PM Modi Assam Visit: पूर्वोत्तर भारत एक बार फिर विकास की रोशनी से जगमगा उठा है. पश्चिम बंगाल दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय असम यात्रा पर पहुंचे, जहां उन्होंने गुवाहाटी स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन किया. यह टर्मिनल न केवल आधुनिक तकनीक का उदाहरण है, बल्कि प्रकृति और परंपरा से जुड़ी सोच का भी प्रतीक है.
खास बात यह है कि यह देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट टर्मिनल है, जिसकी डिजाइन प्रकृति-थीम पर आधारित है. बांस उद्यान (Bamboo Garden) की अवधारणा से प्रेरित इस टर्मिनल में आधुनिकता और पर्यावरण के बीच संतुलन को बखूबी दर्शाया गया है. प्रधानमंत्री की यह यात्रा केवल एक उद्घाटन कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूर्वोत्तर के विकास की बड़ी तस्वीर को भी दर्शाती है.
The new terminal building of Lokapriya Gopinath Bardoloi International Airport will boost connectivity, commerce and tourism across Assam and entire Northeast.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2025
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‘विकास का उत्सव’ में शामिल हुए हजारों लोग
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बेहद खास अंदाज़ में की. उन्होंने इसे सिर्फ असम नहीं, बल्कि पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए “विकास का उत्सव” बताया.
पीएम मोदी ने लोगों से मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाने की अपील करते हुए कहा कि यह रोशनी उस विकास का प्रतीक है, जो असम और पूरे पूर्वोत्तर में पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि जब विकास का प्रकाश हर व्यक्ति तक पहुंचता है, तो जिंदगी नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ने लगती है. तालियों और रोशनी से भरे इस दृश्य ने कार्यक्रम को एक उत्सव का रूप दे दिया.
असम से जुड़ाव और पूर्वोत्तर के लिए संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में असम और यहां के लोगों से अपने भावनात्मक जुड़ाव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि असम की धरती, यहां के लोगों का स्नेह और खासकर पूर्वोत्तर की माताओं-बहनों का प्रेम उन्हें निरंतर प्रेरणा देता है.
उन्होंने कहा कि आज असम के विकास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है. जिस तरह ब्रह्मपुत्र नदी की धाराएं कभी नहीं रुकतीं, उसी तरह भाजपा की डबल इंजन सरकार में विकास की धारा भी निरंतर बह रही है. नया एयरपोर्ट टर्मिनल इसी संकल्प का जीवंत उदाहरण है.
नई टर्मिनल बिल्डिंग: क्षमता, विरासत और तकनीक का संगम
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस नई टर्मिनल बिल्डिंग के शुरू होने से गुवाहाटी एयरपोर्ट की यात्री क्षमता में बड़ा इजाफा होगा. अब यहां से सवा करोड़ से अधिक पर्यटक यात्रा कर सकेंगे, जिससे पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा. खासतौर पर मां कामाख्या के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा और भी आसान हो जाएगी.
टर्मिनल की डिजाइन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह इमारत विकास और विरासत दोनों का संदेश देती है. टर्मिनल के भीतर हरियाली, प्रकृति से जुड़ी वास्तुकला और अत्याधुनिक तकनीक का मेल देखने को मिलता है.
बांस से बनी इमारत और बदला गया कानून
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में एक महत्वपूर्ण नीति बदलाव का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से पहले देश में बांस को पेड़ मानकर उस पर कटाई से जुड़े कई प्रतिबंध थे. जबकि दुनिया भर में बांस को एक पौधा माना जाता है.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कानून में बदलाव कर बांस को ग्रास कैटेगरी में शामिल किया, जिससे बांस आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिला. इसी बदलाव का नतीजा है कि आज बांस जैसी पारंपरिक और पर्यावरण-अनुकूल सामग्री से इतनी भव्य और मजबूत टर्मिनल बिल्डिंग बन पाई है.
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आज दुनिया भर में भारत के एयरपोर्ट डिज़ाइन और संरचनाओं की चर्चा हो रही है, और गुवाहाटी का यह टर्मिनल उसी सोच का प्रतीक है.
15600 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
अपने असम दौरे के दूसरे दिन, यानी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में 15,600 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इन परियोजनाओं का उद्देश्य इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, ऊर्जा और जनकल्याण से जुड़े क्षेत्रों को और मजबूत करना है.
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