UP News: उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति योजना से वंचित रह गए करीब छह लाख छात्रों के लिए एक बार फिर उम्मीद की किरण जगी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई का लाभ देने की मंजूरी दे दी है. सरकार अब फिर से पोर्टल खोलने जा रही है ताकि पात्र लेकिन छूटे हुए छात्र दोबारा आवेदन कर सकें.
300 करोड़ रुपये का होगा प्रावधान
राज्य सरकार इन छात्रों को भुगतान के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर रही है, जो अनुपूरक बजट और बचत मदों (पुनर्विनियोग) से जुटाया जाएगा. यह राहत उन छात्रों के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है जिनकी पारिवारिक आय सीमित है. एससी-एसटी वर्ग के लिए आय सीमा ₹2.5 लाख वार्षिक है. अन्य वर्ग के लिए आय सीमा ₹2 लाख वार्षिक है. इन सीमाओं के भीतर आने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ शिक्षण शुल्क की भरपाई भी की जाती है.
लापरवाही बनी बड़ी वजह
वर्ष 2024-25 में विभिन्न शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये छात्र योजना से वंचित रह गए. कई स्थानों पर अधिकारियों ने डेटा लॉक नहीं किया, तो कहीं संस्थानों ने ऑनलाइन आवेदन प्रोसेस ही नहीं किया. यहां तक कि अलीगढ़ की राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी के नोडल अधिकारी ने एससी छात्रों का डेटा फॉरवर्ड करने के लिए पोर्टल में लॉगिन तक नहीं किया. जबकि अप्रैल में इसके लिए विशेष समयसीमा निर्धारित की गई थी.
जल्द जारी होगी नई समयसारिणी
समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव लक्कु वेंकटेश्वर लू के अनुसार, मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा. कैबिनेट से स्वीकृति मिलते ही छात्रों का ऑनलाइन डेटा प्रोसेस करने के लिए नई समयसारिणी जारी की जाएगी.
छात्रों को मिलेगा उनका हक
यह निर्णय लाखों छात्रों को उनका शैक्षणिक हक दिलाने की दिशा में एक अहम कदम है. सरकार की यह पहल ना सिर्फ शिक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी छात्र का भविष्य प्रशासनिक लापरवाही की भेंट ना चढ़े.
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