पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं और इजरायल-ईरान टकराव अब एक बेहद खतरनाक दौर में पहुंच चुका है. पांचवें दिन भी दोनों देशों के बीच हमलों का सिलसिला जारी रहा. लेकिन इस बार लफ्जों की जंग ने नया मोड़ ले लिया है. इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधी धमकी देते हुए उनका नाम लिए बिना उनके भविष्य की तुलना सद्दाम हुसैन से कर डाली है.
तेल अवीव में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में काट्ज़ ने कहा, "ईरानी तानाशाह को चेतावनी देता हूं कि इजरायली नागरिकों पर मिसाइल बरसाना बंद करे. उसे याद रखना चाहिए कि तानाशाहों का अंजाम क्या होता है."
सद्दाम हुसैन की ‘कहानी’ क्यों दोहरा रहे हैं इजरायली नेता?
काट्ज़ का संकेत बिल्कुल स्पष्ट था—इराक के पूर्व शासक सद्दाम हुसैन, जिसने 1980 में ईरान पर हमला कर एक विनाशकारी युद्ध की शुरुआत की थी. यह संघर्ष 8 वर्षों तक चला, जिसमें लाखों जानें गईं और दोनों देशों की भारी क्षति हुई.
फिर 1991 के खाड़ी युद्ध में सद्दाम ने इजरायल को भी निशाना बनाया था, जब उसने तेल अवीव पर स्कड मिसाइलें दागी थीं. हालांकि उस समय अमेरिका के कहने पर इजरायल ने संयम दिखाया था.
लेकिन इतिहास ने करवट ली और 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में हुए हमले के बाद सद्दाम को सत्ता से बेदखल कर दिया गया. फिर एक लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद 2006 में उन्हें फांसी दे दी गई. अब इजरायल उसी इतिहास का हवाला देकर खामेनेई को आगाह कर रहा है—कि जो रास्ता सद्दाम ने चुना था, वही अब तेहरान की सत्ता अपना रही है.
खुफिया खुलासे: क्या खामेनेई पहले भी निशाने पर थे?
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अतीत में एक मौका ऐसा भी आया जब इजरायल खामेनेई को निशाना बनाने के बेहद करीब था. लेकिन उस समय अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस योजना का विरोध किया और इजरायल को पीछे हटना पड़ा.
अब जब हालात फिर से हिंसक टकराव की ओर बढ़ रहे हैं, इजरायल के रुख से साफ है कि वह खामेनेई को दुबारा अपने रडार पर ला सकता है.
ज़मीन पर क्या हालात हैं?
पिछले कुछ दिनों में इजरायल ने ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं. जवाब में ईरान ने इजरायल की ओर सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं. इस लगातार जारी संघर्ष में दोनों देशों को गंभीर नुकसान झेलना पड़ा है—सैन्य संसाधनों के साथ-साथ आम नागरिक भी इसकी चपेट में आए हैं.
'तानाशाही की स्क्रिप्ट एक जैसी होती है'
इजरायल की नई चेतावनी सिर्फ एक देश के नेता के लिए नहीं, बल्कि एक वैश्विक संदेश के तौर पर देखी जा रही है. उनकी नजर में खामेनेई वही रणनीतिक भूलें दोहरा रहे हैं, जो कभी सद्दाम हुसैन ने की थीं—आक्रामक नीति, आतंक संगठनों को समर्थन, और इजरायल को निशाना बनाना. तेल अवीव की इस खुली धमकी का लब्बोलुआब यही है: “अगर कूटनीति काम न करे, तो इतिहास अपने आप को दोहराता है—और तानाशाहों का अंजाम हमेशा एक जैसा होता है.”
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