Houthis New Plan In Middile East: मध्य पूर्व में संकट लगातार गहराता जा रहा है और इस बार चर्चा का केंद्र हूती विद्रोही हैं. संयुक्त राष्ट्र (UN) की अक्टूबर 2025 में जारी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ईरान समर्थित हूती अब सिर्फ यमन तक सीमित नहीं रहे. वे क्षेत्र के कई आतंकी और सशस्त्र संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं, जिनमें अल-शबाब, अल-कायदा और हिज़्बुल्लाह जैसे कुख्यात संगठन शामिल हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हूती अब यमन के भीतर ही सीमित नहीं हैं. वे पूरे क्षेत्र में हथियारों, प्रशिक्षण और आतंकवादी अभियानों के नेटवर्क का हिस्सा बन चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को सौंपी गई रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि हूती का प्रभाव अब क्षेत्रीय स्तर पर बढ़ गया है.
अल-कायदा और हूती, जमीन पर सहयोग
संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि हूती और अल-कायदा के बीच जमीनी सहयोग देखा गया है. इसमें घायल आतंकियों का इलाज, सूचनाओं का आदान-प्रदान और वित्तीय नेटवर्क शामिल है. अल-कायदा की स्थानीय शाखा ने आत्मघाती हमले किए और क्रिप्टोकरेंसी तथा सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए किया.
हूती प्रमुख अब्दुल मलिक अल-हूथी ने हमास के साथ सहयोग की भी पुष्टि की. जनवरी 2025 में ‘गैलेक्सी लीडर’ जहाज के चालक दल की रिहाई के मामले में दोनों समूहों के बीच आपसी तालमेल देखा गया.
हिज़्बुल्लाह से तकनीकी मदद
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि हिज़्बुल्लाह के तकनीकी सलाहकार हूती-नियंत्रित इलाकों में ड्रोन और मिसाइल प्रोग्राम को तकनीकी मदद दे रहे हैं. सितंबर 2024 में जब लेबनान में इजराइल ने हवाई हमले किए, तब कुछ हूती लड़ाके मारे गए थे. इससे यह स्पष्ट होता है कि हूती, हिज़्बुल्लाह और ईरान का नेटवर्क आपस में रणनीति साझा कर रहा है.
सोमालिया के अल-शबाब के साथ संबंध
हूती और अल-शबाब के बीच संबंध भी तेजी से मजबूत हुए हैं. अल-शबाब के लड़ाकों को यमन में विस्फोटक और ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया. लगभग 400 लड़ाके हूती इलाकों में मिलिट्री ट्रेनिंग ले चुके हैं. हथियारों की तस्करी सोमाली तट से यमन के हद्रामौत और शबवा क्षेत्रों तक की जा रही है.
हूती बन गए प्रमुख हथियार सप्लायर
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि हूती अब क्षेत्र में मुख्य हथियार सप्लायर बन चुके हैं. यमन से फैले तस्करी नेटवर्क के जरिए वे हथियार, ड्रोन और तकनीक पहुंचा रहे हैं. अप्रैल 2025 में अमेरिकी हवाई हमले में इस नेटवर्क के एक प्रमुख सदस्य की मौत भी हुई थी.
गंभीर खतरा मंडरा रहा
संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों का कहना है कि यह सभी गतिविधियां यूएन प्रस्ताव 2216 (2015) का उल्लंघन हैं. हूती के आतंकवादी समूहों के साथ गठबंधन बनाने और अपनी सैन्य व आर्थिक ताकत बढ़ाने की कोशिश से पूरे मध्य पूर्व की शांति और स्थिरता पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है.
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