Russian oil import tariff: दुनिया की दो प्रमुख शक्तियों, अमेरिका और रूस, के राष्ट्राध्यक्षों के बीच शुक्रवार को एक अहम मुलाकात हुई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह बातचीत अलास्का में आयोजित की गई, जिसमें वैश्विक ऊर्जा व्यापार और रूस-यूक्रेन युद्ध के आर्थिक प्रभावों पर चर्चा हुई.
हालिया दिनों में ट्रंप ने रूस से तेल आयात करने वाले देशों पर कड़ा रुख अपनाने का संकेत दिया था. यहां तक कि उन्होंने भारत जैसे देशों को भी कटघरे में खड़ा किया था, जो रूस से तेल खरीद कर 'यूक्रेन युद्ध को आर्थिक समर्थन' दे रहे हैं, ट्रंप का यही आरोप था.
ट्रंप ने क्या कहा?
लेकिन इस उच्च स्तरीय बैठक के बाद ट्रंप का रुख कुछ नरम नजर आया. ट्रंप ने कहा, "अभी नहीं, लेकिन कुछ हफ्तों में विचार करना पड़ सकता है." रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के बाद फॉक्स न्यूज़ को दिए गए एक साक्षात्कार में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “आज जो हुआ, उसके बाद मुझे नहीं लगता कि मुझे इस वक्त रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर किसी तरह के जवाबी टैरिफ लगाने की जरूरत है. लेकिन हो सकता है कि मुझे आने वाले दो या तीन हफ्तों में इस पर विचार करना पड़े.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि बैठक बेहद सकारात्मक रही और कई मुद्दों पर सहमति बनी.
पिछले बयान से बदला सुर?
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब उन्होंने हाल ही में रूस से तेल खरीदने वाले देशों के खिलाफ कठोर आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी थी. ऐसे में इस नरम रुख को लेकर अंतरराष्ट्रीय हलकों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
क्या बदल जाएगा वैश्विक ऊर्जा समीकरण?
इस बैठक का असर आने वाले समय में वैश्विक तेल व्यापार और अमेरिका की विदेश नीति पर देखने को मिल सकता है. ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं के बीच, उनकी विदेश नीति को लेकर यह बातचीत अहम मानी जा रही है.
यह भी पढ़ें- मुनीर की पाकिस्तान में हुई भारी बेइज्जती! 'हिलाल-ए-जुर्रत' मिलने पर लोगों ने बता दी असलियत, जानें पूरा मामला