Putin India Visit: भारत और रूस के बीच दशकों पुरानी रणनीतिक साझेदारी एक बार फिर सुर्खियों में है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा ने न सिर्फ कूटनीतिक महत्व को रेखांकित किया है, बल्कि यह साफ कर दिया है कि बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच दोनों देश अपने रिश्तों को नई मजबूती और नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. गुरुवार रात प्रधानमंत्री आवास पर हुए निजी डिनर से शुरू हुई यह यात्रा शुक्रवार को अपने शिखर पर पहुंची, जब राष्ट्रपति भवन में पुतिन का भव्य स्वागत किया गया.
सुबह राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में वह दृश्य देखने को मिला, जो किसी भी राजकीय दौरे की प्रतिष्ठा को बयां करता है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया. मुख्य द्वार पर राष्ट्रपति अंगरक्षक दल की औपचारिक सलामी, घुड़सवारों की परेड और आकाश में गूंजती 21 तोपों की सलामी ने माहौल को और भी गरिमामय बनाया. तीनों सेनाओं की संयुक्त सलामी ने इस क्षण को ऐतिहासिक बना दिया. पुतिन ने परेड का निरीक्षण किया और भारतीय सैन्य दलों से मुलाकात कर सम्मान ग्रहण किया. यह दृश्य भारत-रूस संबंधों की गहरी जड़ों और पारंपरिक भरोसे का एक प्रतीकात्मक संकेत था.
औपचारिक परिचय और कूटनीतिक मुलाकातों का दौर
सेरेमोनियल वेलकम के बाद औपचारिक परिचय का सिलसिला शुरू हुआ. भारतीय मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और विदेश नीति से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों से पुतिन का परिचय कराया गया. इसके जवाब में पुतिन ने भी अपने शीर्ष अधिकारियों और कैबिनेट सदस्यों का परिचय भारतीय नेतृत्व से करवाया. कार्यक्रम के अंत में तीनों नेता साथ दिखाई दिए, जो इस बात का संकेत था कि बातचीत का अगला अध्याय शुरू होने वाला है. इसके बाद पुतिन राजघाट के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी—एक ऐसी परंपरा, जो भारत आने वाले हर राष्ट्राध्यक्ष के लिए विशेष महत्व रखती है.
#WATCH | In his meeting with PM Narendra Modi, Russian President Vladimir Putin says, "First of all, thank you very much for inviting me...I could share a great deal of details about the events taking place in Ukraine. We are taking together with some partners, including the US,… pic.twitter.com/lVCmpIhELv
— ANI (@ANI) December 5, 2025
हैदराबाद हाउस में मोदी-पुतिन की अहम वार्ता
यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण चरण हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं की मुलाकात रहा. बैठक के दौरान पुतिन ने भारत की पहल और पीएम मोदी की सक्रिय कूटनीति की सराहना की. उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं. रूस यूक्रेन के साथ शांतिपूर्ण समाधान पर काम कर रहा है. भारत और रूस का रिश्ता भरोसे की नींव पर टिका है. दुनिया तभी आगे बढ़ेगी जब हम शांति को प्राथमिकता देंगे. पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत द्वारा यूक्रेन में शांति और संवाद को बढ़ावा देने के प्रयास रूस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने यह संकेत भी दिया कि रूस अमेरिका के साथ मिलकर समाधान तलाशने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.
भारत की भूमिका बनी वैश्विक कूटनीति का केंद्र
पुतिन के बयानों ने एक बात फिर साबित कर दी आज की दुनिया में भारत केवल क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति का एक अहम स्तंभ बन चुका है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव में भारत को “विश्वसनीय मध्यस्थ” के रूप में देखा जा रहा है. पुतिन की इस यात्रा ने न सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों को नई मजबूती दी है, बल्कि यह भी दिखाया है कि भारत अंतरराष्ट्रीय शांति प्रक्रिया में निर्णायक भूमिका निभा रहा है.
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