नई दिल्ली: संसद में सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को पेश किया गया, जिसके बाद सदन में तीखी बहस छिड़ गई. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रश्नकाल के बाद विधेयक को चर्चा के लिए प्रस्तुत किया. स्पीकर ओम बिरला ने इस चर्चा के लिए आठ घंटे निर्धारित किए हैं, जिनमें से 4 घंटे 40 मिनट NDA के लिए और शेष समय विपक्ष के लिए आवंटित किया गया है.
समर्थन और विरोध का समीकरण
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस बिल का समर्थन किया है और अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है. वहीं, तमिलनाडु की AIADMK, बीजू जनता दल (BJD) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) जैसी दलों ने विपक्ष के साथ इस बिल का विरोध करने का निर्णय लिया है.
INDIA गठबंधन ने संसद में एक बैठक कर अपनी रणनीति तय की और चर्चा का समय बढ़ाने की मांग रखी. इस पर किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार चर्चा का समय बढ़ाने के लिए तैयार है ताकि देश यह जान सके कि हर दल का इस पर क्या रुख है.
इस बीच, उत्तर प्रदेश में पुलिस की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और भोपाल में मुस्लिम महिलाओं ने बिल के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया.
विधेयक का उद्देश्य और मंत्री का पक्ष
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में स्पष्ट किया कि यह विधेयक किसी धार्मिक स्थल के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं करता है. उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड केवल संपत्ति प्रबंधन का विषय है, न कि किसी धार्मिक स्थान के संचालन का.” उन्होंने आगे बताया कि 2013 में पारित कानून के कारण दिल्ली की कई संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया था, जिनमें संसद भवन भी शामिल था. उन्होंने कहा कि UPA सरकार के दौरान 123 संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी गई थीं और यदि यह संशोधन नहीं लाया जाता, तो संसद भवन पर भी दावा किया जा सकता था.
विपक्ष के आरोप और सरकार की सफाई
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए चर्चा के लिए अधिक समय की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में दखल दे रही है.
वहीं, किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि 1954 और 1995 में बनाए गए वक्फ कानून को कभी असंवैधानिक नहीं बताया गया, लेकिन जब हम उसमें पारदर्शिता लाने के लिए संशोधन कर रहे हैं, तो इसे लेकर आपत्ति जताई जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को वक्फ बोर्ड के निर्णय पर आपत्ति है, तो वे ट्रिब्यूनल का रुख कर सकते हैं.
पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में कदम
सरकार के अनुसार, इस विधेयक का मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है. नए प्रावधानों के तहत 5 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियों के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो इनके प्रबंधन को अधिक संगठित तरीके से संचालित करेगा.
संसद में कविताई अंदाज में मंत्री का बयान
सदन में अपनी बात रखते हुए किरेन रिजिजू ने एक शेर भी पढ़ा: “किसी की बात कोई बदगुमां न समझे, कि जमीं का दर्द कभी आसमां न समझे.”
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पारदर्शिता और जवाबदेही के उद्देश्य से लाया गया है और सभी दलों को इसके महत्व को समझना चाहिए.
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