "पहले और दूसरे चरण के लिए अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में अत्यधिक देरी डेटा की गुणवत्ता पर गंभीर संदेह पैदा करती है. अपने 52 साल के चुनावी जीवन में, मैंने कभी भी अंतिम प्रकाशित आंकड़ों में मतदान प्रतिशत में इतनी अधिक वृद्धि नहीं देखी है, जैसा कि अब हम मानते हैं कि मतदान के दिनों में मतदान के बाद के घंटों से आया है. सार्वजनिक स्मृति को ताज़ा करने के लिए, हमें सामूहिक रूप से निम्नलिखित पर ईसीआई से प्रश्न पूछना चाहिए."
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