'हिंदू हिंसक होते हैं', राहुल के बयान को मोदी ने बनाया मुद्दा, कहा- सदियों तक लोग माफ नहीं करेंगे

    मोदी ने कहा- सदन में कल के दृष्य देखने के बाद देश को, हिंदू समाज को सोचना होगा कि क्या अपमानजनक बयान संयोग या किसी प्रयोग की तैयारी है.

    'हिंदू हिंसक होते हैं', राहुल के बयान को मोदी ने बनाया मुद्दा, कहा- सदियों तक लोग माफ नहीं करेंगे
    लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी | Photo- Sansad TV/ANI

    नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिए गए भाषण पर निशाना साधा. उन्होंने गांधी के हिंदुओं को लेकर की गई टिप्पणी जोर-शोर से मुद्दा बनाया और इसे हिंदुओं का अपमान बताते हुए गंभीर बताया.

    पीएम मोदी ने कहा कि आज गंभीर विषय पर आपका और देश का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि कल जो हुआ, इस देश के कोटि कोटि देशवासी आने वाली सदियों तक माफ नहीं करेंगे. 

    प्रधानमंत्री ने कहा- हिंदुओं को हिंसक बताने की झूठी साजिश रची जा रही 

    उन्होंने कहा, "131 साल पहले स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो में कहा था. मुझे गर्व है कि मैं उस घर से आता हूं, जिसने पूरी दुनिया को वैश्विक स्वीकृति सिखाई है. हिंदू धर्म को लेकर अमेरिका के शिकागो में 131 साल पहले स्वामी विवाकानंद जी ने ये बात कहा थी."

    "गंभीर बात है कि आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है. कल यहां यह कहा गया कि हिंदू हिंसक होते हैं. यह आपके संस्कार, चरित्र और सोच है. यह है आपकी नफरत है. इस देश के हिंदुओं के साथ यह कारनामे करने वालों यह देश शताब्दियों तक इसे भूलने वाला नहीं है." 

    पीएम मोदी ने चुनाव के दौरान शक्ति (मां दुर्गा) के अपमान की बात का जिक्र करते हुए कहा, "हिंदुओं में जो 'शक्ति' की कल्पना की गई उसके विनाश की बात कही गई. आप इस शक्ति के विनाश की बात करते हैं. देश सदियों से शक्ति का उपासक है. यह बंगाल मां दुर्गा की पूजा करता है. बंगाल मां काली की पूजा उपासना समर्पित भाव से करता है. आप उस शक्ति के विनाश की बात करते हैं." 

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    'हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ लोगों को चोट पहुंचा रहा'

    "इन लोगों ने हिंदुओं को आतंकवाद शब्द से जोड़ने की कोशिश की थी. इनके साथी हिंदू धर्म और उसकी तुलना डेंगू, मलेरिया जैसे शब्दों से करते हैं तो ये लोग तालियां बजाते हैं. देश कभी नहीं माफ करेगा. यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत इनका पूरा इकोसिस्टम हिंदू परम्परा, समाज, इस देश की संस्कृति और विरासत को नीचा दिखाना उसे गाली देने और अपमानित करना का है. इसे इन्होंने फैशन बना दिया है." 

    प्रधानमंत्री ने कहा, "बचपन से सीखते आए हैं कि गांव हो, शहर, या अमीर, गरीब, इस देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिए होता है. ईश्वर का कोई रूप निजी स्वार्थ दिखाने के लिए नहीं होता है. जिसके दर्शन होते हैं, उसके प्रदर्शन नहीं होते हैं. हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ देशवासियों के दिलों को चोट पहुंचा रहा है. निजी स्वार्थ के लिए ईश्वर के रूपों का इस तरह खेल देश कैसे माफ कर सकता है."

    सदन में कल के यह दृष्य देखने के बाद देश को सोचना होगा कि क्या अपमानजनक बयान संयोग या किसी प्रयोग की तैयारी है. हिंदू समाज को सोचना होगा. 

    कल संसद में सेना के अपमान का लगाया आरोप

    मोदी ने कहा, "हमारी सेनाएं देश का अभिमान हैं. सारे देश को उनके साहस और हमारी सेना के वीरता पर गर्व है. आज सारा देश देख रहा है. हमारी सेना, हमारे डिफेंस सेक्टर में आजादी के बाद इतना रिफॉर्म नहीं हुआ, जितना की आज हो रहा है. हमारी सेना को आधुनिक बनाया जा रहा है. हर चुनौती को हमारी सेना मुंहतोड़ जवाब दे सके, इसके लिए सेना को युद्ध के लिए समर्थ बनाने का प्रयास किया जा रहा है." 

    उन्होंंने कहा कि बीते कुछ सालों में बहुत चीजें बदली हैं. इंटीग्रेशन और सशक्त हुआ है. भारत में थिएटर कमांड जरूरी था. आज इस पर प्रगति हो रही है. 

    आत्मनिर्भर भारत के तहत उस पर भी अहम काम किया जा रहा है. देश की सेना युवा होनी चाहिए, हमें युवाओं पर भरोसा होना चाहिए. सेना में युवाओं की ताकत बढ़ानी चाहिए. इसलिए हम लगातार युद्ध योग्य सेना बढ़ाने के लिए रिफॉर्म कर रहे हैं. समय पर रिफॉर्म के कारण हमारी सेना का नुकसान हुआ है.

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