पश्चिम एशिया एक बार फिर संकट की ओर बढ़ रहा है. ईरान और इजराइल के बीच पहले चरण की जंग खत्म होने के कुछ ही दिन बीते हैं, लेकिन हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि युद्ध का दूसरा दौर कभी भी शुरू हो सकता है. इस बार आशंका जताई जा रही है कि पहला हमला इजराइल नहीं, बल्कि ईरान की ओर से हो सकता है.
ईरान के शहरों में धमाकों से बढ़ा तनाव
ईरान के कई शहरों में बीते कुछ दिनों से लगातार रहस्यमयी धमाकों और आसमान में दिख रहे संदिग्ध ऑब्जेक्ट्स ने माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है. बुशहर और तेहरान जैसे अहम शहरों में डिफेंस सिस्टम को सक्रिय कर दिया गया है. कई रिपोर्टों के अनुसार, ईरानी एयर डिफेंस ने इंटरसेप्टर मिसाइलें दागीं और कुछ इलाकों में रिहायशी भवनों में आग लगने की खबरें भी आईं.
हालांकि ईरान सरकार की ओर से इन घटनाओं पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह खामोशी किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई का संकेत हो सकती है. माना जा रहा है कि ईरान इन हमलों को सीजफायर उल्लंघन का बहाना बनाकर इजराइल के खिलाफ बड़ा हमला कर सकता है.
खुफिया एजेंसियों की चेतावनी
दुनियाभर की कई प्रमुख खुफिया एजेंसियों ने चेताया है कि दोनों देशों के बीच हालात दिन-प्रतिदिन युद्ध की ओर बढ़ते जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, ईरान ने पिछले युद्ध से मिली सीख के आधार पर अपनी तैयारियों को और मजबूत कर लिया है. चीन और रूस के सहयोग से ईरान ने अपनी सैन्य क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार किया है.
पिछली जंग से मिली सीख, अब तैयारी पूरी
ईरान और इजराइल के बीच पिछले 12 दिनों तक चला संघर्ष ईरानी सेना के लिए कई मोर्चों पर चुनौतियों भरा रहा. ईरान को अपनी वायुसेना, एयर डिफेंस और रडार क्षमताओं की सीमाएं साफ दिखाई दीं. इजराइल के अधिकांश हवाई हमले इसलिए सफल हुए क्योंकि ईरानी रडार समय रहते हमलों को पहचान नहीं पाए.
अब ईरान ने इस कमजोरी को दूर करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं:
ईरान की चेतावनी और हवाई क्षेत्र का बंद होना
ईरान की सेना के प्रमुख मेजर जनरल मौसावी ने हाल ही में कहा कि अगर उन्हें सैन्य जवाब देने की आवश्यकता पड़ी, तो यह पहले से कहीं अधिक तेज और विध्वंसक होगा. उन्होंने साफ किया कि अबकी बार ईरान की प्रतिक्रिया सीमित नहीं, निर्णायक होगी.
ईरान ने अपने पश्चिमी और मध्य एयरस्पेस को 4 जुलाई तक बंद कर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय आगामी सैन्य कार्रवाई या जवाबी हमले की तैयारी का हिस्सा हो सकता है. इससे साफ है कि ईरान अब किसी भी हालात के लिए तैयार है.
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