न्यूजीलैंड की राजनीति में माओरी प्रतिनिधियों की आवाज़ दबाने को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. संसद में पारंपरिक माओरी नृत्य ‘हाका’ के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करने वाले तीन माओरी सांसदों को निलंबित करने की सिफारिश ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब विपक्षी सांसद हाना-रावहिती मैपी-क्लार्क ने एक विवादास्पद विधेयक के खिलाफ संसद में हाका किया था.
क्या है मामला?
विवाद की शुरुआत तब हुई जब सांसद हाना-रावहिती मैपी-क्लार्क से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी उस विधेयक का समर्थन करती है, जिसका उद्देश्य वेटांगी संधि की व्याख्या को बदलना था. जवाब में मैपी-क्लार्क ने सदन में पारंपरिक हाका किया. वेटांगी संधि न्यूजीलैंड की ऐतिहासिक नींव मानी जाती है, जिसे माओरी और ब्रिटिश क्राउन के बीच समझौते के रूप में 1840 में स्वीकारा गया था.
संसदीय समिति ने इस व्यवहार को अनुशासनहीन मानते हुए कहा कि हाका प्रदर्शन अन्य सांसदों को “डरा” सकता था. इसके चलते समिति ने मैपी-क्लार्क को एक सप्ताह के लिए और उनके सहयोगियों राविरी वेट्टी व डेबी नगारेवा-पैकर को 21 दिनों के लिए निलंबित करने की सिफारिश की है.
माओरी पार्टी का तीखा प्रतिरोध
ते पाति माओरी (Te Pāti Māori) पार्टी ने समिति की इन सिफारिशों की कड़ी आलोचना की है. पार्टी ने इसे “औपनिवेशिक चेतावनी” बताते हुए कहा कि जब तांगाता वेनुआ (भूमि के लोग) विरोध करते हैं, तो औपनिवेशिक ताकतें अधिकतम सजा देने की ओर बढ़ती हैं. पार्टी का यह भी कहना है कि प्रस्तावित निलंबन अब तक के सबसे सख्त अनुशासनात्मक कदमों में से हैं, जो माओरी पहचान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है.
हाना-रावहिती मैपी-क्लार्क
हाना-रावहिती मैपी-क्लार्क, न्यूजीलैंड की राजनीति में तेजी से उभरता हुआ नाम हैं. वे 2023 के आम चुनावों में ते पाति माओरी से सांसद बनीं और हौराकी-वैकाटो निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं. वे न्यूजीलैंड की संसद में पिछले 170 वर्षों में चुनी गई सबसे कम उम्र की सांसद हैं.
पारिवारिक पृष्ठभूमि
हाना का जन्म सितंबर 2002 में हंटली में हुआ था और वे कई प्रमुख माओरी इवी (जनजातियों) से जुड़ी हुई हैं, जैसे वाइकाटो, न्गापुहि, ते आति आवा और न्गाई ताहु. उनके पिता पोटाका माईपी एक प्रसिद्ध प्रसारक हैं, जबकि उनके दादा तैतिमु माईपी सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा ते व्हारेकुरा ओ राकाउमांगामांगा से प्राप्त की और मात्र 17 वर्ष की आयु में “माहिना” नामक पुस्तक प्रकाशित की, जो माओरी चंद्र कैलेंडर पर आधारित है.
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