UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अमेरिका की एक वरिष्ठ राजनयिक की टिप्पणी ने राजनयिक हलकों में हलचल मचा दी है. ईरान और इज़रायल के बीच जारी तनाव पर बोलते हुए, अमेरिकी राजनयिक डोरोथी शीया ने गलती से मिडिल ईस्ट में आतंकवाद और अशांति के लिए इज़रायल को जिम्मेदार ठहरा दिया. हालांकि उन्होंने तुरंत अपनी बात को सुधारते हुए ईरान को असली जिम्मेदार बताया, लेकिन उस क्षण की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है.
क्या कहा डोरोथी शीया ने?
यूएनएससी की बैठक में ईरान-इज़रायल संघर्ष पर वक्तव्य देते हुए डोरोथी शीया ने कहा, "पूरे इलाके में मची अफरातफरी, आतंकवाद और लोगों को हो रही परेशानी के लिए इज़रायल जिम्मेदार है."
लेकिन उन्होंने तुरंत अपनी गलती सुधारते हुए कहा, "मेरा तात्पर्य था- ईरान जिम्मेदार है."
US representative to the UN Dorothy Shea:
— Margarita Simonyan (@M_Simonyan) June 20, 2025
"Israel's government has also spread chaos, terror and suffering throughout the region..."
Awkward pause.
"Iran's government has also spread chaos, terror and suffering throughout the region..."
It's always foreign policy that brings… pic.twitter.com/W5UMV52rVn
इस चूक को भाषाई गलती मानते हुए उन्होंने आगे अपनी बात स्पष्ट रूप से रखी, लेकिन तब तक यह बयान रिकॉर्ड हो चुका था और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वायरल होने लगा.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया. कुछ यूजर्स ने इसे एक "ईमानदार लहज़ा" बताया तो कुछ ने इसे "सिर्फ एक सामान्य मानवीय भूल" के रूप में देखा. कुछ विश्लेषकों ने इस बयान को अमेरिका की कथनी और करनी के बीच अंतर के रूप में पेश किया, जबकि कईयों ने कहा कि भाषाई भूल को जरूरत से ज्यादा तूल दिया जा रहा है.
अमेरिका ने दोहराया इज़रायल के लिए समर्थन
बावजूद इसके, डोरोथी शीया ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि अमेरिका ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर गंभीर चिंता रखता है और इज़रायल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका, इज़रायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है और मिडिल ईस्ट में स्थिरता बनाए रखने के लिए उसके साथ खड़ा है.
“चाहे अमेरिका प्रत्यक्ष रूप से सैन्य कार्रवाई में शामिल न हो, लेकिन इज़रायल को हम पूर्ण समर्थन देते हैं,” उन्होंने जोर देकर कहा.
राजनयिक गलती या नीतिगत संकेत?
इस घटना ने कूटनीतिक गलियारों में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या यह सिर्फ एक जबानी चूक थी या फिर अमेरिका की आंतरिक नीति में चल रहे विरोधाभास का संकेत? कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी नीति में इज़रायल के प्रति बिना शर्त समर्थन और क्षेत्रीय असंतुलन को लेकर अब वैश्विक स्तर पर आलोचना बढ़ती जा रही है.
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