वोटिंग डेटा, फेज 3 वोटर्स की फाइनल लिस्ट नहीं की जारी, खरगे का विपक्ष को पत्र- EC के खिलाफ एकजुट हों

    Kharge writes Letter to INDIA leaders : उन्होंने विपक्ष से लोकतंत्र और संविधान बचाने, ECI की स्वतंत्रता व इसे जवाबदेह बनाने के लिए एकजुट आवाज उठाने की अपील की है.

    वोटिंग डेटा, फेज 3 वोटर्स की फाइनल लिस्ट नहीं की जारी, खरगे का विपक्ष को पत्र- EC के खिलाफ एकजुट हों
    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 5 मई पश्चिम बंगाल के मालदा में एक रैली को संबोधित करते हुए, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    Kharge writes Letter to INDIA leaders

    नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरणों के मतदान के प्रतिशत देर जारी करने और मतदान करने वालों की संख्या न बताने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को INDIA गठबंधन के नेताओं खुल खत लिखा है और इसके खिलाफ एकजुट लड़ाई के लिए आगे आने को कहा है.

    गौरतलब है कि अभी तक 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को दो चरणों मतदान हो चुका है, जिसमें 190 सीटें शामिल हैं. आज तीसरे चरण की 94 सीटोंं पर मतदान हो रहा है. चुनाव आयोग ने 19 अप्रैल को हुए मतदान के आंकड़े 11 दिन बाद और 26 अप्रैल को हुए मतदान के आंकड़े 4 दिन बाद जारी किए थे, जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों समेत विशेषज्ञों ने धांधली की आशंका जताई है. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने विपक्षी दलों से ये अपील की है. 

    उन्होंने पत्र में लिखा है, "इसको लेकर मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि हमें सामूहिक रूप से, एकजुट होकर और स्पष्ट रूप से इन गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि हमारा एकमात्र मकसद जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है. आइए हम भारत के चुनाव आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करें और इसे जवाबदेह बनाएं."

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    खरगे ने कहा- चुनाव आयोग ने पैदा की दाल में कुछ काला होने की गुंजाइश

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स के अपने हैंडल पर दो पेज का पत्र साझा करते हुए लिखा है, "भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में गड़बड़ और रजिस्टर्ड मतदाताओं के आंकड़े प्रकाशित न करने से जुड़ी भारतीय दलों के नेताओं को मेरा पत्र."

    उन्होंने लिखा है, "2024 का लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और भारत के संविधान को बचाने की लड़ाई है. जैसा कि आप हालिया घटनाक्रम से वाकिफ हैं, कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की विश्वसनीयता अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. यह सार्वजनिक डोमेन में है कि कैसे ईसीआई ने, शायद इतिहास में पहली बार, लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में देरी की है."

    "इसके अलावा, विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह जानना बेहद निराशाजनक है कि तीसरे चरण के बाद से रजिस्टर्ड मतदाता की अंतिम सूची भी जारी नहीं की गई है. इन सभी घटनाक्रमों ने भारत के चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में काला होने या शंक की गुंजाइश पैदा कर दी है - यह संस्था भारत सरकार और उसके लोगों के सामूहिक प्रयासों से बनी है."

    मल्लिकार्जुन खरगे ने मिलकर ईसीआई से सवाल पूछने की अपील की

    उन्होंने कहा, "पहले और दूसरे चरण के लिए अंतिम मतदान प्रतिशत जारी करने में अत्यधिक देरी डेटा की गुणवत्ता पर गंभीर संदेह पैदा करती है. अपने 52 साल के चुनावी जीवन में, मैंने कभी भी अंतिम प्रकाशित आंकड़ों में मतदान प्रतिशत में इतनी अधिक वृद्धि नहीं देखी है, जैसा कि अब हम मानते हैं कि मतदान के दिनों में मतदान के बाद के घंटों से आया है. सार्वजनिक स्मृति को ताज़ा करने के लिए, हमें सामूहिक रूप से निम्नलिखित पर ईसीआई से प्रश्न पूछना चाहिए."

    कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में इन सवालों को पूछने का आह्वान किया:-

    1- 30 अप्रैल 2024 को, चुनाव आयोग ने 2024 लोकसभा चुनाव के पहले 2 चरणों के लिए अंतिम मतदान डेटा जारी किया. डेटा पहले चरण के मतदान (19 अप्रैल 2024) के 11 दिन बाद और दूसरे चरण (26 अप्रैल 2024) के 4 दिन बाद जारी किया गया था. इस संबंध में चुनाव आयोग से हमारा पहला सवाल है - आयोग ने मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने में देरी क्यों की?

