ट्रंप के विशेष दूत पहुंचे भारत, जयशंकर से की मुलाकात; लेकिन नहीं संभाला अमेरिकी दूतावास में कार्यभार

    Sergio Gor India Visit: भारत और अमेरिका के संबंध, जो बीते वर्षों में व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्रों में मजबूत होते आए हैं, इन दिनों कुछ व्यापारिक मुद्दों विशेषकर टैरिफ को लेकर तनाव के दौर से गुजर रहे हैं.

    Trump special envoy Sergio Gor arrived in India met Jaishankar did not take charge US Embassy
    Image Source: Social Media/X

    Sergio Gor India Visit: भारत और अमेरिका के संबंध, जो बीते वर्षों में व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्रों में मजबूत होते आए हैं, इन दिनों कुछ व्यापारिक मुद्दों विशेषकर टैरिफ को लेकर तनाव के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे समय में एक नई कूटनीतिक हलचल देखने को मिली है, जब अमेरिका के भारत में राजदूत-नामित सर्जियो गोर (Sergio Gor) पहली बार दिल्ली पहुंचे.

    हालांकि गोर ने अभी तक आधिकारिक रूप से भारत में अमेरिकी राजदूत का कार्यभार नहीं संभाला है, लेकिन उनकी इस यात्रा को संबंधों में नई ऊर्जा भरने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

    जयशंकर से मुलाकात और सार्वजनिक संकेत

    गोर की दिल्ली यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री से हुई. मुलाकातों के दौरान दोनों पक्षों की ओर से सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल देखने को मिला. जयशंकर और गोर दोनों ने साथ में मुस्कुराते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसने यह संदेश देने की कोशिश की कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद पटरी पर है.

    इस मुलाकात के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बातचीत "उत्पादक और व्यापक" रही और इसमें भारत-अमेरिका कॉम्प्रिहेंसिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई.

    गोर का अभी तक औपचारिक कार्यभार क्यों नहीं?

    अमेरिकी दूतावास की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सर्जियो गोर ने अभी तक भारत में अपनी नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया, यानी ‘Presentation of Credentials’ पूरी नहीं की है. इसका अर्थ है कि वे अभी अमेरिका के नामित राजदूत हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से भारत में राजदूत का पदभार नहीं संभाला है.

    इस प्रक्रिया को लेकर दूतावास ने बयान दिया, “राजदूत की औपचारिक तैनाती और कार्यभार संभालने की तारीख अभी तय नहीं हुई है.” वर्तमान में वे अमेरिका के उप सचिव माइकल जे. रिगास के साथ छह दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना है.

    टैरिफ विवाद और व्यापारिक तनाव

    गोर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 50% तक का टैरिफ लगाने का फैसला किया है. इस निर्णय से भारतीय निर्यातकों को नुकसान होने की आशंका है, और इससे द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों में कुछ तल्खी आ गई है.

    हालांकि अभी तक भारत सरकार की ओर से कोई प्रत्यक्ष जवाबी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि गोर और अन्य अमेरिकी अधिकारियों की इस यात्रा के दौरान इन मुद्दों पर शांतिपूर्ण समाधान तलाशने की कोशिशें हो रही हैं.

    हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर साझा रणनीति

    अमेरिकी विदेश विभाग ने गोर की भारत यात्रा से पहले ही एक बयान जारी कर यह संकेत दिया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ मिलकर सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के लिए काम करता रहेगा. इस बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका की भारत नीति में हिंद-प्रशांत क्षेत्र अब भी केंद्रीय प्राथमिकता बना हुआ है. सर्जियो गोर की तैनाती को इस रणनीतिक दिशा में एक अहम कड़ी माना जा रहा है.

    भारतीय संस्कृति में रचते-बसते सर्जियो गोर

    गोर की भारत यात्रा से पहले वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित दीवाली समारोह में उन्होंने हिस्सा लिया था. भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने सर्जियो गोर का स्वागत करते हुए लिखा,“भारत यात्रा से पहले राजदूत सर्जियो गोर का स्वागत करते हुए खुशी हुई.”

    इस समारोह में गोर ने भारतीय समुदाय के साथ दीवाली का उत्सव मनाया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे भारत के सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य से भी परिचित हो रहे हैं. यह संकेत देता है कि उनकी नियुक्ति केवल कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकती है.

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