नोबेल प्राइज के लिए क्यों परेशान हैं ट्रंप, खुद को बता रहे शांति दूत, क्या ओबामा हैं इस अरमान की वजह?

    चाहे रूस-यूक्रेन संघर्ष में मध्यस्थता की बात हो या हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद सीजफायर की स्थिति, ट्रंप बार-बार यह संदेश दे रहे हैं कि विश्व शांति में उनकी भूमिका को गंभीरता से लिया जाए.

    Why is Trump worried about the Nobel Prize
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर. चाहे रूस-यूक्रेन संघर्ष में मध्यस्थता की बात हो या हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद सीजफायर की स्थिति, ट्रंप बार-बार यह संदेश दे रहे हैं कि विश्व शांति में उनकी भूमिका को गंभीरता से लिया जाए. लेकिन इस पर सबसे अहम सवाल यह है कि डोनाल्ड ट्रंप इस पुरस्कार के लिए इतने इच्छुक क्यों हैं?

    ओबामा से तुलना का मनोविज्ञान?

    साल 2009 में जब तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था, तो यह केवल एक पुरस्कार नहीं था, बल्कि वह अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व की एक नई छवि का प्रतीक बन गया था. ओबामा को यह पुरस्कार शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में उनके दृष्टिकोण के लिए दिया गया था.

    डोनाल्ड ट्रंप, जो राजनीति में ओबामा की विरासत के तीखे आलोचक रहे हैं, अक्सर खुद को ओबामा से अधिक प्रभावशाली नेता के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं. ट्रंप के समर्थकों का मानना है कि उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापना की दिशा में अहम रहे हैं, जैसे कि अब्राहम समझौता, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से सीधी वार्ता, और आतंकवादी बगदादी के खिलाफ सैन्य कार्रवाई.

    नोबेल की चाह या 'इमेज बिल्डिंग'?

    ट्रंप द्वारा नोबेल पुरस्कार पाने की सार्वजनिक इच्छा सिर्फ एक व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक ब्रांडिंग का भी हिस्सा है. यह उन्हें उस वैश्विक पहचान और वैधता की ओर ले जाता है, जिसकी तलाश वह अपने कार्यकाल में लगातार करते रहे.

    2020 में उन्हें अब्राहम समझौते के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए नामित भी किया गया था, लेकिन पुरस्कार किसी और को मिला. इसके बाद ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से यह सवाल उठाया था, "मुझे नोबेल क्यों नहीं मिला?" और यह संकेत दिया था कि मीडिया और वैश्विक संस्थान उन्हें जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं.

    क्या ट्रंप की विरासत में महत्वपूर्ण है नोबेल?

    राष्ट्रपतियों की विरासत अक्सर उनके कार्यालय के बाद के वर्षों में तय होती है. ओबामा की पहचान जहां ओसामा बिन लादेन के खात्मे और नोबेल शांति पुरस्कार से जुड़ी है, वहीं ट्रंप के पास भी अपनी कहानी है—ISIS प्रमुख की हत्या, मध्य पूर्व में ऐतिहासिक कूटनीति, और वैश्विक राजनीति में "आउटसाइडर" के तौर पर प्रवेश.

    ट्रंप शायद इस सोच में हैं कि नोबेल पुरस्कार उनके राष्ट्रपति काल को एक 'वैध' और सम्मानित विरासत में बदल सकता है, जिससे उन्हें इतिहास में एक अलग दर्जा मिल सके.

    भविष्य में क्या संभव है?

    हालांकि नोबेल पुरस्कार किसी राजनीतिक मांग का नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समिति के निर्णय का विषय होता है, लेकिन ट्रंप की रणनीति स्पष्ट है: उन्हें न केवल घरेलू समर्थन, बल्कि वैश्विक पहचान भी चाहिए और नोबेल पुरस्कार इसका सबसे प्रभावशाली माध्यम हो सकता है.

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