    2- इससे पहले आयोग ने 24 घंटों के भीतर मतदान का डेटा प्रकाशित करता रहा है. इस बार क्या बदला है? राजनीतिक दलों के साथ-साथ राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार सवाल उठाए जाने के बावजूद, आयोग ने इस देरी को उचित ठहराने के लिए कोई स्पष्टीकरण जारी करने में क्यों नाकाम रहा? क्या ईवीएम को लेकर कोई समस्या है?

    3- पहले चरण (102 सीटों) के लिए, आयोग ने कहा था कि 19.04.2024 को शाम 7 बजे तक, अनुमानित मतदान प्रतिशत लगभग 60% था, जबकि इसी तरह दूसरे चरण (88 सीटों) के लिए, अनुमानित मतदान प्रतिशत लगभग था 60.96 % था. ये सभी आंकड़े मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए हैं. ऐसा क्यों है कि 20.04.2024 के दिन पहले चरण के लिए आयोग का अनुमानित मतदान 65.5% हो गया और 27.04.2024 को दूसरे चरण के लिए जारी मतदान का आंकड़ा 66.7% हो गया. 30.04.2024 को, पहले चरण के लिए 66.14% और दूसरे चरण के लिए 66.71% आंकड़े बताए गए.

    4- हम आयोग से पूछते हैं - पहले चरण के लिए, मतदान के खत्म होने की तारीख (19.04.2024 को शाम 7 बजे) से लेकर मतदाताओं के मतदान का डेटा देर से 30.04.2024 को जारी करने तक अंतिम मतदान प्रतिशत में ~ 5.5% की वृद्धि क्यों हुई है?

    वहीं, दूसरे चरण के लिए, मतदान समाप्त होने की तारीख 26.04.2024 को शाम 7 बजे से 30.04.2024 को डेटा जारी होने में देरी से अंतिम मतदान में ~5.74% से अधिक की वृद्धि कैसे हुई है?

    5. इस देरी के अलावा, आयोग द्वारा जारी मतदान डेटा में महत्वपूर्ण आंकड़ों का उल्लेख नहीं किया गया है, जैसे कि हर संसदीय क्षेत्र और जुड़ी विधानसभा क्षेत्रों में डाले गए वोट का डेटा? अगर इन महत्वपूर्ण आंकड़ों के साथ मतदान के 24 घंटों के भीतर मतदान का डेटा प्रकाशित किया जाता, तो हमें पता चल जाता कि क्या सभी चुनाव क्षेत्रों में (~5%) की वृद्धि देखी गई है? या केवल उन निर्वाचन क्षेत्रों में जहां सत्तारूढ़ शासन ने 2019 के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था?

    सार्वजनिक तौर से उठाए गए इन संदेहों को कम करने के लिए, आयोग को न केवल हर संसदीय क्षेत्र (और संबंधित विधानसभा क्षेत्रों) का डेटा जारी करना चाहिए था, बल्कि प्रत्येक मतदान केंद्र में मतदान का आंकड़ा भी जारी करना चाहिए था. दरअसल, हर मतदान केंद्र, विधानसभा क्षेत्र और संसदीय क्षेत्र के साथ उन शिकायतों का भी जिक्र/प्रकाशन करना चाहिए जो राजनीतिक दलों द्वारा दायर की गई हों? (खासतौर  से नागालैंड, त्रिपुरा आदि के संदर्भ में, जहां मतदान को लेकर मुद्दे खड़े हुए.)

    ईसीआई के अनुसार, उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों के पास हर मतदान केंद्र का मतदाताओं का सटीक डेटा होता है. इसका मतलब यह है कि आयोग के पास हर मतदान केंद्र का वोटिंग प्रतिशत का डेटा भी है; अब हमारा उनसे सवाल यह है कि वास्तव में क्या चीज है जो आयोग को लोगों के लिए इसे प्रकाशित करने से क्या रोक रही है?

    6. क्या यह सच नहीं है कि, कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अगले चरणों की अंतिम पंजीकृत मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं की गई है? क्या चुनाव कराने में बुनियादी बातों में इस घोर कुप्रबंधन के लिए ईसीआई को जवाबदेह बनाया जाएगा?

    'INDIA लोकतंत्र बचाने का करे एकजुट प्रयास, तानाशाह किसी भी हद तक जा सकता है'  

    खरगे ने कहा, "भारत राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के रूप में, लोकतंत्र की रक्षा करना और ECI की स्वतंत्र कार्यप्रणाली की रक्षा करना हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए. ऊपर बताए गए सभी तथ्य हमें यह सवाल पूछने के लिए मजबूर करते हैं - क्या यह अंतिम नतीजों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास हो सकता है?"

    "हम सभी जानते हैं कि पहले दो चरणों में मतदान के रुझान और अपनी घटती चुनावी जीत से पीएम मोदी और भाजपा किस तरह घबराए हुई हैं और निराश हैं. पूरा देश जानता है कि सत्ता के नशे में चूर एक निरंकुश शासन कुर्सी पर बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है."

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