'तुम अच्छी तरह जानते हो कि हमारी सेना क्या कर सकती है', अमेरिका ने ईरान को दी धमकी, क्या होगा अंजाम?

    मध्य पूर्व में जारी संघर्ष एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय तनाव का केंद्र बन गया है. अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ईरान को सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वह यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों को समर्थन देना जारी रखता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

    'You know very well what our army can do', America threatens Iran, what will be the result?
    अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ/Photo- Internet

    वॉशिंगटन डीसी: मध्य पूर्व में जारी संघर्ष एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय तनाव का केंद्र बन गया है. अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ईरान को सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वह यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों को समर्थन देना जारी रखता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

    यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने यमन में हूती ठिकानों पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं और क्षेत्रीय अस्थिरता के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहरा रहा है.

    अमेरिका का सख्त संदेश

    रक्षा मंत्री हेगसेथ ने बुधवार को सोशल मीडिया पर स्पष्ट शब्दों में ईरान को चेताया. उन्होंने लिखा: "हमें पूरी जानकारी है कि ईरान हूती लड़ाकों को किस प्रकार का समर्थन दे रहा है. ईरान जानता है कि अमेरिका की सैन्य ताकत क्या कर सकती है. अब अंजाम उसे हमारे तय किए हुए वक्त और स्थान पर भुगतना होगा."

    हेगसेथ ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक बयान भी साझा किया जिसमें कहा गया था कि हूतियों के किसी भी हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

    हूती ठिकानों पर अमेरिकी हमलों में तेजी

    मार्च 2025 से अब तक अमेरिका ने यमन के हूती-नियंत्रित इलाकों में 1000 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया है. इन हवाई हमलों में सटीक निशाना साधते हुए अमेरिकी सेनाओं ने हूती विद्रोहियों के सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाया है.

    10 दिन पहले रास ईसा के तेल पोर्ट पर हुई एयरस्ट्राइक में 74 लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक घायल हुए. इस स्ट्राइक की पुष्टि अमेरिका की सेंट्रल कमांड ने की है, हालांकि मरने वालों का सटीक आंकड़ा जारी नहीं किया गया.

    ईरान का इनकार और अमेरिका का आरोप

    ईरान लगातार यह दावा करता रहा है कि हूती विद्रोही स्वतंत्र रूप से काम करते हैं और उन्हें कोई सैन्य समर्थन नहीं दिया जा रहा. इसके विपरीत, अमेरिका का कहना है कि ईरानी सरकार हूतियों को रणनीतिक सलाह, हथियार और तकनीकी सहायता मुहैया करा रही है.

    डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान और अमेरिका के बीच यह "प्रॉक्सी वॉर" मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है.

    हूती विद्रोही कौन हैं?

    यमन का गृह युद्ध 2014 में शुरू हुआ था, जिसकी जड़ें शिया-सुन्नी मतभेद और राजनीतिक अस्थिरता में हैं. इस दौरान:

    • हूती, एक शिया विद्रोही संगठन, ने सुन्नी नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया.
    • पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के सत्ता से हटने के बाद, देश में सैन्य और राजनीतिक असंतुलन पैदा हुआ.
    • ईरान ने शिया हूतियों का समर्थन किया, जबकि सऊदी अरब ने सुन्नी सरकार का.

    धीरे-धीरे हूती विद्रोहियों ने यमन के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया. आज, वे एक संगठित और हथियारबंद समूह हैं, जिनके पास मिसाइल, ड्रोन और यहां तक कि हेलिकॉप्टर भी हैं.

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