क्वेटा: बलूचिस्तान में हाल ही में हुई यात्री ट्रेन हाईजैक की घटना को लेकर नए दावे सामने आ रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने बुधवार रात को ऑपरेशन समाप्त करने और बंधकों को छुड़ाने का दावा किया था, लेकिन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इन बयानों को गलत बताया है. संगठन का कहना है कि उनके कब्जे में अब भी बंधक मौजूद हैं और पाकिस्तानी सेना का दावा भ्रामक है.
पाकिस्तानी सेना का आधिकारिक बयान
पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने बुधवार रात बयान जारी कर कहा कि सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. सेना के अनुसार, अभियान के दौरान सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया और बड़ी संख्या में महिलाओं व बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया. ISPR के डीजी मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, “ऑपरेशन सावधानीपूर्वक चलाया गया और सभी नागरिक बंधकों को सुरक्षित निकाल लिया गया.”
हालांकि, सेना ने इस दावे की पुष्टि के लिए कोई दृश्य प्रमाण या विस्तृत विवरण जारी नहीं किया, जिससे इन दावों की सत्यता पर सवाल उठने लगे हैं.
BLA ने किया सेना के दावे का खंडन
BLA के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने सेना के दावे को खारिज करते हुए इसे पाकिस्तानी सेना की विफलता छिपाने का प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि कई मोर्चों पर अब भी संघर्ष जारी है और पाकिस्तानी सेना न तो अपने बंधक जवानों को छुड़ा पाई है और न ही सैन्य अभियानों में बढ़त बना पाई है.
BLA ने अपनी ओर से एक ऑडियो संदेश भी जारी किया, जिसमें संगठन के एक लड़ाके ने बताया कि संघर्ष के दौरान महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रिहा कर दिया गया है. हालांकि, संगठन के मुताबिक, अभी भी कुछ सैन्य कर्मी उनके कब्जे में हैं.
मशकफ क्षेत्र में संघर्ष जारी
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बलूचिस्तान के मशकफ क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना और BLA के बीच झड़पें जारी हैं. बुधवार और गुरुवार को पहाड़ी इलाकों से विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं. इसके साथ ही सैन्य ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की सक्रियता भी देखी गई, जो इस बात की पुष्टि करता है कि संघर्ष पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है.
घटना पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी ध्यान आकर्षित किया है. कई मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान में बलूच समुदाय के खिलाफ हो रही सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.
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