नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर अपनी बात रखते कांग्रेस को जमकर निशाने पर लिया. उन्होंने उसके तीसरी बार सत्ता में ना आ पाने पर तंज कसते हुए कहा कि देश की जनता इनसे कह रही है कि तुमसे ना हो पाएगा.
पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए उसके वादे पर तंज कसते हुए कहा, "देश ने कल एक जुलाई को खटा-खट दिवस भी मनाया है. एक जुलाई को लोग बैंक अकाउंट चेक कर रहे थे कि 8,500 रुपये आए कि नहीं."
"झूठ का परिणाम देखिए की कांग्रेस ने देशवासियों को गुमराह किया. देश की माता-बहनों को हर महनी 8,500 देने का झूठ से इन्हें जो चोट लगी है. यह एक श्राप बनकर कांग्रेस को तबाह करने वाली है."
मोदी ने अखिलेश का जिक्र करते हुए उनकी तुलसीादस की चौपाई के बदले उन्हें उनकी एक चौपाई सुनाई, उन्होंने कहा, "तुलसीदास जी कह गए हैं. झूठइय लेना, झूठइए देना, झूठइ भोजन, झूठइ चबेरा. कांग्रेस ने झूठ को राजनीति का हथियार बनाया है,.कांग्रेस के मुंह झूठ लग गया है. जैसे वो आदमखोर जानवर होता है, जिसके मुंह लहू लग जाता है, वैसे ही कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है."
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मोदी ने कहा- कांग्रेस में झूठ फैलाने के हौंसले बुलंद हुए
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, "ईवीएम, संविधान, आरक्षण, राफेल, HAL, LIC, बैंक को लेकर झूठ फैलाकर कर्मचारियों को भड़काने का काम किया. उसके हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं कि कल अग्नीवीर को लेकर झूठ बोला गया. भरपूर झूठ बोला गया कि एमसपी नहीं दिया जा रहा. सदन की गरिमा का अपमान यह सदन का दुर्भाग्य है. यह शोभा नहीं देता है. जो दल 60 सालों तक सत्ता में बैठने के बाद आरजकता का रास्ता चुन ले तो देश गंभीर संकट की ओर जा सकता है, इसका सबूत मिल रहा है."
उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा से खिलवाड़ संविधान निर्माताओं का अपमान है. देश के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूतों का अपमान है.
"कल जो हुआ उसे गंभीरता से लिए बिना हम संसदीय लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर पाएंगे. इन हरकतों को बालक बुद्धि कह कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पीछे इरादे नेक नहीं है. गंभीर खतरे के इरादे हैं."
पीएम ने कहा, "इन लोगों का झूठ देश के नागरिकों के विवेक बुद्धि पर आशंका पैदा करता है. यह हरकतें देश की महान परमपराओं पर तमाचा है. कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर भी हमेशा झूठ बोला है. आज मैं 140 करोड़ देशवासियों के सामने सच्चाई रखना चाहता हूं. देश को इस सच्चाई को जानना जरूरी है."
मीदी ने बताया क्यों ने अंबेडकर ने नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था
"आपातकाल के 50 वर्ष हो गए हैं. इमरजेंसी सिर्फ और सिर्फ तानाशाही मानसिकता के कारण देश पर थोपी गई. तानाशाही शासन था. कांग्रेस क्रूरता की सारी हदें पार कर चुकी थी. देश को छिन्न-भिन्न करने का काम कांग्रेस ने किया था."
पीएम ने कहा कि सरकार को गिराना, मीडिया को दबाना, इनके हर कारनामे संविधान की धारा, संविधान की भावनाओं, संविधान के एक-एक शब्द के खिलाफ थे. यह वो लोग हैं, जिन्होंने शुरू से देश के दलित, पिछड़ों के साथ घोर अन्याय किया है."
"इसी कारण से बाबा साहेब अंबेडकर ने नेहरू जी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था. इस्तीफा देते समय जो कारण बताए थे वो इनके चरित्र को दर्शाते हैं. बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था- मैं सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों की उपेक्षा के कारण अपने अंदर उत्पन्न आक्रोश को रोक नहीं सका. अनुसूचित जातियों की उपेक्षा को अंबेडकर जी को आक्रोषित कर दिया था."
"बाबा साहेब की तरह ही दलित नेता बाबू जगजीवन राम को उनका हक नहीं दिया गया. इमरजेंसी के बाद जगजीवन राम के पीएम बनने की संभावना थी. लेकिन इंदिरा गांधी जी ने यह पक्का किया कि जगजीवन राम जी किसी हालत में पीएम ना बनें. एक किताब में भी ऐसा लिखा है कि जगजीवन राम किसी कीमत पर पीएम नहीं बनने चाहिए, यह कोट उस किताब में भी है."
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह जी के साथ भी ऐसा व्यवहार किया था. उन्हें भी नहीं छोड़ा था. सीताराम केसरी को भी अपमानित करने का काम कांग्रेस ने किया."
"आरक्षण की घोर विरोधी रही है कांग्रेस. नेहरू जी ने सीएम को चिट्ठी लिखकर आरक्षण का विरोध किया था."
"कांग्रेस के तीसरे प्रधानमंत्री राजीव गांधी का सबसे लंबा भाषण आरक्षण के खिलाफ था, वो आज भी संसद के रिकॉर्ड में है."
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