Kharge writes letter to the EC again
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को चुनाव आयोग (EC) को पत्र लिखा और मौजूदा लोकसभा चुनाव में "बाधा डालने" के लिए आयोग द्वारा अपनी आलोचना किए जाने पर आश्चर्य जताया और कहा कि वह उस "दबाव" को समझते हैं, जिसके तहत ईसीआई काम कर रहा है.
चुनाव आयोग (EC) द्वारा जारी किए गए मतदान आंकड़ों में कथित गड़बड़ियों पर कांग्रेस प्रमुख द्वारा 7 मई को इंडिया ब्लॉक के नेताओं को पत्र लिखे जाने के बाद ईसीआई ने खरगे की निंदा की थी.
ईसीआई को एक जवाब में, खरगे ने कहा, "पत्र, भले ही एक खुला पत्र है, स्पष्ट रूप से हमारे गठबंधन सहयोगियों को संबोधित है, न कि आयोग को. यह आश्चर्य की बात है कि भारत का चुनाव आयोग सीधे तौर पर दी गई अन्य शिकायतों को नजरअंदाज करते हुए इस पत्र का जवाब देना चाहता था. मुझे पत्र की भाषा के बारे में कुछ शंकाएं हैं, लेकिन मैं उस मुद्दे पर जोर नहीं दूंगा, क्योंकि मैं समझता हूं कि वे किस दबाव में काम कर रहे हैं.''
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आयोग खुद सवाल पूछने को कहता है और दूसरी तरफ धमकाता है
खरगे ने कहा, "एक तरफ, आयोग कहता है कि नागरिकों के सवाल पूछने के अधिकार का सम्मान करता है और दूसरी तरफ नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह के रूप में धमकाता है."
पत्र के मुताबिक, "इममें कहा गया है कि एक ओर तो आयोग नागरिकों के प्रश्न पूछने के अधिकार का सम्मान करता है और दूसरी ओर, नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह के रूप में धमकाता है. मुझे खुशी है कि आयोग समझता है कि उसके पास संविधान के तहत सुचारू, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का अधिकार है, हालांकि, चुनावी प्रक्रिया को खराब करने वाले सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा किए जा रहे स्पष्ट सांप्रदायिक और जातिवादी बयानों के खिलाफ कार्रवाई करने में आयोग द्वारा दिखाई गई कमजोरी हैरान करने वाली लगती है.''
लोगों चाहते हैं कि डाले गए वोटों की पूरी संख्या सामने लाई जाए
यह कहते हुए कि वह मतदाता, मतदान डेटा के प्रकाशन पर ईसीआई के रुख से हैरान हैं, खरगे ने कहा कि "कई मतदाता जो चुनाव में गहरी रुचि रखते हैं, वे यह भी देखना चाहते हैं कि आयोग डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या को सीधे पब्लिक डोमेन में लाए."
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी आयोग के पक्ष में है लेकिन चुनाव आयोग के अधिकारियों को तय करना चाहिए कि वे कहां खड़े हैं.
"अंत में, मैं कहना चाहूंगा कि मुझे निराशा है कि आयोग ने पत्र से एक और पंक्ति जिसका जिक्र नहीं किया कि "लोकतंत्र की रक्षा करना और ईसीआई की स्वतंत्र कार्यप्रणाली की रक्षा करना हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए".
इसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए, खरगे ने लिखा, कांग्रेस पार्टी आयोग के पक्ष में है और आयोग की ताकत और स्वतंत्रता के लिए खड़ी है. आयोग के अधिकारियों को अब तय करना चाहिए कि वे कहां खड़े हैं.
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चुनाव आयोग ने खरगे की दलीलों को किया है खारिज
इससे पहले, चुनाव आयोग ने खरगे की दलीलों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया, उन्हें आरोप और महज शक बताया.
ईसीआई ने दावा किया कि मतदाता के वोटिंग डेटा का जुटान और इससे सामने लाने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है; सभी अतीत और वर्तमान प्रक्रियाओं और प्रथाओं का संचालन; और खरगे की दलीलों को खारिज करने के लिए एक-एक करके जवाब दिया गया है. आयोग ने मतदान डेटा देने में किसी भी देरी से भी इनकार किया और बताया कि अपडेटेड मतदान डेटा हमेशा मतदान के दिन से अधिक रहा है.
आयोग ने 2019 के आम चुनाव के बाद से एक तथ्यात्मक मैट्रिक्स (गुणा-गणित) प्रदान किया है. आयोग ने कहा कि वह कांग्रेस के अतीत और वर्तमान के गैर-जिम्मेदाराना बयानों का एक 'पैटर्न' देखता है और इसे 'चिंताजनक' कहता है. आयोग ने कहा, सभी तथ्यों के साथ, कांग्रेस अध्यक्ष एक पक्षपातपूर्ण नैरेटिव को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.
ईसीआई ने खरगे के बयानों की निंदा की
ईसीआई ने विशेष रूप से खरगे के बयान की निंदा की, "क्या यह अंतिम परिणामों को विकृत करने का प्रयास हो सकता है", इस पर कहा, यह संदेह और असामंजस्य के अलावा एक अराजक स्थिति पैदा कर सकता है.
बता दें कि 7 मई को मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग (EC) द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में कथित गड़बड़ियों पर इंडिया ब्लॉक के नेताओं को पत्र लिखा था. अपने पत्र में, खरगे ने इंडिया ब्लॉक के नेताओं से वोटिंग डेटा गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था क्योंकि कि "हमारा एकमात्र उद्देश्य एक जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है".
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